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बजबजाते नालों में दम तोड़ रही हैं सुविधाएं

बजबजाते नालों में दम तोड़ रही हैं सुविधाएं फोटो – मधेपुरा 03 कैप्शन – पोस्ट ऑफिस रोड में सड़क के बीच में बने नाले का धंसा ढक्कन फोटो – मधेपुरा 04कैप्शन – चंदा टॉकिज रोड के पास नाले का है यह हाल फोटो -मधेपुरा 05कैप्शन – कर्पूरी चौक से आगे महादलित बस्ती के पास नाले […]

बजबजाते नालों में दम तोड़ रही हैं सुविधाएं फोटो – मधेपुरा 03 कैप्शन – पोस्ट ऑफिस रोड में सड़क के बीच में बने नाले का धंसा ढक्कन फोटो – मधेपुरा 04कैप्शन – चंदा टॉकिज रोड के पास नाले का है यह हाल फोटो -मधेपुरा 05कैप्शन – कर्पूरी चौक से आगे महादलित बस्ती के पास नाले का यह है नजारा फोटो – मधेपुरा 06कैप्शन – चंदा टॉकिज रोड के पास दुकानों के आगे से बहता ओवर फ्लो नाले का पानीफोटो – मधेपुरा 07कैप्शन – एसबीआई रोड में नाले का पानी संक्रामक कीटाणुओं का बना पनाहगाह फोटो – मधेपुरा 08कैप्शन – मुख्य सड़क पर रॉयल मेडिकल एजेंसी के पास यह खुला नाला दे रहा है दुर्घटना को निमंत्रण फोटो – मधेपुरा 09 से 18 तक (शहरवासियों के फोटो )09 – हीरा यादव, 10 – सरफराज, 11 -प्रो गणेश कुमार, 12 – इम्तियाज अहमद, 13- त्रिदीप्त गांगुली, 14- अशोक कुमार यादव, 15- विजय कुमार, 16 – विनीत सर्राफ, 17- अरविंद कुमार मन्नू, 18 – अवधेश कुमार सिंह-उदासीनता . शहर में खुला नाला दे रहा बीमारी व हादसों को निमंत्रण – शहर में नालों की नियमित सफाई नहीं होने के कारण सड़क पर बहने लगता है पानी प्रतिनिधि, मधेपुरा शहर के वार्ड संख्या 21 में विगत दिनों आदर्श मध्य विद्यालय के सामने बने नाले में स्थानीय निवासी योगेंद्र यादव की 12 साल की बेटी यहां से गुजरने के क्रम में गिर गयी. इसके कारण उसे काफी चोट आयी. नगर परिषद क्षेत्र में खुले हुए नालों के दृश्य आम हैं. बरसात हो जाये तो ये नाला पानी को शहर से बाहर निकालने में पूरी तरह बेकार हैं. सामान्य दिनों में भी ये नाला परेशानी का सबब बन जाते हैं. कहीं नाला का ढक्कन खुला रहने के कारण कोई गिर जाता है तो कही सड़क के बीचोंबीच बनाये गये नाला का ढक्कन क्षतिग्रस्त होने के कारण गाड़ियां फंस जाया करती है.शहर के कर्पूरी चौक के पास महादलित बस्ती के बगल में नाले में पानी बाहर निकलता रहता है. नालों पर ढक्कन नहीं है. यहां से गुजरने वाले काफी संभल कर गुजरते हैं. वहीं चंदा टाकिज जाने वाली सड़क की शुरुआत में नाला की स्थिति बदतर है. ढक्कन विहीन नाला से पानी बाहर निकलता है. दुकान के सामने होने के कारण उपभोक्ता यहां आने परहेज करते हैं. पोस्ट आफिस रोड में नाला को सड़क के बीचोबीच बनाया गया है. बीच -बीच में नाले का ढक्कन अंदर की ओर धंस गया है. यहां से पैदल तो क्या वाहन सवारों को सभंल कर गुजरना पड़ता है. अक्सर इस जगह पर चार पहिया वाहनों का एक पहिया धंसा पाया जााता है. लोग धक्का देकर गाड़ी निकालते हैं. मेन रोड पर स्थित रॉयल मेडिकल एजेंसी