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बाढ़ राहत शिविर को कागजों पर चला कर की जा रही लूट-खसोट

पीरीबाजार : खंड के समीपवर्ती प्रखंड शाम्हो-अकहा-कुरहा प्रखंड में बाढ़ की त्रासदी झेल रहे लोगों के लिए कागजों पर राहत शिविर चलाने की खानापूर्ति कर इसमें लूट-खसोट करने का मामला प्रकाश में आया है. मिली जानकारी के अनुसार दियारा में 16 बाढ़ राहत शिविर व स्थानीय बाजार के जनता इंटर कॉलेज सूर्यगढ़ा में एक यानि […]

पीरीबाजार : खंड के समीपवर्ती प्रखंड शाम्हो-अकहा-कुरहा प्रखंड में बाढ़ की त्रासदी झेल रहे लोगों के लिए कागजों पर राहत शिविर चलाने की खानापूर्ति कर इसमें लूट-खसोट करने का मामला प्रकाश में आया है. मिली जानकारी के अनुसार दियारा में 16 बाढ़ राहत शिविर व स्थानीय बाजार के जनता इंटर कॉलेज सूर्यगढ़ा में एक यानि कुल मिला कर 17 राहत शिविर चलाया जा रहा है. इस बाबत कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष मदन मोहन सिंह,

महिला मोर्चा के प्रखंड अध्यक्ष पुन्नी देवी, राजद प्रखंड अध्यक्ष जालेश्वर यादव, महादलित नेता मंटून रजक सहित बाढ़ पीड़ितों ने राहत शिविर के नाम पर बरती जा रही अनियमितता के बारे में बताया कि एक तरफ जहां जनता इंटर कॉलेज सूर्यगढ़ा के राहत शिविर में प्रत्येक दिन आठ हजार लोगों को भोजन कराने व 8400 लोगों के लिए पैकेट भेजे जाने का दावा किया जा रहा है. वहीं दियारा में चलाये जा रहे 16 राहत शिविर में प्रत्येक दिन आठ हजार लोगों को खिलाने का दावा किया जा रहा है. यानि कुल 24 हजार 400 लोगों को प्रत्येक दिन भोजन कराने का दावा किया जा रहा है.

जबकि अंचलाधिकारी के अनुसार दियारा क्षेत्र के शाम्हो प्रखंड का कुल आबादी 30 हजार 700 है. इनमें से महिला, बच्चा, नौकरी पेशा वाले के साथ ही पशुपालक की लगभग 10 हजार की आबादी भीषण बाढ़ के कारण पलायन कर चुकी है. वहीं आर्थिक संपन्नता के कारण लगभग पांच हजार की आबादी ने इस लाभ से खुद को अलग रखा.

ऐसे में कुल आबादी की आधी आबादी बाढ़ राहत शिविर से खुद को अलग रखे हुए हैं, तो प्रत्येक दिन 24 हजार 400 को भोजन कैसे कराया जा रहा है. ऐसे आंकड़े राहत शिविर को कागजों पर चलाये जाने का संकेत दे रहा है. राहत शिविर के नाम पर लूट खसोट किये जाने की पूर्ण संभावना को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है.

बाढ़ पीड़ितों का दर्द नहीं हुआ कम : शाम्हो प्रखंड में गंगा के जलस्तर में चार फीट की कमी आने पर जहां बाढ़ग्रस्त गांव के लोगों ने राहत की सांस तो ली, लेकिन उनके सामने अभी कई परेशानियां हैं. लोगों को पानी कम होने के बाद डायरिया व महामारी का भय सताने लगा है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन क्षेत्रों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं कराया जा रहा है. इस क्षेत्र के
अकबरपुर बरारी, एसएसबी वन व एसएसबी टू पंचायतों में पानी कम होने के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग अब तक ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं करा रहा है. इस बाबत राहत शिविर में आये लोगों ने कहा कि यहां न तो चिकित्सक आते हैं और न ही गांवों के ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है.
यही हालत तीनों पंचायत में है. जबकि राज्य सरकार द्वारा दावा किया जा रहा है कि बाढ़ जैसी विभीषिका से निपटने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है. ऐसी परिस्थिति में लोगों को अपने गांव व घर में रहने में भय सताने लगा है. इससे प्रतीत होता है कि बाढ़ पीड़ितों के बचाव व राहत कार्य महज घोषणा तक या फिर रजिस्ट्रर के पन्नो तक सिमट कर रह गया है और बाढ़ पीड़ित महामारी जैसी समस्या से सामना होने के भय से भयभीत हैं.

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