2.65 करोड़ खर्च, पर अधूरा है शिवगंगा का निर्माण फोटो – मधेपुरा 03 कैप्शन -लोगों की आस्था से जुड़ा है सिंहेश्वर मंदिर स्थित शिवगंगा तालाब -उदासीनता . पर्यटन विभाग ने छह जून 2013 को शुरू किया था काम- काम समाप्त करने की निर्धारित 18 महीने की अवधि विगत साल दिसंबर में ही हो चुकी है समाप्त- विभाग के अनुसार दो करोड़ पैंसठ लाख खर्च करने के बाद काम हो चुका है पूरा रूपेश कुमार, सिंहेश्वरसिंहेश्वर मंदिर परिसर स्थित शिवगंगा तालाब के सौंदर्यीकरण का काम 18 महीने में ही पूरा होना था. 18 महीने की निर्धारित अवधि दस महीने पहले ही पूरी हो चुकी है, लेकिन शिवगंगा का निर्माण अब तक अधूरा है. छह जून 2013 में शुरू हुआ था निर्माणशिवगंगा सौंदर्यीकरण कार्य का शिलान्यास छह जून 2013 को हुआ था. 18 महीने में दो करोड़ 65 लाख एक हजार की राशि की लागत से इस निर्माण कार्य को युद्ध स्तर पर पूरा किया जाना था. शिवगंगा निर्माण कार्य को कई हिस्सों में बांटा गया था. पहले चरण में तालाब के चारो ओर टो वाल बनाया जाना था ताकि किनारे की मिट्टी पानी में न गिरे. इसे 56 लाख 53 हजार की राशि से पूरा किया जाना था. इसके बाद 33 लाख 20 हजार की लागत से तालाब के चारो ओर सैंड स्टुम पाथ वे बनाया जाना था. घाट बनाने में 87 लाख आठ हजार खर्च किया जाना था और 78 लाख 16 हजार में तालाब का शेड बनाया जायेगा. साइट डेवलपमेंट वर्क करने में नौ लाख चार हजार खर्च का प्रावधान था.लेकिन हुआ क्या स्थानीय लोगों ने इस कार्य के लिए कई बार आला अधिकारियों से मिल कर शिवगंगा तालाब के चारो ओर सीढ़ी घाट के निर्माण की गुहार लगायी थी. लोगों की मानें तो एस्टीमेट में पहले तालाब के चारो ओर घाट का प्रावधान किया गया था लेकिन बाद में बदल दिया गया. नये एस्टीमेट के अनुसार केवल पश्चिमी तरफ ही घाट का निर्माण किया गया. वहीं इसी तरफ दो छतदार चबूतरा बनाया गया. शेष घाट पर एक -एक चबूतरा यानी कुल पांच शेड बनाये गये. तालाब के तीन ओर बनाये गये टो – वाल पर लगे पत्थर के स्लैब धीरे-धीरे उखड़ने लगे हैं. लोग अब भी चोरो ओर घाट बनने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. सैकड़ों वर्ष से इस तालाब में होते आ रहे छठ पर्व के दौरान तो स्थानीय लोग खुद को ठगा महसूस करते हैं.ढाई वर्ष में भी नहीं बना दूसरे चरण का एस्टीमेट ढाई वर्ष पहले विभाग के अधिकारियों ने दूसरे चरण के कार्य के लिए एस्टीमेट बनाने का कार्य प्रक्रियाधीन होने की जानकारी दी थी. हैरत है कि दूसरे चरण के कार्य का एस्टीमेट विभाग अब तक नहीं बना सका है. दूसरे चरण में मंदिर परिसर में सौर उर्जा का पांच पावर हाउस बनाया जाना था. मंदिर से पर्यटन विभाग के रेस्ट हाउस तक सड़क निर्माण और एक बहुत बड़े आकार का सभा कक्ष का निर्माण किया जाना था. दोनों चरणों का काम हर हाल में 18 महीने में पूरा होना था. विभाग के अनुसार पहले चरण का कार्य पूरा विभागीय अधिकारियों की मानें तो शिवगंगा तालाब में पहले चरण का कार्य पूर्ण हो चुका है. इस काम में दो करोड़ पैंसठ लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. लेकिन तालाब की स्थिति देख कर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि काम पूरा नहीं किया गया है. तालाब के तल की को बराबर नहीं किया गया है. घाट की सीढ़ियों के नीचे ठोस सतह नहीं दिये जाने के कारण मिट्टी हट गयी है. — वर्जन — ‘पहले चरण का काम पूरा हो चुका है. चूंकि पहले चरण के कार्य की जिम्मेदारी दूसरे कनीय अभियंता पर थी, इसलिए उसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है. दूसरे चरण के कार्य के लिए आर्किटेक्ट को एस्टीमेट तैयार करने के लिए लिखा गया है. संभावना है चुनाव के बाद ही इस बारे में कुछ हो सकेगा.’ – कमलेश कुमार पांडे, कनीय अभियंता, बिहार राज्य पर्यटन विभाग ‘ पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है. केवल बोर्ड वगैरह लगना बांकी है. वह काम भी हो जायेगा. हालांकि अब यह जिम्मेदारी मेरी नहीं है.’ – देवेंद्र मिश्र, कनीय अभियंता, बिहार राज्य पर्यटन विभाग
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2.65 करोड़ खर्च, पर अधूरा है शिवगंगा का नर्मिाण
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