29.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सात वर्षों में नहीं बना ध्वस्त पुल

प्रशासन व जनप्रतिनिधि की लापरवाही से अभी तक नहीं हुआ पुल का निर्माण ग्रामीणों के कई बार आवेदन देने के बावजूद नहीं सुने अधिकारी व जनप्रतिनिधि वोट का बहिष्कार कर सकते हैं ग्रामीण शंकरपुर : प्रखंड क्षेत्र के कई गांव में लोगों को आज भी अपनी जान जोखिम में डाल कर नदी पार करने के […]

प्रशासन व जनप्रतिनिधि की लापरवाही से अभी तक नहीं हुआ पुल का निर्माण

ग्रामीणों के कई बार आवेदन देने के बावजूद नहीं सुने अधिकारी व जनप्रतिनिधि
वोट का बहिष्कार कर सकते
हैं ग्रामीण
शंकरपुर : प्रखंड क्षेत्र के कई गांव में लोगों को आज भी अपनी जान जोखिम में डाल कर नदी पार करने के लिए बांस के चचरी के सहारे नदी पार करते है.
ज्ञात हो कि 2008 में आये विनाशकारी बाढ़ के दौरान प्रखंड क्षेत्र के आधा दर्जन नदी पर बने पुल पुलिया ध्वस्त हो गया था. वहीं जगह नदी पर पुल की मांग को लेकर ग्रामीणों के द्वारा धरना प्रदर्शन के साथ सांसद व विधायक को भी अपना मांग पत्र सौंपा गया था, लेकिन कई वर्ष बीतने के बाद भी एक भी पुल का निर्माण नहीं हो पाया है.
वहीं ग्रामीणों ने कहा कि अगर पुल निर्माण के ओर किसी भी प्रकार का कदम नहीं उठाया गया तो चुनाव में हमलोग सामूहिक रूप से वोट का बहिष्कार करेंगे.
जान जोखिम में डाल कर करते है सफर: आज भी बथान परसा से बरियाही जाने वाली सड़क में नदी पर बना बांस का चचरी ही लोगों का सहारा बना हुआ है.
इससे चचरी के पुल से प्रखंड के भलुआहा नदी घाट, बेहरारी के धोबियाही घाट, कबियाही के गोरिहारि घाट मोरा खांप व जयपुरा घाट पर लोगों को इस पार से उस पार होने के लिए उफनती नदी में जान की बाजी लगाकर पार होना पड़ता है. इससे स्थानीय लोग डरे सहमे रहते है.
नदी पार करने के दौरान तीन की हो चुकी है मौत : बाढ़ में गोढ़ियारी घाट का पुल के ध्वस्त हो जाने से लोगों की परेशानी ओर बढ़ गयी. आते – जाते लोगों में डर बना रहता था.
इस दौरान गत वर्ष पूर्व चचरी पुल पार करने के दौरान एक डाक विभाग के पोस्टमास्टर सैलेंद्र यादव, छुतहरु मुखिया के पुत्री व राम टोला के बौकु राम के परिवार से एक-एक व्यक्ति मौत नदी पार करने के दौरान हो चुकी है. वहीं एक और व्यक्ति की मौत पांव फिसलने के कारण हो गयी.
आमरण अनशन, धरना, लिखित आवेदन पर भी नहीं हुई पहल
पुल निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों ने विभाग व स्थानीय जनप्रतिनिधि को कई बार लिखित आवेदन, धरना, प्रदर्शन, आमरण अनशन भी किया, लेकिन कोई फायदा नहीं. अधिकारी व प्रशासन इस ओर कोई भी पहल करना मुनासिब नहीं समझा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें