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सावधान. जिले में गरमी में कोल्ड ड्रिंक्स व साफ्ट ड्रिंक्स की बिक्री बढ़ी

गले को तर करें, पर जरा संभल कर विगत एक पखवारे से गरमी धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. लोग गले को तर करने के लिए ठंडे पेय पदार्थों का सहारा लेने लगे हैं. कहीं जूस के ठेले पर भीड़ है, तो आइसक्रीम के दीवाने भी कम नहीं हैं. बाजार में घरेलू पेय पदार्थ से लेकर कोल्ड […]

गले को तर करें, पर जरा संभल कर

विगत एक पखवारे से गरमी धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. लोग गले को तर करने के लिए ठंडे पेय पदार्थों का सहारा लेने लगे हैं. कहीं जूस के ठेले पर भीड़ है, तो आइसक्रीम के दीवाने भी कम नहीं हैं. बाजार में घरेलू पेय पदार्थ से लेकर कोल्ड ड्रिंक्स और साफ्ट ड्रिंक्स की बिक्री बढ़ने लगी है. हालांकि,
अगर चिकित्सक की राय मानें तो बाजार में उपलब्ध पेय पदार्थों की अपेक्षा घर में तैयार पदार्थों का सेवन करना बेहतर है. लेकिन इन पदार्थों का बाजार शहर से लेकर शहर से लेकर गांव के नुक्कड़ तक फैल चुका है ऐसे में बस यही कहा जा सकता है कि लोगों को गले को तर करने के इन उत्पादों का इस्तेमाल करने से पहले थोड़ा संभल कर सोचने-समझने की जरूरत है.
मधेपुरा : गर्मी का असर मार्केट में दिखायी देने लगा है. जूस की ब्रिकी बढ़ गयी है. आम तौर पर मौसमी फल के जूस के ठेले शहर में हर चौक-चौराहों पर दिखायी पड़ते हैं. इन चलती फिरती दुकानों पर लोगों का जमावड़ा भी रहता है. इनमें बेल को पसंद करने वालों की भी कमी नहीं है. वहीं सत्तू के दुकानों पर भी लोग पहुंचने लगे हैं. फलों में मौसम्मी, संतरा और अनार के जूस की मांग ज्यादा रहती है. वहीं बाजार में विभिन्न कंपनियों के तैयार डिब्बाबंद जूस की डिमांड भी बढ़ने लगी है.
लेिकन इनके भी हैं खतरे
फल आधारित पेय पदार्थों को लेकर आम धारणा है कि ये स्वास्थय के लिए लाभदायक हैं. लेकिन इनका सेवन करने से पहले भी काफी सावधानी बरतने की जरूरत है. फलों के जूस के ठेले या रेहड़ी अक्सर चौक चौराहों पर ही होते हैं. खुले में होने के कारण धूल, मक्खी से इनके संक्रमित होने का पूरा खतरा होता है.
साथ ही पानी की शुद्धता का भी खास खयाल नहीं रखा जाता है. देर तक कटे एवं छिले फल के भी संक्रमित होने का असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है. जूस ठंडा करने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले बर्फ को जमाने से लेकर ढोने तक साफ सफाई का कोई खयाल नहीं रखा जाता है. संक्रमित जूस से पीलिया, डायरिया समेत कई पेट की बीमारियां होने की आशंका रहती है.
ब्रांडेड पेय पदार्थ का बाजार है बड़ा. गर्मी के मौसम को लेकर ब्रांडेड कोल्ड एवं साफ्ट ड्रिंक का बाजार बहुत बड़ा है. टीवी के विज्ञापन से लेकर गांव के हर नुक्कड़ पर नजर आने वाले ये पेय पदार्थों के खतरे भी कम नहीं हैं. तत्काल राहत देने वाले इन पेय पदार्थों के बड़े साइड इफेक्ट हैं. कंपनियां सौ प्रतिशत शुद्ध प्रोडक्ट देने का दावा करती है
लेकिन बाजार में कई नकली कंपनी की पेय पदार्थ भी बिक रहे हैं. इस मामले में उपभोक्ता को भी पैनी नजर रखनी होगी साथ ही एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें. गर्मी चढ़ते ही पुराने स्टॉक के पेय पदार्थ की ब्रिकी शुरू हो जाती है. लेकिन इस दौरान पुराने स्टॉक के अधिकांश एक्सपयार पेय पदार्थ बाजार में बिकते हैं. जानकारों का मानना है कि एक्सपायर पेय पदार्थ लोगों के शरीर में मीठा जहर का काम करता है.
इनके हैं बड़े-बड़े गुण
बेल. गर्मी में खाने और शर्बत बना कर पीने वाला यह फल कोसी क्षेत्र में खास लोकप्रिय है. हर घर के बगीचे में आमतौर पर इसके पेड़ मिल ही जाते हैं. यह न केवल गर्मी से राहत देता है बल्कि पेट को साफ भी रखता है. यह एकमात्र ऐसा फल है जिसका प्रयोग कब्ज हरने से लेकर दस्त को दूर करने तक में किया जाता है. आयुर्वेद में इसके गुणों की विषद चर्चा है.
नींबू, मौसम्मी, संतरा. विटामिन सी से भरपूर चूसने योग्य इन फलों का सेवन शरीर को नयी ताजगी प्रदान करता है. थकान मिटाने तथा उर्जा के बेहतर स्रोत के तौर पर लोग शर्बत बना कर या जूस के माध्यम से इनका सेवन करते हैं. अगर इन फलों को साबुत खाया जाये तो फाइबर भी भरपूर मिलता है जो कब्ज नहीं होने देता.
