मधेपुरा : सदर प्रखंड के सांसद आदर्श ग्राम पंचायत बालम गढिया में चल रहे नौ दिवसीय विष्णु महायज्ञ सह रामायण पारायण महायज्ञ के आठवें दिन प्रवचन के दौरान अंतरराष्ट्रीय प्रवचनकर्ता रामायणी रामबालक दास ने कहा कि जीवन एवं योनि सुधार का एकमात्र दवा यज्ञ ही है. यज्ञ शब्द यज धातु से बना है. इसका अर्थ है त्याग. यज्ञ चाहे हवनात्मक हो या पाठात्मक इनका आधार कल्याण है. यज्ञ से कल्याण होता है. पहले देवता भी जनमानस के साथ पृथ्वी एवं स्वर्ग को सुख प्रदान करने के लिए यज्ञ किया करते थे. मधेपुरा का बालमगढिया गांव यज्ञ की सुगंधि से सुरभित है.
स्वार्थ रहित यज्ञ से विश्व कल्याण होता है. बदलते दौर में अध्यात्म के केंद्र व्यापारिक होते जा रहे हैं. यह खतरनाक है. पवित्र रूद्राक्ष को पहन कर मांस मदिरा का सेवन हो रहा है. हिमालय को लोगों ने नहीं छोड़ा है. प्रकृति छेड़छाड़ बरदाश्त नहीं करती. यही कारण है कि पहाड़ों पर आपदा आ रही है. मानव जीवन खतरे में है. वहीं संत रामटहल दास, बाल व्यास चंदन कुमार ने कहा कि भगवान से बड़े माता-पिता और गुरु हैं.
इनका अनादर भगवान को भी अच्छा नहीं लगता. वहीं वृंदावन से आये रासलीला मंडली की प्रस्तुति ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. आयोजन समिति बालमगढिया पंचायतवासियों ने बताया कि यज्ञ के आचार्य मंत्रोच्चार के साथ नौ दिन तक संकल्प लेकर अपने सहयोगियों के साथ हवन प्रस्तुत कर रहे हैं. क्षेत्र के स्थानीय प्रवचनकर्ता भी प्रवचन दे रहे हैं. संत दुखहरण दास जी त्यागी की कृपा के कारण यज्ञ का माहौल भक्तिमय बना हुआ है. वहीं मधुबनी से आये जय बजरंग आदर्श रामलीला मंडल की प्रस्तुति भी लोगों के मन को मोह रही है. सोमवार को यज्ञ का समापन होगा.