उदाकिशुनगंज : धीरे-धीरे अनुमंडल मुख्यालय में संसाधन सहित कई सुविधाएं तो उपलब्ध हो रही है, लेकिन अध्ययन करने के बाद कमियां भी नजर आती है. अनुमंडल मुख्यालय क्षेत्र के जितने भी प्रखंड हैं कहीं भी बस पड़ाव नहीं है, जबकि आवागमन करने वालों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. अनुमंडल क्षेत्र में उदाकिशुनगंज, बिहारीगंज, ग्वालपाड़ा, आलमनगर, चौसा, पुरैनी को मिलाकर छह प्रखंड हैं.
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बस पड़ाव नहीं होने से परेशान हैं यात्री, खलने लगी है कमी
उदाकिशुनगंज : धीरे-धीरे अनुमंडल मुख्यालय में संसाधन सहित कई सुविधाएं तो उपलब्ध हो रही है, लेकिन अध्ययन करने के बाद कमियां भी नजर आती है. अनुमंडल मुख्यालय क्षेत्र के जितने भी प्रखंड हैं कहीं भी बस पड़ाव नहीं है, जबकि आवागमन करने वालों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है. अनुमंडल क्षेत्र में […]
हालांकि आलमनगर में बस पड़ाव है, लेकिन मौजूदा स्थिति में दयनीय हो चुकी है. बाकी क्षेत्रों में बस पड़ाव नहीं होने के कारण वाहन मालिकों को सड़क पर ही वाहन खड़ा करना पड़ता है. प्रखंड मुख्यालयों में बस पड़ाव रहने के बाद भी सड़क पर ही यात्री वाहन लगाये जाते है.
राजस्व की हो रही क्षति
सड़क पर वाहन खड़ा रहने के वजह से प्रायः दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. दुर्घटनाओं के साथ-साथ सड़क पर जाम की समस्या बनी रहती है. बस पड़ाव नहीं रहने से सरकारी राजस्व की भी क्षति हो रही है.
स्थानीय लोग व वाहन मालिकों के अंदर अब भी आस लगी है कि बस पड़ाव जल्द बन जायेगा. यात्री वाहन से कथित रूप से वसूली भी की जाती है. वसूली के क्रम में कभी कभार यात्री से बहस भी हो जाती है.
उदासीनता के कारण अब तक कोई ठोस कदम नहीं
मुख्यालय के आलमनगर प्रखंड मुख्यालय को छोडकर किसी भी प्रखंड में बस पड़ाव नहीं है. आलमनगर में बस पड़ाव रहने के बावजूद सड़क पर ही वाहन खड़ा किया जाता है.
आलमनगर के थाना चौक के समीप कई वर्ष पूर्व बस पड़ाव बनाया गया. बस पड़ाव रहने के बावजूद क्षेत्रों के यात्री वाहन सड़क पर ही लगाकर छोड़ दिया करते हैं. कभी कभार तो दुकानदार और यात्री वाहन में बहस से लेकर मारपीट तक की नौबत आ जाती है.
उदाकिशुनगंज क्षेत्र के सरयुग चौक, पटेल चौक जैसे मुख्य चौराहे पर बस, टेंपो, ट्रक को खड़ा कर दिया जाता है. बस पड़ाव की खासी जरूरत के बाद भी पहल के नाम पर खानापूर्ति मात्र की जा रही है.
यद्यपि आमजन सहित दुकानदार आदि कई लोगों को परेशानी होती है. अब क्षेत्र के लोग बस पड़ाव सेवा की मांग करने लगे हैं. अब तक पहल के नाम पर सिर्फ आश्वासन विभागीय अधिकारी के द्वारा जनमानस को मिलता आया है.
यात्रियों को उठानी पड़ती है परेशानी
प्रखंड मुख्यालयों की सड़कों पर वाहन खड़े किये जाने से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पटेल चौक और सरयुग चौक कथित तौर पर बस स्टैंड बना दिया गया है. इन दोनों जगह से हर रोज दर्जनों वाहन खुलते है.
यहां से पटना, सहरसा, मधेपुरा, दरभंगा, पूर्णिया, कटिहार, अररिया आदि जगहों की बस खुलती है. जबकि जीप सवारी गाड़ी, ऑटो की आवाजाही हमेशा होती है. कथित स्टैंड पर सड़क पर ही वाहन खड़े कर यात्रियों को ढ़ोया जाता है.
वाहनों के आगे पीछे होते रहने के कारण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. यहां पर जाम भी लगा रहता है. यात्रियों की माने तो सड़क पर वाहन खड़ा रहने के कारण रास्ता काफी संकीर्ण हो जाता है. कब किधर से गाड़ी दुर्घटना ग्रस्त हो जाये यह कहना मुश्किल है.
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