अनार. कैल्शियम तथा आयरन का भरपूर स्रोत वाला फल अनार भी गर्मी के मौसम में जूस के रूप में लोगों के लिए पसंदीदा पेय है. पुष्टिकर व स्वास्थ्यवर्द्धक इस फल के सेवन से कई बीमारियों को दूर रखा जा सकता है. शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए अनार को प्रमुख फल माना जाता है. ग्लूकोज होने के कारण यह तुरंत उर्जा देता है.
गन्ना. गर्मी में सबसे सस्ता एवं लोकप्रिय गन्ने का रस शरीर को तुरंत ग्लूकोज प्रदान कर तरोताजा करता है. तेज गर्मी में जब पसीने के साथ बहने के कारण शरीर में ग्लूकोज की कमी हो जाती है तो गन्ने का रस ही फौरन राहत देने वाला पेय पदार्थ माना जाता है.
सत्तू. देश में बिहार की पहचान बन चुका सत्तू प्रोटीन तथा उर्जा का स्रोत है. नमक एवं नींबू के साथ सत्तू का सेवन शरीर से आवश्यक लवण की कमी को तुरंत दूर करता है. गरीबों तथा अमीरों में समान रूप से लोकप्रिय यह पेय बिहार में हर जगह बहुतायत में उपलब्ध है. गर्मी के दिनों में तथा डायबिटीज के मरीजों के लिए यह भोजन का हानिरहित विकल्प भी है.
छांछ व लस्सी. लैक्टिक एसिड से भरपूर छांछ एवं लस्सी पेट के लिए बेहद गुणकारी हैं. दही से बने दोनों पदार्थ अपने अलग-अलग स्वाद में लोगों को न केवल उर्जा देते हैं बल्कि इनकी पौष्टिकता भी असंदिग्ध है. जिन्हें डायबिटीज है उनके लिए छांछ अमृत की तरह है.
इनके हैं खतरे भी
आइसक्रीम. ठंडा होने के कारण आइसक्रीम गर्मी में राहत देता है और इसमें मौजूद ग्लूकोज तत्काल उर्जा भी देता है. लेकिन कफ एवं वात पीड़ितों को तत्काल गले संबंधी परेशानी तथा श्वांस संबंधी परेशानी भी होती है. आइसक्रीम का सेवन संभल कर करना चाहिए.
कोल्ड ड्रिंक्स. अपने गुणवत्ता को लेकर अक्सर विवादों में रहे शीतल पेय पदार्थ भी गर्मी में लोगों की पसंदीदा पेय है. हालांकि तेज शूगर का स्तर एवं लंबे समय से रखा प्रिजर्वेटिव केमिकल लोगों के स्वास्थ पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. डायबिटीज के मरीजों को इस तरह के पदार्थ से दूर रहना चाहिए. आमलोगों को भी इनका सेवन संभल कर करना चाहिए.
साफ्ट ड्रिंक. फलों के रस से निर्मित होने का दावा करने वाले अधिकांश साफ्ट ड्रिंक्स बच्चों में बेहद लोकप्रिय हैं. फलों के राजा आम से लेकर हर तरह के फलों के स्वाद में उपलब्ध इन ड्रिंक्स में फल की मात्रा नाम मात्र ही अंकित होती है. हालांकि लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए मिलाये गये कई केमिकल के लंबे इस्तेमाल से लोग बीमार भी पड़ते हैं.
कहते हैं िचकित्सक
जाने माने गैस्ट्रो डा असीम प्रकाश कहते हैं कि बाजार में उपलब्ध गर्मी से राहत दिलाने वाले पेय पदार्थ की शुद्धता या गुणवत्ता संदिग्ध होती है. कोल्ड ड्रिंक्स में केवल कैलोरी होती है. यह तत्काल का उर्जा का अहसास तो कराता है लेकिन शरीर में पानी की कमी बढ़ ही जाती है.
बोतलबंद इस पदार्थ को सुरक्षित रखने के लिए पेस्टीसाइड तथा अन्य केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है ताकि इसमें कीटाणु जन्म न ले सकें. साथ ही अलग-अलग फ्लेवर के लिए इस्तेमाल किए गये रंग व केमिकल भी लोगों के शरीर में स्टोन का निर्माण करते हैं. लगातार एवं ज्यादा इस्तेमाल से लीवर में सूजन का भी खतरा होता है.
विकल्प के तौर पर नींबू, नमक, चीनी, सत्तू, बेल सहित अन्य फल का इस्तेमाल लोगों को न केवल स्वस्थ रखता है बल्कि गर्मी एवं लू से भी राहत प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर तेज गर्मी से तुरंत आ कर ठंडा पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे गले मे इंफेक्शन हो सकता है.
वहीं गर्मी के दौरान लगातार पसीना बहते रहने से शरीर में हो रही पानी की कमी से बचाव के लिए नियमित अंतराल पर छांछ, शरबत, सत्तू का सेवन करते रहना चाहिए. शरीर के लिए नमक एवं चीनी दोनों आवश्यक तत्व है. डायबिटीज के मरीजों को चीनी के अधिक सेवन से बचना चाहिए लेकिन अावश्यकता अनुसार नमक तथा तरल पेय पदार्थ का सेवन जरूर करना चाहिए.

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