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प्रशासन उदासीन: मॉनसून की बेरुखी से किसानों की परेशानी बढ़ी, पंपसेट से पटवन कर रहे किसान

मधेपुरा: बारिश नहीं होने के कारण जिले के किसान मायूस नजर आ रहे है. पांच दिनों से बारिश नहीं होने के कारण खेतों में दरार आने लगी है. किसान पटवन के सहारे धान की रोपाई कर रहे है. वहीं गरीब किसान अत्यधिक खर्च के कारण धान की रोपनी के लिए आसमान की ओर देख रहे […]

मधेपुरा: बारिश नहीं होने के कारण जिले के किसान मायूस नजर आ रहे है. पांच दिनों से बारिश नहीं होने के कारण खेतों में दरार आने लगी है. किसान पटवन के सहारे धान की रोपाई कर रहे है. वहीं गरीब किसान अत्यधिक खर्च के कारण धान की रोपनी के लिए आसमान की ओर देख रहे है. जिले के दर्जनों किसानों ने बताया कि पटवन के लिए व धान की रोपाई के लिए सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिल रहा है.
घैलाढ़ प्रतिनिधि के अनुसार, मौसम की बेरुखी व धूप के कारण किसान परेशान है. गत दिनों हुई बारिश से किसानों को फायदा हुआ था. किसान औना पौना कर धान की रोपाई कर दी, लेकिन गत पांच दिनों बारिश नहीं होने के कारण किसानों को परेशान हो रही है. वहीं धान रोपाई के लिए पंप सेट का सहारा लेना पड़ा रहा है. किसानों को एक तरफ जहां मौसम सता रही है, वहीं दूसरी तरफ मजदूर व पटवन में अत्यधिक खर्च होने से किसान बदहाल हो गये. किसान राजेंद्र प्रसाद यादव, संतोष झा, सिद्धू झा, मनरूप साह, श्याम साह, संजय साह, अजरुन साह, ललन यादव आदि दर्जनों किसानों ने बताया कि एक तो पहले से हमलोगों के फसल क्षति का मुआवजा सरकार के द्वारा नहीं दिया गया है. हमलोग कर्ज उठा कर धान की रोपाई कर रहे है. मजदूर 150-200 सौ रुपया लेता है. वहीं इंजन से पटवन करने वाले 100 से डेढ़ सौ रुपया घंटा की दर से पानी देते है. वहीं पूरे प्रखंड में धान रोपाई के लिए किसान मशक्कत कर रहे है.
ग्वालपाड़ा प्रतिनिधि के अनुसार,
बारिश नहीं होने से प्रखंड क्षेत्र के किसान हतोत्साहित नजर आ रहे है. किसान संतोष कुमर झा नुनु झा, बुदूर सिंह, महेंद्र पासवान, राम लखन यादव, दुश्यंत कुमार आदि किसानों का कहना है कि अब हमलोगों के पास मात्र पंप सेट का भरोसा है. वहीं किसानों ने बताया अगर नहर में पानी छोड़ दिया जाता तो कुछ लोग छहर के द्वारा अपनी खेत तक पानी पहुंचा लेते. सरकारी बोरिंग नहीं रहने से किसानों को परेशानी हो रही है.
खेतों में आयी दरार
गम्हरिया प्रतिनिधि के अनुसार, प्रखंड मुख्यालय के सभी किसानों बारिश नहीं होने के कारण परेशान है. किसानों का कहना है कि प्राकृतिक के इस बेरुखी के कारण हमलोगों को परेशानी सामना करना पड़ रहा है. तीन चार दिन बारिश के बाद धान लगाये, लेकिन कोई फायदा नहीं. एक सप्ताह से इस तपीश धूप से खेत में दरार आ गयी है. किसान विनय शंकर यादव, धीरज कुमार, डिस्को कुमार, गोपाल कुमार, नंदन यादव, अरविंद साह, ब्रह्नादेव भगत, राहुल कुमार आदि ने बताया प्रखंड क्षेत्र में एक भी सरकारी पंप सेट नहीं है. अगर सरकारी पंप सेट रहता तो किसानों को पानी पटवन करने में सुविधा होती.
मुरलीगंज प्रतिनिधि के अनुसार, प्रखंड क्षेत्र के किसान धान का बिचड़ा तैयार करने के बाद बारिश की आस लगाये बैठे हैं. किसान अमर कुमार ने कहा कि पटवन कर धान का पौधा तैयार किया. किसान राजेश का कहना कि न बारिश हो रही न नहर में ही पानी है. किसान पंपसेट चला कर धान रोपाई करने को विवश है. किसान अमरेश पासवान, भोला राम, अभय बारिश नहीं होने के कारण परेशान है.

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