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संसाधन के अभाव में हांफ रहा है अग्निशमन

मधेपुरा : जिले के विभिन्न पंचायतों में लाखों की आबादी दहशत में हैं. इस वर्ष सिंहेश्वर प्रखंड से शुरू हुए अगलगी की घटना अनवरत जारी है. होली के दिन उदाकिशुनगंज प्रखंड के तेलडीहा गांव में एक दर्जन परिवारों के आशियाने जल गयी थी. जबकि बुधवार को ग्वालपाड़ा प्रखंड में आधा दर्जन घर जल कर स्वाहा […]

मधेपुरा : जिले के विभिन्न पंचायतों में लाखों की आबादी दहशत में हैं. इस वर्ष सिंहेश्वर प्रखंड से शुरू हुए अगलगी की घटना अनवरत जारी है. होली के दिन उदाकिशुनगंज प्रखंड के तेलडीहा गांव में एक दर्जन परिवारों के आशियाने जल गयी थी. जबकि बुधवार को ग्वालपाड़ा प्रखंड में आधा दर्जन घर जल कर स्वाहा हो गया.

जिले में अगलगी से भारी तबाही के बावजूद दमकल की व्यवस्था भगवान भरोसे है. दमकल केंद्र से प्रखंडों की दूरी अधिक रहने से ग्रामीणों को ससमय दमकल की सुविधा नहीं मिल पाने के कारण उनमें आक्रोश है.

पिछले दिनों शहर के नवटोलिया मोहल्ले के वार्ड नंबर एक में आग लगने के कारण आधा दर्जन लोगों के घर जल गये थे. इस घटना में करीब पांच लाख का नुकसान होने की बात कही गयी थी. घटना खाना पकाने के दौरान चूल्हे से निकली चिंगारी के कारण घटित होना बतायी गयी थी. आग लगने के कारण दस लाख से अधिक की संपत्ति के जल कर नष्ट हो गयी थी. सुखासन शेख टोला में लगी आग ने 16 परिवारों का आशियाना उजड़ गया था. वहीं जिले के गम्हरिया, उदाकिशुनगंज, चौसा, पुरैनी, शंकरपुर, आलमनगर, बिहारीगंज व ग्वालपाड़ा प्रखंडों में भी इस वर्ष आग लगने से दर्जनों घर राख हो चुके है.

सुविधा विहीन है अग्निशमन: सरकारी आदेशों की माने तो जिले के सभी थानों में एक दमकल की व्यवस्था किये जाने का प्रावधान है. सूत्रों के अनुसार सारी प्रक्रिया तो पूरी कर दी गयी है लेकिन अब तक गाड़ियां जहां उपलब्ध नहीं हो पायी है वहीं कर्मियों के अभाव में अग्निशमन दस्ता खुद को लाचार बताता है. फायरमैन दीपक कुमार व प्रधान चालक ललितकांत पासवान कहते हैं कि विभाग के पास फिलवक्त 02 गाड़ियां जिला मुख्यालय व 02 गाड़ियां उदाकिशुनगंज अनुमंडल में है. जिनमें एक गाड़ी महाशिवरात्रि मेला को लेकर सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के कार्यालय में लगी हुयी है. इन 04 गाड़ियों के साथ महज 04 कर्मियों की ही तैनाती की गयी है जबकि दरकार 10 कर्मियों की है. कर्मी उपकरणों के अभाव का भी रोना रोते हैं.

बताते हैं कि उपकरण मसलन फोम (पेट्रोल की आग बुझाने के लिए), स्टूवेटर (कागज व प्रतिष्ठान की आग बुझाने के लिए), ग्लब्स, केमिकल व पानी के अभाव में उन्हें विकल्प तलाशने पड़ते हैं. बदहाली का आलम यह है कि अग्निशमन दस्ता आग पर काबू पाने के लिए दमकल में आठ किमी दूर सिंहेश्वर स्थित पुलिस लाइन जाकर स्टेट बोरिंग से पानी भरते हैं.

फायर कैंप में नहीं है हाइडेंट की सुविधा : अग्निशमन दस्ते की माने तो फायर कैंप में हाइडेंट की सुविधा तक बहाल नहीं है. लिहाजा, पानी भरने के लिए उन्हें पुलिस लाइन जाना पड़ता है. हालांकि विभाग की ओर से हाइडेंट पाइप दे दी गयी है लेकिन अब तक कैंप में उसे बोरिंग से जोड़ा नहीं जा सका है. यही नहीं विभाग को पांच गाड़ियां भी आवंटित की जा चुकी है लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण गाड़ियां अब तक विभाग को उपलब्ध नहीं हो सकी है.

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