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निर्दोष लोगों की रिहाई तथा मुकदमा हटाने की मांग को लेकर छठे दिन भी बंद रहा मुरलीगंज बाजार. कोसी क्षेत्र के प्रभारी डीआइजी सौरभ कुमार ने मुरलीगंज पहुंच कर की दर्ज मामले की समीक्षा. प्रतिनिधि4मुरलीगंज (मधेपुरा) मुरलीगंज बाजार निर्दोष लोगों की रिहाई तथा मुकदमा हटाने की मांग को लेकर छठे दिन भी बंद रहा. लोगों […]

निर्दोष लोगों की रिहाई तथा मुकदमा हटाने की मांग को लेकर छठे दिन भी बंद रहा मुरलीगंज बाजार. कोसी क्षेत्र के प्रभारी डीआइजी सौरभ कुमार ने मुरलीगंज पहुंच कर की दर्ज मामले की समीक्षा.
प्रतिनिधि4मुरलीगंज (मधेपुरा)
मुरलीगंज बाजार निर्दोष लोगों की रिहाई तथा मुकदमा हटाने की मांग को लेकर छठे दिन भी बंद रहा. लोगों को रह रह कर यह डर साल रहा है कि एक तरफ कुछ निर्दोष लोग जिसमें बच्चे शामिल हैं जेल चले गये हैं.
दूसरी ओर पुलिस द्वारा दर्ज किये मामले में काफी मात्रा में अज्ञात का जिक्र किया गया है. इस अज्ञात के नाम पर उगाही न शुरू हो जाये. वहीं प्रशासन भी अपनी जिम्मेवारी का पूरी तरह निर्वाह करते हुए एक बार फिर रविवार को डीआइजी के समक्ष लोगों से वार्ता कर बाजार खुलवाने के लिए पहल कर रहा है. इधर मुरलीगंज में घटी घटना के मामले में रविवार को धरना भी दिया गया.
एसपी एवं डीआइजी ने की वार्ता
रविवार को कोसी क्षेत्र के प्रभारी डीआइजी सौरभ कुमार ने मुरलीगंज पहुंच कर दर्ज मामले की समीक्षा की. उनके साथ एसपी विकास कुमार, एएसपी राजेश कुमार भी थे. डीआइजी मुरलीगंज थाने में व्यापारियों, तथा मुकदमें में नामजद हुए लोगों के परिजनों से मिल कर उनके दुख दर्द को सुना. पीड़ित परिवार जिनके बच्चे निरपराध सड़कों से पकड़ कर 5 तारीख को जेल भेजे गये थे उन लोगों ने अपनी अपनी बातें डीआइजी के सामने रखी तथा पुलिसिया जुल्म की कहानी कही.
मौके पर मौजूद मुरलीगंज के मुख्य पार्षद श्वेत कमल उर्फ बौआ जी ने कहा कि सभी पीड़ित परिवारों की फरियाद है कि अविलंब उनके साथ न्याय हो. तत्काल मामले से गंभीर धाराएं हटा कर बच्चों का जमानत होने दिया जाये. इसे सुनने के बाद डीआइजी ने कहा कि भयमुक्त होकर अमन चैन और शांति के साथ मुरलीगंज का व्यवसायी अपने अपने व्यवसाय में लग जाएं. उन्होंने कहा कि जिले के आरक्षी अधीक्षक को सारी बातें बता दी है. न्यायालय द्वारा पुलिस डायरी मांगे जाने पर वह निर्दोषों और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का नाम छांटकर कुछ धाराएं को कम कर न्यायालय में डायरी समर्पित कर देंगे. जिससे बच्चों की रिहाई में तकलीफ नहीं होगी. उन्होंने यहां तक कहा कि वह हमारे भी बच्चे हैं और हम नहीं चाहते हैं उनका कैरियर बर्बाद हो. उन्होंने भादवि की धारा 295 को हटा देने की बात कही. डीआइजी ने कहा कि पुलिस वालों के जख्म प्रतिवेदन को देखते हुए धारा 307 को भी हटाने पर विचार किया जा रहा है.
पूर्व भाजपा प्रत्याशी विजय सिंह कुशवाहा ने प्रशासन को जनता की चिंताओं से अवगत कराया. वार्ता के क्रम में जिला प्रशासन की ओर से डीडीसी मिथिलेश कुमार, एसडीएम संजय कुमार निराला उपस्थित थे. जबकि व्यवसायियों की ओर से चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ब्रह्मानंद जायसवाल, माकपा नेता बैजू साह, रघुनंदन शर्मा, राष्ट्रीय जनता दल के जिला अध्यक्ष देव किशोर यादव भूतपूर्व मुखिया जोरगामा पंचायत मिथिलेश आर्य, दिनेश मिश्रा, अरविंद कुमार, डिंपल, मनोज यादव, सुजीत कुमार शास्त्री, रामजी साह आदि मौजूद थे. डीआइजी एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों ने पीड़ित परिवारों व व्यवसायियों से अनुरोध किया कि बाजार को बाधित न करें.बाजार बंद होने की सजा गरीब एवं मध्यम वर्ग के व्यापारियों को ज्यादा भोगनी पड़ती है.

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