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सिरसिया में माता दुर्गा की महिमा है निराली

सुशांत, सिंहेश्वर : सिंहेश्वर प्रखंड स्थित सिरसिया में माता दुर्गा की महिमा निराली है. दुर्गा पूजा के मौके पर सिरसिया में माता के दरबार को सजाया जाता है. सिरसिया में पूजा आयोजन को लेकर कई वर्षों तक भक्तों की लंबी कतार लगी हुई है. आस्था व विश्वास है कि माता के दरबार में सच्चे दिल […]

सुशांत, सिंहेश्वर : सिंहेश्वर प्रखंड स्थित सिरसिया में माता दुर्गा की महिमा निराली है. दुर्गा पूजा के मौके पर सिरसिया में माता के दरबार को सजाया जाता है. सिरसिया में पूजा आयोजन को लेकर कई वर्षों तक भक्तों की लंबी कतार लगी हुई है. आस्था व विश्वास है कि माता के दरबार में सच्चे दिल से मांगी गयी हर मुरादें पूरी होती है. माता के मंदिर में सप्तमी के मौके पर निशा पूजा का आयोजन किया जाता है.

विशेष पूजा के अवसर पर माता के भक्त मैया का जयकारा लगाते है. दशहरा के दौरान निशा पूजा को सबसे महत्वपूर्ण पूजा माना जाता है. सिरसिया दुर्गा मंदिर की माता का महिमा इतनी ज्यादा है कि आसपास के श्रद्धालु यहां आने से खुद को रोक नहीं पाते है. यहां पूजा आयोजन को लेकर 2036 तक भक्तों की लंबी कतार लगी हुई है. पूजा आयोजन को लेकर भक्तों का अगला नंबर 2037 ई में आयेगा.
1972 में शुरू की गयी थी मां की आराधना: 1972 में स्थानीय प्रभुनाथ सिंह को माता ने स्वप्न दिया था कि सिरसिया में मंदिर का निर्माण कर पूजा- अर्चना की जाये. इसके बाद स्व प्रभुनाथ सिंह ने अकेले ही छह साल तक माता की प्रतिमा स्थापित कर पूजा- अर्चना करते रहे. जिसके बाद कुछ ग्रामीण भी इस कार्य में सहयोग देने लगे और बाद में स्व प्रभुनाथ सिंह व ग्रामीणों देखरेख में यहां मां भगवती की पूजा आराधना शुरू हो गयी.
सबसे पहले सिरसिया में झोपड़ीनूमा घर बना कर माता को स्थापित किया गया था. धीरे-धीरे ग्रामीणों के सहयोग से वर्षों पूर्व पक्के मंदिर का निर्माण कराया गया. जबकि पूर्व के मंदिर से भी विशाल मंदिर का निर्माण ग्रामीणों के सहयोग से कराया जा रहा है. 1972 से वर्तमान समय तक यहां कलश स्थापना के साथ ही मेले का आयोजन किया जाता है. वहीं सिरसिया मंदिर मां अंबे की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की जाती है.
बली प्रथा है कायम : माता के दरबार में स्थापना काल से ही बली की प्रथा कायम है. यहां भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होने पर नवमी को माता के सामने छाग की बली दी जाती है. छाग के बली से माता प्रसन्न होती है और भक्तों के मनोकामना को पूर्ण करती है. निशा पूजा के दिन हजारों भक्त निष्ठा पूर्वक माता की पूजा-अर्चना में शरीक होकर रतजगा कर पूजा-अर्चना को सफल बनाते है, जबकि चढ़ावें में भक्त सोने चांदी के आभूषण सहित पैसे भी चढ़ाते है.
दुर्गा पूजा के मौके पर लगता है मेला : सिरसिया में विजया दशमी के मौके पर मेले का आयोजन किया जाता है. यहां कलश स्थापना के साथ ही मेला प्रारंभ हो जाता है. मेला में महिला परिधानों की दर्जनों दुकानें लगायी जाती है.

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