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न्याय नहीं, तो कर लूंगी आत्मदाह

मुरलीगंज : मुरलीगंज प्रखंड के रतनपट्टी गांव की महिला रूबी देवी अपने पति विजय चौधरी और अपने ससुराल वालों पर उसे जान से मारने की साजिश करने का आरोप लगाया है. महिला ने अपनी जान बचाने की गुहार लगाती फिर रही है. हाल यह है कि उसने कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में आत्मदाह की […]

मुरलीगंज : मुरलीगंज प्रखंड के रतनपट्टी गांव की महिला रूबी देवी अपने पति विजय चौधरी और अपने ससुराल वालों पर उसे जान से मारने की साजिश करने का आरोप लगाया है. महिला ने अपनी जान बचाने की गुहार लगाती फिर रही है. हाल यह है कि उसने कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में आत्मदाह की धमकी भी दी है. गौरतलब है कि रूबी देवी ने अपने पति के अवैध संबंध का हवाला देते हुए दहेज के लिए भी प्रताड़ित किये जाने का आरोप लगाते हुए पहले ही थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इस मामले में सामाजिक पंचायत भी हो चुकी है.
वहीं मधेपुरा न्यायालय में पति ने बांड बनाकर रूबी देवी को कभी प्रताड़ित नहीं करने का भरोसा दिया था. रूबी देवी का कहना है कि इन सबके बावजूद उसे प्रताड़ित करने का सिलसिला जारी है. अब वह इस स्थिति से तंग आ चुकी है. पुलिस भी आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. रूबी देवी की एक आठ साल की बेटी भी है. रूबी देवी ने 09 दिसंबर 2016 को मुरलीगंज थानाध्यक्ष के नाम आवेदन दिया था. उसने पति विजय चौधरी पर जहर देकर मारने की कोशिश व अजय चौधरी व सुनीता देवी पर प्रताड़ित व मारपीट करने का आरोप लगाया था. पीड़िता ने बताया कि उसके पति का अवैध संबंध है.
विरोध करने पर उसे मारा जाता है. इस सत्य को उसके पति ने ग्रामीणों एवं पंचायत प्रतिनिधियों की एक एकरारनामे में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया. पंचायत में उसके पति ने शपथ पत्र बना कर इस मामले को तत्काल शांत कर किया था. 21 अक्तूबर 2011 मधेपुरा न्यायालय में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के सामने ही थाना कांड संख्या 139/2011 में विजय चौधरी ने एकरारनामा बांड बनाकर कहा कि हम लोग एकरारनामे लिख रहे हैं कि मैं अपनी पत्नी को ठीक ढंग से रखूंगा. उसे किसी प्रकार की मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना नहीं देंगे. रूबी देवी और उसकी लड़की की देखभाल अपने सामर्थ्य के अनुसार करेंगे.
अपनी पत्नी और बेटी का खर्चा देते रहेंगे. अगर भविष्य में रूबी देवी के साथ किसी तरह की प्रताड़ना दंगे तो कानूनी दोषी होंगे. इस तरह के बांड पर 21 अक्तूबर 2011 को उसने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मधेपुरा के सामने हस्ताक्षर किया. पीड़िता ने पुनः मुरलीगंज थाना में न्याय के लिए नौ दिसंबर 2016 को आवेदन दिया. थानाध्यक्ष ने फिर से प्राथमिक कांड संख्या 327/2016 दर्ज की. रूबी देवी इस मामले में प्रखंड से जिला मुख्यालय तक अधिकारियों के पास गुहार लगा चुकी है. लेकिन नतीजा सिफर है. उसने इस आशय की सूचना पुलिस अधीक्षक महोदय मधेपुरा को भी दिनांक 14 दिसंबर 16 रजिस्टर्ड पत्र द्वारा दी है.

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