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मेला परिसर में अतिक्रमणकारियों में खलबली

सिंहेश्वर न्यास समिति की जमीन को आजीविका के नाम पर ले कर किराये पर लगाने वालों पर कार्रवाई की हो रही तैयारी उपसमिति गठित कर न्यास ने ऐसे लोगों पर कार्रवाई का दिया संकेत, वर्तमान दुकानदारों के नाम की जायेगी दुकान न्यास समिति की ओर से गठित उपसमिति कर रही सर्वेक्षण काम कई लोग किये […]

सिंहेश्वर न्यास समिति की जमीन को आजीविका के नाम पर ले कर किराये पर लगाने वालों पर कार्रवाई की हो रही तैयारी

उपसमिति गठित कर न्यास ने ऐसे लोगों पर कार्रवाई का दिया संकेत, वर्तमान दुकानदारों के नाम की जायेगी दुकान
न्यास समिति की ओर से गठित उपसमिति कर रही सर्वेक्षण काम कई लोग किये गये हैं चिह्नित
सिंहेश्वर : इन दिनों सिंहेश्वर मेला परिसर में अस्थायी दुकानदारों के बीच हलचल मची हुई है. हर कोई न्यास कार्यालय का चक्कर लगा रहा है. यह स्थिति न्यास समिति द्वारा मेला परिसर में बनी दुकानों के सर्वेक्षण कार्य के कारण बनी है. दरअसल न्यास समिति ने अपनी पूर्व की बैठकों में लिये गये निर्णय के आलोक में दुकानों का सर्वेक्षण कार्य कर रही है. इस सर्वेक्षण की दुकानदारों को आवंटित जमीन एवं दुकानदारों का भौतिक सत्यापन भी किया जा रहा है.
हालांकि यह सर्वेक्षण कार्य बहुत पहले कर लिया जाना था लेकिन देर आये दुरुस्त आये की तर्ज पर इस कार्य को देखा जा सकता है. वहीं इस सर्वेक्षण कार्य के कारण वैसे लोगों में खलबली मची हुई जो वर्षों से न्यास समिति की जमीन पर दुकान बना कर या जमीन को सस्ते दर पर लेकर उंचा किराया वसूलते आ रहे हैं. इस काम में सेटिंग की चर्चा भी जोरों पर है. इसलिये न्यास कार्यालय के कर्मियों के साथ गुपचुप मीटिंग का दौर चलता रहता है. हालांकि इस कार्य से वैसे दुकानदारों मे खुशी है जिन्होंने बिचौलियों से दुकान को किराये पर लिया है.
क्या है ये सर्वेक्षण काम . विगत वर्ष 30 नवंबर को हुई न्यास समिति की बैठक में यह सामने आया कि मेला परिसर में अस्थायी दुकानदारों को जितनी जमीन आवंटित की गयी है, दुकानदार उससे ज्यादा जमीन को अपने कब्जे में लेकर इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि किराया आवंटित जमीन का ही दे रहे हैं. वहीं यह मुद्दा भी जोरशोर से उछला कि कुछ लोग जमीन को अपनी पैतृक संपत्ति समझ कर दुकान का किराया वसूल रहे हैं. बैठक में अध्यक्ष एवं सचिव सहित अन्य सदस्यों ने तय किया कि आवंटित जमीनों का भौतिक सत्यापन किया जाये.
इसके साथ ही यह भी निर्णय हुआ कि एक उपसमिति गठित कर वस्तुस्थिति को सामने लाने के लिये सर्वेक्षण करायी जाये. चार सदस्यीय उप समिति बनायी गयी. इसमें उपेंद्र रजक, सरोज सिंह, सुधीर ठाकुर एवं धर्मनारायण ठाकुर को शामिल किया गया. इस उपसमिति को यह जांच करना था कि न्यास ने संबंधित लोगों कितना भूखंड आवंटित किया है और उन्होंने कितनी अधिक जमीन को अपने कब्जे में लिया है़ वहीं इस दौरान उपसमिति को यह जांच भी करना था कि किन लोगों ने न्यास की जमीन पर दुकान बना कर एवं खाली जमीन को किराये पर लगाया है.
वर्तमान में उन दुकानों और जमीन का उपयोग कौन कर रहा है. उपसमिति को इन मामलों की जांच कर अपनी रिपोर्ट न्यास समिति को सौंपनी थी. रिपोर्ट में यह भी चिन्हित किया जाना था कि न्यास की जमीन को किराये पर दे रहे हैं. इनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी, इसके बारे में उल्लेख किया जाना है. वहीं किराये की बकाया राशि को देखते हुए यह भी तय किया गया कि वर्तमान में जो लोग दुकान कर रहे हैं, जमीन उनके नाम से ही आवंटित कर दी जायेगी़
माल किसी का और कमाल किसी का . आजीविका के लिये रोजागार करने का उद्देश्य दिखा कर न्यास समिति की जमीन पर महज कुछ फीट ले कर इसे बडा भूखंड बना लेना और इस जमीन को किराये पर लगा कर राशि हासिल करने वालों की फेहरिस्त लंबी है. लोगों ने इस जमीन पर आवासीय परिसर तक बना लिये हैं. चापाकल लगा कर शौचालय, स्नानघर आदि तक बना लिया गया है. वहीं कुछ लोग जमीन पर अस्थायी दुकान बना किराये पर लगा कर वर्षों से किराया वसूल रहे हैं. लोगों की मानें तो इसमें न्यास समति के कर्मियों की मिलीभगत रहती है. इसकी एवज में वे मोटी रकम वसूलते हैं.
न्यास की जमीन हथियाने का है पुराना इतिहास. सिंहेश्वर प्रखंड मुख्यालय में आधे से अधिक जमीन भोले बाबा की है़ लेकिन विडंबना है कि यह जमीन भी अब आधी रह गयी है. दशकों पहले से कुछ पहुंच वाले लोगों ने जमीन पर कब्जा कर लिया और कुछ लोगों ने उसे अपने नाम से रजिस्ट्री भी करा ली. हालांकि कुछ लोग अब भी लाइन में लगे हुए हैं. न्यास खानापूर्ति कर कार्रवाई के नाम पर केवल अतिक्रमणकारियों की सूची जारी कर रह जाता है.
सिंहेश्वर मेला परिसर में बनीं दुकानें.
सर्वेक्षण कार्य जारी है. अधिकतर भूखंड और दुकानों का सर्वेक्षण कर लिया गया है व मापी भी कर ली गयी है. जल्दी ही रिपोर्ट न्यास समिति की बैठक में प्रस्तुत कर अमल में लायी जायेगी. कुछ लोग वर्षों से भूखंडों पर काबिज होकर उसे किराये पर लगाने में लिप्त पाये गये हैं. ऐसे लोग दबाव बना रहे हैं लेकिन उनके मनसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जायेगा. उप समिति निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से सर्वेक्षण का काम कर रही है.
– सरोज सिंह, सदस्य, सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति

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