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रद्द होगा दाखिल-खारिज

गड़बड़ी. सरकारी जमीन को भू-माफिया ने कराया अपने नाम डीएम ने गत 19 अप्रैल से 18 जून के दौरान किये गये दाखिल खारिज को सुनवाई के बाद रद्द करने का दिया आदेश 26 सितंबर को डीसीएलआर के न्यायालय में होगी सुनवाई मुरलीगंज नगर पंचायत व अंचल कार्यालय में सूची प्रकाशित मधेपुरा : जिले के मुरलीगंज […]

गड़बड़ी. सरकारी जमीन को भू-माफिया ने कराया अपने नाम

डीएम ने गत 19 अप्रैल से 18 जून के दौरान किये गये दाखिल खारिज को सुनवाई के बाद रद्द करने का दिया आदेश
26 सितंबर को डीसीएलआर के न्यायालय में होगी सुनवाई
मुरलीगंज नगर पंचायत व अंचल कार्यालय में सूची प्रकाशित
मधेपुरा : जिले के मुरलीगंज नगर पंचायत क्षेत्र में एक बड़े सरकारी भू-भाग को अंचल कार्यालय की मिलीभगत से दाखिल खारिज करा कब्जा करने का मामला उजागर हुआ है. इस मामले में डीएम ने जांच का आदेश दिया है. तत्कालीन सीओ द्वारा स्थानांतरण की अवधि में 19 अप्रैल से 18 जून के दौरान किये गये दाखिल खारिज की जांच में पाया गया है कि इसमें अनियमित प्रक्रिया को अपनाया गया है.
26 को होगी सुनवाई : इस मामले में डीसीएलआर ने जानकारी दी है
कि ूमुरलीगंज के तत्कालीन सीओ के द्वारा स्थानांतरण अवधि में 19 अप्रैल से 18 जून के दौरान किये गये सुओमोटो दाखिल खारिज की जांच में पायी गयी अनियमित प्रक्रिया के लिये डीएम के द्वारा रद्द करने की कार्रवाई का आदेश दिया गया है. इसकी सुनवाई भूमि सुधार उपसमाहर्ता मधेपुरा के न्यायालय में 26 सितंबर को होगी. इसकी सूची मुरलीगंज अंचल कार्यालय व नगर पंचायत कार्यालय में भी प्रकाशित की गयी है. डीसीएलआर ने अपील की है कि संबंधित पक्षकार अपना दावा सुनवाई के क्रम में दाखिल कर सकते हैं.
विरोध के पीछे ये कारण तो नहीं!
मुरलीगंज में हुए इस भूमि घोटाले की भनक मिलते ही डीएम ने सख्त होते हुए दाखिल खारिज रद्द करते हुए इसकी जांच करने का आदेश दिया था. उन्हें अंदेशा था कि सरकारी जमीन को अंचल कार्यालय की मिलीभगत से कुछ लोगों ने अपने नाम कराते हुए दाखिल खारिज करा लिया है. यह जांच चल ही रही थी कि इस बीच मुरलीगंज के सिंगियान नहर में मिले पशु अवशेष की प्रतिक्रिया के नाम पर मुरलीगंज शहर में हंगामा हुआ. बाजार बंद कर दिया गया और पकड़े गये लोगों को छोड़ने के साथ डीएम को यहां से हटाने की मांग जोर से उठी. जानकार बताते हैं कि डीएम के तबादले की मांग के पीछे इन्हीं भूमि घोटालेबाजों का हाथ है. हालांकि जांच के बाद सच पर से पर्दा उठ जायेगा.
यह मामला मुझसे पहले के सीओ के समय का है. जांच की जा रही है. म्यूनिसिपल सर्वे व कैडेशन सर्वे का मिलान किया जा रहा है. फिलवक्त रकबा स्पष्ट नहीं किया जा सकता, लेकिन इसमें करीब 50 से 60 व्यक्ति शामिल हैं. गहन जांच में स्थिति स्पष्ट हो जायेगी.
शशिभूषण, सीओ, मुरलीगंज

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