मधेपुरा.
एनसीसी को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत स्नातक स्तरीय च्वाइस बेस्टड क्रेडिट सिस्टम में सामान्य ऐच्छिक विषय के रूप में भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल करने को लेकर सिंडिकेट सदस्य मेजर गौतम कुमार ने कुलपति से मुलाकात कर पहल की मांग की. सिंडिकेट सदस्य मेजर गौतम कुमार के मांग पर त्वरित संज्ञान लेते हुये कुलपति प्रो विमलेंदु शेखर झा ने इस संबंध में अग्रेत्तर कार्रवाई के लिए आदेश जारी किया. मेजर गौतम ने कहा कि कुलपति के सकारात्मक पहल से एनसीसी के चाहने वालों में कुलपति का आभार व्यक्त किया है. साथ ही एनसीसी के चाहने वालों में हर्ष व्याप्त है. उन्होंने कहा कि मामले में यूएमआवएस को वेबसाइट पर लोड करने का आदेश भी जारी कर दिया गया है. सिंडिकेट सदस्य ने कहा कि कुलपति द्वारा यह आदेश बीएनएमयू के लिए बड़ी उपलब्धि है. निकट भविष्य में इसके कई सार्थक परिणाम देखने को मिलेंगे. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली द्वारा देश के सभी सरकारी व निजी महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में एनसीसी को विषय इसमें चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के अंतर्गत एक ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल करने का पत्र जारी किया गया था. इसी कड़ी में राज्यपाल सचिवालय बिहार द्वारा भी पत्र जारी किया गया था. जिसके बाद मेजर गौतम कुमार इसको लागू करवाने के लिए लंबे समय से लगातार सीनेट व सिंडिकेट में आवाज उठाने के अतिरिक्त पत्राचार के द्वारा भी मुखर रहे. कुलपति द्वारा आदेश के बाद मेजर गौतम बताते हैं कि एनसीसी के स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम का अंग बनने पर इसके गौरवशाली इतिहास में एक नया आयाम जुड़ेगा. इससे युवा पीढ़ी एनसीसी की ओर आकर्षित होगी. उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदुर के बाद से उत्पन्न परिस्थितियों में पूरे देश में सिविल डिफेंस वॉरियर की जरूरतें बढ़ी है. इसमें एनसीसी कैडेट्स की भी बड़ी भूमिका है. इस कोर्स के जरिए छात्र-छात्राएं एनसीसी के प्रेरणादायक इतिहास व गौरवशाली परंपराओं में शिक्षित व दीक्षित हो सकेंगे और उन्हें युद्ध कौशल, आपदा प्रबंधन, राष्ट्रीय सुरक्षा, राष्ट्रीय एकता, नागरिक मामले, सामाजिक जागरूकता, सामुदायिक विकास, जन स्वास्थ्य, स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण समेत अन्य का भी ज्ञान प्राप्त होगा. इससे छात्र-छात्राओं में अनुशासन, राष्ट्रप्रेम, निस्वार्थ सेवाभाव व अन्य चारित्रिक गुणों का विकास होगा और भारतीय सेना जैसे गौरवशाली क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के इच्छुक छात्र-छात्राओं के लिए यह मील का पत्थर साबित होगा. इसके अलावा छात्र-छात्राएं अन्य सरकारी व गैर-सरकारी क्षेत्र में भी रोजगार प्राप्त करने में दक्ष होंगे और आत्मरक्षा प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों में स्वरोजगार व उद्यम भी कर सकेंगे. यह प्रकारांतर से विकसित भारत 2047 अभियान में उत्प्रेरक साबित होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है