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किसकी गलती से हुई सरोज की मौत…

मधेपुरा : बिजली मिस्त्र के मौत से आक्रोशित लोगों ने सरोज यादव के शव के साथ कॉलेज चौक पर सुबह के 11 बजे से लेकर शाम के चार बजे कॉलेज चौक को जाम कर टायर जलाकर प्रदर्शन किया. परिजन व अन्य आक्रोशित लोगों ने मांग करते हुये कहा कि जब तक प्रशासन हमें लिखित रूप […]

मधेपुरा : बिजली मिस्त्र के मौत से आक्रोशित लोगों ने सरोज यादव के शव के साथ कॉलेज चौक पर सुबह के 11 बजे से लेकर शाम के चार बजे कॉलेज चौक को जाम कर टायर जलाकर प्रदर्शन किया. परिजन व अन्य आक्रोशित लोगों ने मांग करते हुये कहा कि जब तक प्रशासन हमें लिखित रूप में चार लाख रुपये मुआवजा व नौकरी की गारंटी नहीं देती है. तब तक जाम नहीं हटेगा सरकार के मौखिक आश्वासन से काम नहीं चलेगा लिखित रूप में सरकार को मुआवजा व नौकरी देनी होगी.

लोगों ने बिजली विभाग के संबंधित अधिकारियों को तत्काल जाम स्थल पर बुलाने की मांग करते हुये कहा कि संबंधित पदाधिकारियों से पुलिस पूछताछ करें कि किसके कहने पर ऑपरेटर ने बिजली बहाल की थी.
लगभग पांच घंटे चले इस जाम के वजह से पूरे शहर का की परिचालन व्यवस्था बाधित हो गई थी इसके बाद बिजली विभाग द्वारा दो लाख व श्रम विभाग द्वारा एक लाख मुआवजे देने की बात पर जाम हटा. साथ ही कबीर अंत्योदय में मिलने वाली राशि तत्काल प्रदान करने की बात कही गई. इसके बाद आक्रोशित लोगों ने जाम खत्म किया.
कुछ लोगों ने बिजली विभाग पर आरोप मढ़ते हुए कहा कि बिना किसी पूर्व सूचना के ही शाटडाउन चालू कर दिया गया. इस वजह से सरोज की मौत हुई. वही कुछ लोगों ने बताया कि किसी ने आपसी रंजिश के कारण बिजली विभाग को फोन करके शटडाउन चालू करने के लिए कहा जिसके बाद बिजली विभाग में बिजली बहाल कर दी. जिससे सरोज की मौत हो गयी. बताते चले बिजली विभाग के द्वारा किसी भी मिस्त्री के शटडाउन लेने के बाद उसे एक सीक्रेट कोड प्रदान किया जाता है.
काम खत्म होने पर उससे वह कोड पूछा जाता है. बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा कोड सुनिश्चित करने के बाद ही बाद बिजली बहाल की जाती है.
ऐसे में दूसरे के कहने पर बिजली विभाग द्वारा चालू की गई बिजली की बात नागबार लगती है. फिलहाल सरोज की मौत का कोई भी पुख्ता जानकारी सामने नहीं आ रहा सरोज के मोबाइल को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है. मोबाइल के छानबीन से शायद कुछ जानकारी उपलब्ध हो पाये फिलहाल यह जांच का विषय है.

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