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निवर्तमान प्रोवीसी ने नियमों को ताक पर रख दिये लाखों के भुगतान के आदेश
मधेपुरा : भूपेंद्र नारायण मंडल विवि में पूर्व के तीन सालों में हुए घोटाले की फेहरिश्त लंबी होती जा रही है. पहले ढ़ाई करोड़ के सर्टिफिकेट छपाई में गड़बड़ी की बात सामने आयी. फिर पूर्व कुलपति के पटना स्थित आवास पर हुए मेडिकल कॉपी की जांच में राजभवन ने शोकॉज किया. ताजा मामला विवि शिकायत […]
मधेपुरा : भूपेंद्र नारायण मंडल विवि में पूर्व के तीन सालों में हुए घोटाले की फेहरिश्त लंबी होती जा रही है. पहले ढ़ाई करोड़ के सर्टिफिकेट छपाई में गड़बड़ी की बात सामने आयी. फिर पूर्व कुलपति के पटना स्थित आवास पर हुए मेडिकल कॉपी की जांच में राजभवन ने शोकॉज किया.
ताजा मामला विवि शिकायत निवारण कोषांग के अध्यक्ष रहते हुए निवर्तमान प्रोवीसी द्वारा नियमों को ताक पर रख कर दिये गये लाखों के भुगतान आदेश का है. विवि सूत्रों की मानें तो गलत तरीके से लाखों रुपये का भुगतान भी हो चुका है. हालांकि कुलपति प्रो डॉ अवध किशोर राय ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए नियम विरुद्ध हुए भुगतान के आदेश को निरस्त करने का आदेश देते हुए अग्रतर कार्रवाई करने की बात कही है.
वहीं कुलपति के आदेश पर गुरुवार शाम प्रभारी कुलसचिव ने भुगतान के सभी मामलों को निरस्त करने की अधिसूचना जारी कर दी. गौरतलब है कि राजभवन के निर्देश पर वर्ष 2016 में बीएन मंडल विवि में शिकायत निवारण कोषांग का गठन किया गया था. कोषांग के अध्यक्ष प्रोवीसी, पदेन सचिव डॉ नरेंद्र श्रीवास्तव, डीएसडब्लू, एफओ, कुलानुशासक बनाये गये थे, लेकिन बैठक में नियमों का पालन नहीं होता देख पदेन सचिव डॉ नरेंद्र श्रीवास्तव ने इससे दूरी बना ली थी.
मिथिला कंस्ट्रक्शन को हुआ 24 लाख के भुगतान का आदेश
नौ मई 2017 को निवर्तमान प्रोवीसी ने आदेश जारी कर कहा कि संवेदक मिथिला कंस्ट्रक्शन द्वारा दाखिल शिकायत पत्र के आधार पर पूर्णिया कॉलेज के प्रधानाचार्य ने देय राशि 23 लाख 92 हजार रुपये में से 15 लाख रुपये संवेदक को भुगतान के लिए कॉलेज खाता संख्या एक से स्वीकृति की मांग की है.
शेष राशि आठ लाख 92 हजार कॉलेज अपने आंतरिक स्रोत से करेगी. कोषांग द्वारा निर्णय लिया गया कि खाता संख्या एक से 15 लाख व आंतरिक स्रोत से 8 लाख 92 हजार रुपये भुगतान करने व आदेश पारित होने के दो महीने के अंदर भुगतान सुनिश्चित नहीं करने पर 12 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करना होगा.
नियमों के विरुद्ध प्रोवीसी ने जारी किया आदेश
विवि शिकायत निवारण कोषांग के तत्कालिक अध्यक्ष सह प्रोवीसी द्वारा नौ मई 2017 को आदेश निर्गत कर प्रमोद कुमार झा के सेवा का सामंजन किया गया. वहीं मिथिला कंस्ट्रक्शन पूर्णिया के रविंद्र नाथ ओझा द्वारा प्रस्तुत बिल विपत्र का भुगतान का आदेश दिया गया. इसके अलावा केबी झा कॉलेज कटिहार के डॉ अब्दुल लतीफ के सेवा को सही ठहराते हुए भुगतान संबंधित आदेश दिया गया. इन सभी आदेश की समीक्षा के बाद नियम परिनियम के विरुद्ध करार देते हुए गुरुवार को निरस्त कर दिया गया है.
वहीं 24 मई को तात्कालिक प्रोवीसी द्वारा मनिहारी कॉलेज मनिहारी में प्रधानाचार्य पद पर डॉ वासुदेव प्रसाद सिंह के नियुक्ति संबंधी आदेश को भी विवि प्रशासन अधिसूचना जारी कर निरस्त करते हुए कहा गया है कि ये सभी आदेश वैधानिक रूप से नियम व परिनियम के अनुरूप नहीं है. एकल सदस्य अध्यक्ष के हस्ताक्षर के आधार पर बिना सामूहिक बैठक व कुलपति के बिना आदेश प्राप्त किये व बिना प्रक्रिया पूरी किये तथा सदस्यों के हस्ताक्षर बिना आदेश निर्गत किये गये हैं, जो पूर्ण रूप से असंवैधानिक व अपूर्ण है.
कुलपति ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पूर्व के सभी असंवैधानिक आदेशों को निरस्त करने का आदेश दिया है. अगर गलत तरीके से आदेश पर राशि का भुगतान हो गया है, तो विवि प्रशासन उसकी वसूली करेगी.
प्रो डॉ फारूक अली, प्रतिकुलपति, बीएनएमयू
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