के पास स्थित नाले की स्थिति भी बदतर है. नाले को देख कर ऐसा लगता है कि यहां महीनों से सफाई नहीं की गयी है. स्टेशन रोड में खुले हुए नालों का दृश्य आम है. अगर ऐसी ही स्थिति रही तो लोग नगर परिषद को टैक्स देने से परहेज करने लगेंगे. अगर सफाई की जिम्मेदारी आउटसोर्सिंग एजेंसी को दी गयी है तो इसकी मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है. सफाई के नाम पर नगर परिषद प्रतिमाह लाखों रूपये खर्च कर रहा है. नाला की समस्या से शहरवासी बेहाल शहर के पूर्णिया गोला चौक निवासी विनीत सर्राफ का कहते हैं कि पूर्णिया गोला चौक के निकट नाला का ढक्कन उपर से खुला है. नाला ओवर फ्लो होने के कारण अक्सर इस जगह से पानी निकल कर सड़क पर फैलता है. नाले की गंदगी के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारी उत्पन्न हो सकती है. नाले की सफाई भी नयमित रूप से नहीं की जाती है. वहीं आजाद नगर निवासी अरविंद कुमार मन्नू ने कहा कि शहर के नाले की सफाई प्रत्येक दिन होनी चाहिए. सुबह उठते ही सड़क पर कचरा और गंदगी से भरा नाला देखते ही मूड खराब हो जाता है. अगर साफ सफाई होगी तो लोग स्वस्थ रहेंगे. वहीं मिशन रोड निवासी अवधेश कुमार सिंह बताते है कि नगर परिषद के सभी वार्ड के पार्षद को साफ सफाई पर ध्यान देना चाहिए. चंदा टॉकिज रोड निवासी विजय कुमार कहते है कि चंदा टॉकिज रोड के सामने नाला की स्थिति काफी खराब है. इस जगह तो अक्सर यही स्थिति दिखायी देती है. नाले की गंदगी से मुहल्ले वासी को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वार्ड संख्या 21 के निवासी अशोक कुमार का कहना है कि नाले की सफाई के लिए नगर परिषद और जिला प्रशासन को ध्यान देना चाहिए. वार्ड संख्या 18 में एसबीआई रोड निवासी इम्तियाज अहमद बताते है कि शहर के नाले की सफाई नहीं होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही नाले में पानी का बहाव भी सही तरीके से नहीं किया जाता है. आजाद नगर निवासी प्रो गणेश कुमार कहना है कि नगर परिषद के मुख्य पार्षद का नाले की सफाई को लेकर कोई ध्यान नहीं है. आजाद नगर में ही रहने वाले हीरा यादव कहते है कि मधेपुरा शहर को जो सुंदर शहर बनाने का सपना है वह नाले की सुंदरता से पता लगता है. मेन रोड निवासी त्रिदीप गांगुली ने कहा कि नाले की गंदगी की ओर जिला प्रशासन एवं नगर परिषद को ध्यान देना चाहिए. शहर साफ और सुंदर रहे तो सकारात्मक वातावरण का निर्माण होता है. वार्ड संख्या 18 निवासी सरफराज कहते हैं नाले की समस्या शहर के मुहल्लेवासियों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है. — वर्जन —- ‘ पुराने नाले जहां सूखे हैं, उनकी उड़ाही का काम शुरू है. शहर के अधिकतर भाग में नाले साफ किये जा चुके हैं. जब सफाई की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी तब इन पर ढक्कन लगा दिया जायेगा.’ – डा विशाल कुमार बबलू, अध्यक्ष, नगर परिषद

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