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और बढ़ी कनकनी, जान ले लेगी हाड़ कंपाने वाली ठंड

मधेपुरा : कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. बहती पछिया हवा के कारण मौसम का पारा गुरूवार को गिर कर 06 डिग्री पर पहुंच गया था. वहीं वहीं सूर्यदेव का दर्शन दो दिनों से जिले वासियों को नसीब नहीं हुआ. जिले की मुख्य सड़क सहित प्रखंडों में भी सड़कें सुनी हो गयी. […]

मधेपुरा : कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. बहती पछिया हवा के कारण मौसम का पारा गुरूवार को गिर कर 06 डिग्री पर पहुंच गया था. वहीं वहीं सूर्यदेव का दर्शन दो दिनों से जिले वासियों को नसीब नहीं हुआ. जिले की मुख्य सड़क सहित प्रखंडों में भी सड़कें सुनी हो गयी. लोग घरों में दुबकने पर मजबूर थे. कुहासे के साथ बह रही पछिया हवा के कारण मौसम का पारा अचानक से नीचे गिर गया. कपकपी वाली ठंड से आम लोगों को फिलहाल राहम मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही है.

मौसम वैज्ञानिकों की माने तो अगले दो दिनों तक यही हालात बने रहेंगे. सूर्य की लाली तो लोगों को दिखी नहीं लेकिन बादलों ने सूर्य को अपने आगोश में ले लिया. ठंड में सुबह- सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. खासकर आगंनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने वाले नैनिहालों को ठंड सता रही है. गौरतलब है कि नववर्ष पर ठंड ने आगमन के साथ लोगों को थोड़ी राहत दी थी. लेकिन गुरूवार की रात से ठंड ने विकराल रूप धारण कर लिया. तेज पछिया हवा शरीर को चूभने लगी थी.

इस दौरान इलाके का न्यूनतम तापमान जहां 06 डिग्री रहा, वहीं अधिकतम तापमान 11 डिग्री था. आम जनजीवन पर बढते ढंड का सबसे अधिक असर देखा जा रहा है. खास कर गरीब तबके के लोग ठंड के कारण परेशान है. ठंड बढने से बच्चे व बुजुर्गों के साथ-साथ आम लोगों की सेहत पर संकट के बादल मंडरा रहे है. बढते ठंड को देखते हुए जगह जगह पर लोग अलाव जला कर ठंड से बचने का प्रयास करते रहे.

डॉक्टरों ने कहा बरतें सावधानी .शहर के शिशु रोग विशेषज्ञ डा एलके लक्ष्मण ने बताया कि बढ़ते ठंड में गर्म कपड़े के साथ-साथ गर्म भोजन का उपयोग करें. वहीं ज्यादा ठंड में अलाव सेके. इसके अलावे गर्म पानी से स्नान करें, पानी को उबाल कर पीए, खुले बदन बाहर न निकले, बुढ़े एवं बच्चे ठंड में नहीं घूमे.
अलाव के बिना गरीबों की निकल रही हैं जान . आर्थिक रूप से कमजोर व मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले वैसे लोग जिन्हें ठीक से दो वक्त की रोटी नसीब नहीं होती है. वे इस ठंड का मुकाबला कैसे रहेंगे. लगातार बढ़ रही ठंड गरीबों की जान निकाल रही है. लेकिन प्रशासन है कि अब तक अलाव की व्यवस्था नहीं कर सकी है.
शहर में जोर शोर से उठने लगी है अलाव मांग . शहर में आम लोगों के अलावा राहगीरों के लिए अलाव एक बड़ा सहारा बनता है. लेकिन ठिठुरन के बावजूद अलाव नहीं जलने के कारण शहर में आम लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. शहरवासियों ने जिला पदाधिकारी मधेपुरा एवं प्रशासन से अनुरोध किया है कि बढ़ती ठंड एवं कोहरा को देखते हुए जिला मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालय में अलाव की व्यवस्था करने का निर्देश संबंधित अंचलाधिकारी को दें. जिससे प्रखंड बाजार क्षेत्र सहित आसपास के लोगों को ठंड से राहत मिल सके. खासकर ऐसे लोग जिनके पास घर नहीं और वे चौक चौराहे स्टेशन के आस-पास बस स्टैंड आदि जगहों पर रात गुजारते है. ऐसे लोगों को इस कड़ाके की ठंड से बचने का एक मात्र सहारा अलाव ही है. वे लोग प्रशासन से उम्मीद लगाये बैठे है, कब प्रशासन अलाव की व्यवस्था करें.
पछुआ हवा ने बढ़ायी ठंड में ठिठुरन . पछुआ हवा के कारण ठंड में थोड़ी चुभन भी थी और ठिठुरन भी बढ़ गयी है. वहीं दूसरी ओर लोगों ने ठंड से बचने के लिये अलाव का सहारा लिया. जिला मुख्यालय में कचरे के ढेर में लगी आग के आसपास आवारा पशु भी ठंड से राहत पाने की उम्मीद में एकत्रित हो गये. इस सर्द भरी कड़ाके की ठंड से निजात पाने के लिए लोग प्रशासन से अलाव की उम्मीद कर रहे हैं.

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