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लॉक डाउन में फंसी शादियां, बैंड, बाजा और बारात पर लगी रहेगी रोक

मधेपुरा : पखवाड़े से कोरोना वायरस सक्रिय है. यह कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है. इसके कंट्रोल के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. आगामी आदेश तक सभी सरकारी और गैर सरकारी आयोजनों पर रोक लगा दी गई है. इससे अगले महीने 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त में शादी […]

मधेपुरा : पखवाड़े से कोरोना वायरस सक्रिय है. यह कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है. इसके कंट्रोल के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. आगामी आदेश तक सभी सरकारी और गैर सरकारी आयोजनों पर रोक लगा दी गई है. इससे अगले महीने 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त में शादी समारोह नहीं होंगे. यह खबर उन युवक-युवतियों को निराश कर देने वाली है, जिनके रिश्ते तय हो गए थे, सिर्फ सात फेरे लेना शेष रह गया था. वहीं शादियां कराने वाली सामाजिक संस्थाओं ने भी अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया है. लोगों ने कार्ड वितरण के बावजूद संबंधियों को फोन कर स्थगन की सूचना दे दी है. जिनके घर पिछले दो माह से तैयारियां चल रहीं थीं. टैंट, मैरेज हॉल, हलवाई, बैंड बाजा, डीजे बुकिंग को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया है. दुल्हा-दुल्हन को भी संक्रमण का रहेगा खतरालॉकडाउन को लेकर एक तरफ पूरा देश थम सा गया है. वहीं दूसरी तरफ शादियां कैंसिल होने लगी है. कोरोना वायरस का संक्रमण ने कई दूल्हे – दूल्हन के ब्याह रचाने व शादी की शहनाई गूंजने तक पर भी ब्रेक लगा दिया है. 14 अप्रैल तक देश में लॉकडाउन है. इसके आगे बढ़ने की भी उम्मीद जताई जा रही है. हिंदू कलैंडर के मुताबिक 14 अप्रैल से खरमास समाप्त होते ही कइयों की शहनाई गूंजने वाली थी. लेकिन बाजार बंद होने से शादियों के लिए न तो दूल्हे-दुल्हन के जोड़े मिल रहे हैं और न ही सामान. रेल परिचालन बंद होने से रिश्तेदार भी नहीं आ सकते हैं. उपर से कोरोना का भय लोगों को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दे रहा है. ऐसे शादी समारोह के आयोजन पर ही कोरोना का आफत आ गया है. स्थानीय चिकित्सक डॉ असीम प्रकाश कहते है कि शादी में भीड़ जमा होने से संक्रमण के फैलाव को रोकना मुश्किल होगा. ऐसे में दुल्हा-दुल्हन भी चपैट में आ सकते है. क्या कहते हैं पंडितपंडित विभाष चंद्र झा कहते है कि राष्ट्रीय विपत्ति और प्राकृतिक आपदा के समय में शादी आदि मांगलिक कार्य करना ठीक नहीं होता है. ज्योतिषी गणना के अनुसार गुरु का नीच होना महिलाओं के लिए शुभ नहीं होता. गुरु नीच होने की दशा में शादियां 14 मई तक टालना बेहतर रहेगा. अगर बहुत जरूरी है तो लॉक डाउन के बाद प्रशासन से परमिशन लेकर कोर्ट मैरिज या मंदिर से कर सकते हैं. वैसे शादी समारोह उत्साह के प्रतीक होते हैं, इसलिए बेहतर होगा अभी इन आयोजनों से बचें.कुछ लोगों ने पेश किया उदाहरणमधेपुरा जिले के कुमारखंड प्रखंड निवासी सचिन महतो ने बेटी की शादी टाल दी है. उन्होंने बताया कि बारात मुरलीगंज से ही आने वाली थी. लेकिन लॉक डाउन की वजह से अप्रैल में शादी संभव नहीं है. सरकार लॉक डाउन में राहत भी देगी तो सभी मेहमानों का मेडिकल जांच करवाना संभव नही है. ऐसे में नवंबर ही बेहतर विकल्प होगा. ग्वालपाड़ा के अविनाश कुमार बताते है कि उनकी शादी पूर्णिया में है. लेकिन परिजनों ने विवाह को फिलहाल रोक दिया है. -मई- इस माह में शादी के लिए कुल 16 मुहूर्त हैं. 1, 2, 3, 4, 6, 8, 9, 10, 11, 13, 17, 18, 19, 23, 24 और 25.-जून- जून में विवाह के लिए विवाह के 9 मुहूर्त हैं। 13, 14, 15, 25, 26, 27, 28, 29 और 30.-नवंबर- साल के 11वें माह में विवाह के केवल 3 मुहूर्त हैं. 26, 29 और 30.-दिसंबर- साल 2020 के आखिरी माह में विवाह के 8 मुहूर्त हैं. 1, 2, 6, 7, 8, 9, 10 और 11.

वहीं दूसरी तरफ शादियां कैंसिल होने लगी है. कोरोना वायरस का संक्रमण ने कई दूल्हे – दूल्हन के ब्याह रचाने व शादी की शहनाई गूंजने तक पर भी ब्रेक लगा दिया है. 14 अप्रैल तक देश में लॉकडाउन है. इसके आगे बढ़ने की भी उम्मीद जताई जा रही है. हिंदू कलैंडर के मुताबिक 14 अप्रैल से खरमास समाप्त होते ही कइयों की शहनाई गूंजने वाली थी. लेकिन बाजार बंद होने से शादियों के लिए न तो दूल्हे-दुल्हन के जोड़े मिल रहे हैं और न ही सामान. रेल परिचालन बंद होने से रिश्तेदार भी नहीं आ सकते हैं. उपर से कोरोना का भय लोगों को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दे रहा है.

