झाझा : रविवार को गोंगाकुरा गांव में डायरिया से एक बच्ची की मौत हो जाने से ग्रामीणों ने चिकित्सा विभाग के विरोध में आक्रोश जताया तथा नारे भी लगाये . ग्रामीण नागेश्वर यादव, रामवती देवी,यमुना यादव, देवंती देवी,रवींद्र यादव,गिरिजा देवी,टुनटुन यादव,मीरा देवी समेत दर्जनों लोगों ने बताया कि एक सप्ताह से इस गांव में डायरिया का फैला हुआ है. लेकिन आजतक कोई स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की गयी है.
ग्रामीण किसी तरह ग्रामीण चिकित्सक व निजी क्लिनिक में अपना इलाज करा कर अपनी जान बचा रहे हैं. ग्रामीणों बताते हैं कि शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं रहने के कारण हमलोगों को हमेशा परेशानी का सामना करना पड़ता है. बामारी फैलने के बाद भी स्थानीय प्रशासन द्वारा ब्लीचिंग पाउडर आदि का भी छिड़काव नहीं किया है. जबकि यह गांव शहर से बिल्कुल सटा हुआ है. बावजूद इसके कोई चिकित्सक कभी डायरिया से ग्रसित लोगों को देखने नहीं आया है. आक्रोश व्यक्त करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि पिछले सप्ताह डायरिया फैलने पर एक चिकित्सक आये भी थे
तो सिर्फ खानापूर्ति कर चले गये. न ही कोई जांच हुई और न ही कोई दवा दी गयी. डायरिया से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. ग्रामीणों ने बताया कि यदि प्रशासन द्वारा बामारी की रोकथाम को लकरे ध्यान दिया जाता तो आज बच्ची की मौत नहीं होती.आक्रोश व्यक्त करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि यदि यथाशीघ्र चिकित्सक टीम गांव में कैंप नहीं किया तो हमलोग सड़क पर उतर कर आंदोलन करने को बाध्य हो जायेंगे.