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धरना देकर भूस्वामि और मजदूरों ने उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

मधेपुरा : विद्युत रेल इंजन कारखाना निर्माण को लेकर अधिग्रहण के चपेट में आये भूस्वामी और खेतिहर मजदूरों ने बुधवार को चकला चौक पर धरना देकर उग्र आंदोलन की चेतावनी जारी किया है. इस दौरान अपने आठ सूत्री मांगों को रखते हुए संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि मांगों की पूर्ति के बाद ही […]

मधेपुरा : विद्युत रेल इंजन कारखाना निर्माण को लेकर अधिग्रहण के चपेट में आये भूस्वामी और खेतिहर मजदूरों ने बुधवार को चकला चौक पर धरना देकर उग्र आंदोलन की चेतावनी जारी किया है. इस दौरान अपने आठ सूत्री मांगों को रखते हुए संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि मांगों की पूर्ति के बाद ही भूमि का अधिग्रहण होने दिया जायेगा.

धरना के दौरान संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा फ्रांस की मैसिव एलस्कॉम मैन्यूफैक्चरिंग इंडिया लिमिटेड के साथ रेल मंत्रालय ने जो करार किया है. वह वर्तमान परिस्थिति में नैतिकता एवं विधि के विरूद्ध है. जब तक किसानों की मांगों की पूर्ति नहीं की जाती तब तक सरकार इस प्रक्रिया को स्थगित रखें.

किसानों ने कहा कि रेल मंत्रालय के पदाधिकारी एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा तीन सौ एकड़ भूमि ही कारखाना हेतु अधिग्रहण का आश्वासन दिया गया था. इसका अनुपालन करते हुए शेष 816 एकड़ भूमि को अधिग्रहण प्रक्रिया से मुक्त किया गया. इस संबंधी सूचना निर्गत की जाय.

किसानों ने अपने मुख्य मांग को पुन: रखते हुए कहा कि रेल अधिनियम को भूअर्जन अधिनियम 2013 में शामिल किया गया है. इसलिए उक्त अधिनियम के तहत वर्तमान बाजार दर का चार गुणा मुआवजा किसानों को दिया जाय. अधिग्रहण के चपेट में आने वाले सभी किसानों के परिवार के सदस्य को नौकरी और पूर्णस्थापन आदि का लाभ दिया जाय.

इसके अलावा रेल फैक्ट्ररी में 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी भी तय की जाय. किसानों की मांगों की पूर्ति किये बिना भूमि मापी कर कागज पर भूमि कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है. जिला प्रशासन अविलंब रोक लगाएं. रेल प्रशासन द्वारा एलस्कॉम कंपनी के साथ जो करार किया गया है उस करार की कॉपी सभी किसानों को उपलब्ध करवाया जाय.

ताकि किसान वस्तुस्थिति से अवगत हो सके. संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि कारखाना का निर्माण होने पर खेतिहर मजदूर बेरोजगार हो जायेंगे. उनके समक्ष रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो जायेगी. इसलिए निर्माणाधीन कारखाने में प्रभावित गांव के सभी मजदूरों को सुनिश्चित कार्य एवं प्रति माह अलग से पांच हजार रूपये राशि की व्यवस्था सरकार या कंपनी द्वारा की जाय.

संघर्ष समिति के सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि किसानों भूस्वामियों की सभी मांगों की पूर्ति यथा शीघ्र नहीं की गयी तो किसान करो या मरो का निर्णय लेकर उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जायेंगे.

मौके पर मुख्य रूप से किसान नेता प्रकाश कुमार पिंटू, बलराम यादव, अभय कुमार सिंह, विष्णुदेव यादव, राकेश कुमार सिंह, अशोक कुमार सिंह, अनिल अनल, निर्मल कुमार सिंह, मोहन मंडल, रामकृष्ण यादव, संत बाबू आदि उपस्थित थे.

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