सिंहेश्वर अंचल कार्यालय में लोगों को झेलनी पड़ती हैं कई समस्याए
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भूदाता हैं तो क्या, दानपत्र का फाॅर्मेट लेकर आयें
सिंहेश्वर अंचल कार्यालय में लोगों को झेलनी पड़ती हैं कई समस्याए मधेपुरा : अगर आप अंचल कार्यालय सिंहेश्वर किसी कार्य से जा रहें, तो सारी तैयारी के साथ आयें. यहां कोई कागजात उपलब्ध नहीं है. आप अगर भूदाता भी हैं, तो क्या हुआ दानपत्र का फार्मेट भी साथ में लेकर आये. सिंहेश्वर अंचल कार्यालय काम […]
मधेपुरा : अगर आप अंचल कार्यालय सिंहेश्वर किसी कार्य से जा रहें, तो सारी तैयारी के साथ आयें. यहां कोई कागजात उपलब्ध नहीं है. आप अगर भूदाता भी हैं, तो क्या हुआ दानपत्र का फार्मेट भी साथ में लेकर आये. सिंहेश्वर अंचल कार्यालय काम कुछ इसी तरह से चल रहा है. और इसका हालिया उदाहरण हैं तीन माह से अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे भूदाता सुखासन निवासी हेम कुमार.
सिंहेश्वर अंचल कार्यालय के आस-पास आपको ऐसे कई पीड़ित मिल जायेंगे, जिनका काम समय से नहीं होता और उन्हें इस तरह की कई समस्याओं से दो चार होना पड़ता है. एक तरफ जहां सरकार विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र सहित अन्य शैक्षणिक संस्थानों के लिए जमीन दान देने वालों को प्रोत्साहित कर रही है. वहीं दूसरी तरफ जिले में स्कूल को जमीन दान देने के लिए दानदाता को दर-दर भटकना पड़ रहा है.
भूदाता सिंहेश्वर सुखासन निवासी हेम कुमार ने जून माह में ही सिंहेश्वर प्रखंड अंतर्गत सुखासन पंचायत स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय नवटोलिया रामटोला वार्ड नंबर 03 में जमीन दान देने के लिए अंचलाधिकारी सिंहेश्वर को आवेदन दिया था. तब से आज तक दानदाता अंचल कार्यालय का चक्कर काट रह है. हालत यह है कि दानदाता को कभी डीसीएलआर कार्यालय तो कभी निंबधन कार्यालय से दान का फार्मेट लाने के लिए दौड़ा दिया जाता है. आखिरकार तंग आकर स्कूल को जमीन दान देने का मन बना चूके भूदाता इसकी शिकायत डीएम से लेकर सीएम तक करने की बात कही है.
तकनीकी रूप से फिसड्डी अधिकारी का खामियाजा भुगत रहे भूदाता : भले ही सरकार अधिकारियों को नयी तकनीक से लैस करने एवं ज्ञान प्राप्त करने का निर्देश दे रही हो लेकिन अधिकारी इस मामले में कोसों दूर है. बिहार सरकार के ही निबंधन विभाग के वेबसाइट पर हर तरह के दान पत्र से लेकर अन्य दस्तावेजों का फार्मेट उपलब्ध है लगातार इस संबंध में खबर आती है.
जिलाधिकारी की बैठक से लेकर समाचार पत्रों में इसका जिक्र रहता है. उसके बाद भी सीओ का यह कहना है कि दानपत्र का फार्मेट उपलब्ध नहीं रहने के कारण दान नहीं लिया जा रहा है. यह इस बात को साबित करता है कि तकनीकी रूप से अंचल कार्यालय की क्या स्थिति है.
क्या कहते हैं अंचलाधिकारी : इस संबंध में सिंहेश्वर अंचल के अंचलाधिकारी जयजय राम ने बताया कि वे अभी छुट्टी पर है. लेकिन भूदाता हेम कुमार को निबंधन कार्यालय मधेपुरा से दानपत्र का फार्मेट लाने को कहा गया था. अगर मधेपुरा में दानपत्र का फार्मेट नहीं मिला तो क्या हुआ सहरसा से मंगा सकते थे. लेकिन आज तक भूदाता ने दानपत्र का फार्मेट अंचल कार्यालय को उपलब्ध नहीं कराया है. पांच दिनों में छूट्टी से लौट रहे है अगर दानपत्र का फार्मेट दानदाता को नहीं मिला होगा तो अपने स्तर से फार्मेट की व्यवस्था कर जमीन दान देने की प्रक्रिया को आगे बढाया जायेगा.
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