लखीसराय. जिले के सूर्यगढ़ा के विभिन्न क्षेत्रों में छिटपुट धान की रोपनी शुरू हो चुकी है. प्रखंड क्षेत्र के कजरा एवं अभयपुर के दक्षिणी साइड धान की रोपनी शुरू की गयी है. यहां के किसान के द्वारा किसी तरह पानी का जुगाड़ कर धान का बिचड़ा गिरा दिया था. कुछ जगहों धान का बिचड़ा तैयार हो जाने के बाद धान की रोशनी शुरू कर दी गयी है. धान की रोपनी शुरू हो जाने के बाद किसानों को अच्छी बारिश हो जाने के कारण उन्हें खेतों का जोत आबाद करने में भी काफी सुगमता महसूस हो रहा है. जबकि जिले में अब तक जिला कृषि विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य के लगभग पूरा करते हुए धान का बिचड़ा किसानों द्वारा गिराया गया है. जिला कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार जिले में धान का बिचड़ा 95 प्रतिशत से अधिक धान का बिचड़ा गिराया जा चुका है जिले में धान की रोपनी के लक्ष्य के अनुरूप धान का बिचड़ा गिराया जा चुका है. जिले में इस बार 41902 हेक्टेयर में धान की रोपनी किया जाना है. इस बार धान का बिचड़े विलंब से गिरने के कारण 22 जुलाई से रोपनी शुरू हो जायेगा. धान के रोपनी का यह समय किसानों के द्वारा के द्वारा अनुकूल बताया जा रहा है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से धान की रोपनी के लिए लंबी अवधि के धान पैदावार के लिए इससे पूर्व धान का बिचड़ा गिराया जाना था. वर्तमान में अल्प अवधि के धान का बिचड़ा गिराये जाने से धान का पैदावार में कोई फर्क नहीं पड़ सकता है. केवीके हलसी के वैज्ञानिक सुधीर चंद्र चौधरी का कहना है कि धान का वेरायटी पर निर्भर करता है. अल्प अवधि के धान का बिचड़े गिराये जाने से धान के पैदावार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. वर्तमान समय में भी धान की रोपनी कर किसान समय अनुकूल देख रेख कर धान की अच्छी उपज कर सकते हैं.
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