ऐसे शादी समारोह के आयोजन पर ही कोरोना का आफत आ गया है. स्थानीय चिकित्सक डॉ असीम प्रकाश कहते है कि शादी में भीड़ जमा होने से संक्रमण के फैलाव को रोकना मुश्किल होगा. ऐसे में दुल्हा-दुल्हन भी चपैट में आ सकते है. क्या कहते हैं पंडितपंडित विभाष चंद्र झा कहते है कि राष्ट्रीय विपत्ति और प्राकृतिक आपदा के समय में शादी आदि मांगलिक कार्य करना ठीक नहीं होता है. ज्योतिषी गणना के अनुसार गुरु का नीच होना महिलाओं के लिए शुभ नहीं होता. गुरु नीच होने की दशा में शादियां 14 मई तक टालना बेहतर रहेगा. अगर बहुत जरूरी है तो लॉक डाउन के बाद प्रशासन से परमिशन लेकर कोर्ट मैरिज या मंदिर से कर सकते हैं.

वैसे शादी समारोह उत्साह के प्रतीक होते हैं, इसलिए बेहतर होगा अभी इन आयोजनों से बचें.कुछ लोगों ने पेश किया उदाहरणमधेपुरा जिले के कुमारखंड प्रखंड निवासी सचिन महतो ने बेटी की शादी टाल दी है. उन्होंने बताया कि बारात मुरलीगंज से ही आने वाली थी. लेकिन लॉक डाउन की वजह से अप्रैल में शादी संभव नहीं है. सरकार लॉक डाउन में राहत भी देगी तो सभी मेहमानों का मेडिकल जांच करवाना संभव नही है.

ऐसे में नवंबर ही बेहतर विकल्प होगा. ग्वालपाड़ा के अविनाश कुमार बताते है कि उनकी शादी पूर्णिया में है. लेकिन परिजनों ने विवाह को फिलहाल रोक दिया है. -मई- इस माह में शादी के लिए कुल 16 मुहूर्त हैं. 1, 2, 3, 4, 6, 8, 9, 10, 11, 13, 17, 18, 19, 23, 24 और 25.-जून- जून में विवाह के लिए विवाह के 9 मुहूर्त हैं। 13, 14, 15, 25, 26, 27, 28, 29 और 30.-नवंबर- साल के 11वें माह में विवाह के केवल 3 मुहूर्त हैं. 26, 29 और 30.-दिसंबर- साल 2020 के आखिरी माह में विवाह के 8 मुहूर्त हैं. 1, 2, 6, 7, 8, 9, 10 और 11.

ऐसे शादी समारोह के आयोजन पर ही कोरोना का आफत आ गया है. स्थानीय चिकित्सक डॉ असीम प्रकाश कहते है कि शादी में भीड़ जमा होने से संक्रमण के फैलाव को रोकना मुश्किल होगा. ऐसे में दुल्हा-दुल्हन भी चपैट में आ सकते है. क्या कहते हैं पंडितपंडित विभाष चंद्र झा कहते है कि राष्ट्रीय विपत्ति और प्राकृतिक आपदा के समय में शादी आदि मांगलिक कार्य करना ठीक नहीं होता है. ज्योतिषी गणना के अनुसार गुरु का नीच होना महिलाओं के लिए शुभ नहीं होता. गुरु नीच होने की दशा में शादियां 14 मई तक टालना बेहतर रहेगा. अगर बहुत जरूरी है तो लॉक डाउन के बाद प्रशासन से परमिशन लेकर कोर्ट मैरिज या मंदिर से कर सकते हैं.

वैसे शादी समारोह उत्साह के प्रतीक होते हैं, इसलिए बेहतर होगा अभी इन आयोजनों से बचें.कुछ लोगों ने पेश किया उदाहरणमधेपुरा जिले के कुमारखंड प्रखंड निवासी सचिन महतो ने बेटी की शादी टाल दी है. उन्होंने बताया कि बारात मुरलीगंज से ही आने वाली थी. लेकिन लॉक डाउन की वजह से अप्रैल में शादी संभव नहीं है. सरकार लॉक डाउन में राहत भी देगी तो सभी मेहमानों का मेडिकल जांच करवाना संभव नही है. ऐसे में नवंबर ही बेहतर विकल्प होगा.

ग्वालपाड़ा के अविनाश कुमार बताते है कि उनकी शादी पूर्णिया में है. लेकिन परिजनों ने विवाह को फिलहाल रोक दिया है. -मई- इस माह में शादी के लिए कुल 16 मुहूर्त हैं. 1, 2, 3, 4, 6, 8, 9, 10, 11, 13, 17, 18, 19, 23, 24 और 25.-जून- जून में विवाह के लिए विवाह के 9 मुहूर्त हैं। 13, 14, 15, 25, 26, 27, 28, 29 और 30.-नवंबर- साल के 11वें माह में विवाह के केवल 3 मुहूर्त हैं. 26, 29 और 30.-दिसंबर- साल 2020 के आखिरी माह में विवाह के 8 मुहूर्त हैं. 1, 2, 6, 7, 8, 9, 10 और 11.

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