कार्य एजेंसी यूआइसीसी की टीपीए द्वारा एसटी इलाकों को इनरॉलमेंट से रखा गया वंचित
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लाभ से वंचित हैं आदिवासी
कार्य एजेंसी यूआइसीसी की टीपीए द्वारा एसटी इलाकों को इनरॉलमेंट से रखा गया वंचित नक्सल प्रभावित लोगों को नहीं मिला राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का कैशलेश हेल्थ कार्ड टीपीए ने बीपीएल डाटा से की छेड़छाड़ फर्जी कैशलेश हेल्थ स्मार्ट कार्डधारियों की रही पौ बारह लखीसराय : जिला प्रशासन की उदासीनता व कार्य एजेंसी युनाइटेड इंडिया […]
नक्सल प्रभावित लोगों को नहीं मिला राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का कैशलेश हेल्थ कार्ड
टीपीए ने बीपीएल डाटा से की छेड़छाड़
फर्जी कैशलेश हेल्थ स्मार्ट कार्डधारियों की रही पौ बारह
लखीसराय : जिला प्रशासन की उदासीनता व कार्य एजेंसी युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस लिमिटेड की विडॉल टीपीए एजेंसी द्वारा बरती गयी घोर अनियमितताओं के चलते राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा की कैशलेश ट्रीटमेंट इलाज सुविधाओं से जिले के आदिवासी समाज बिल्कुल वंचित पड़े हैं. विदित हो कि संबंधित बीमा सेवा प्रदाता कंपनी की टीपीए की ओर से एक अप्रैल से 31 जुलाई 2015 के दौरान जिले की लक्षित कुल 1,04779 बीपीएल परिवार के विरुद्ध आनन-फानन में फर्जी तरीके से साइबर स्कैंडल के तहत कुल 40285 बीपीएल परिवार के बीच मुफत हेल्थ स्मार्ट कार्ड बनाये जाने का दावा पेश किया गया है.
इस बीच संबंधित बीमा सेवा प्रदाता कंपनी की वार्षिक कैशलेश ट्रीटमेंट हेल्थ सेवा बीते एक मई से 30 अप्रैल 2016 को कागजी तौर पर संपन्न होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से पुन: इसे एक मई से 30 सितंबर तक बीपीएल लाभुकों के पांच परिवार के लिए मुफत इलाज सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए इसकी सेवा अवधि भी विस्तारित कर दी गयी. जबकि नियमानुकूल तरीके से इस कार्य एजेंसी की ओर से भारी पैमाने पर जिला प्रशासन की बीपीएल लाभुकों की डाटा से छेड़छाड़ कर इसके वाजिब हकदारों के गांवों में हेल्थ स्मार्ट कार्ड बनवाने के लिए कोई कैंप तक नहीं लगाया गया.
विदित हो कि जिले में आरएसबीवाइ कार्यक्रम की सफल संचालन के लिए आज तक किसी कंप्यूटर सहायक को जिला स्तरीय डीकेएम ऑफिस में प्रतिनियुक्त नहीं किया गया. फलस्वरूप जिला प्रशासन के डीकेएम सर्वर, बीमा कंपनी की टीपीए सर्विस व बीमा प्रदाता के प्रतिनिधि का प्रभार भी कार्यकारी एजेंसी की एक ऑपरेटर के कब्जे में रही. भला ठेका के कार्य फीका के तहत संपन्न हेल्थ स्मार्ट कार्ड इनरॉलमेंट में लगभग एसटी वर्ग के बीपीएल लाभुकों को इस योजना के लाभ से पूर्णत: वंचित कर दिया गया गया है. स्मारणीय हो कि लखीसराय जिले में दो सरकारी व चार प्राइवेट अस्पताल में आरएसबीवाइ हेल्थ स्मार्ट कार्ड पर ऑनलाइन मुफत इलाज सुविधा उपलब्ध करवाये जा रहे हैं,
हालांकि सेवा प्रदाता कंपनी को इसकी एवज सरकार की ओर से 248 रुपये प्रति कार्ड प्रीमियम की राशि व लाभुकों से प्रति हेल्थ स्मार्ट कार्ड 30-30 रुपये की पंजीयन शुल्क की वसूली के अलावे बिना हेल्थ स्मार्ट कार्ड जांच करवाये दोबारा सेवा प्रस्तावित कर लाखों की सरकारी राशि बटोरने में कामयाब रही. इस दौरान कई प्राइवेट अस्पतालों को बीपीएल मरीजों की इलाज राशि की भुगतान करने में भी सेवा प्रदाता बीमा कंपनी अपनी टाल-मटोल पूर्ण रवैया कायम कर रखी है. इसके चलते अब निजी अस्पताल भी ऐसी सेवाओं को करने में कोई अभिरुचि नहीं ले रहे हैं. बावजूद आरएसबीवाइ जिला कोर कमेटी की बैठक बीते 06 माह से लंबित पड़ी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस बाबत में डीएम सुनील कुमार ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा जिला कोर कमेटी की आपात बैठक कर विधिसम्मत सख्त कार्रवाई किये जायेंगे. दूसरी ओर एसीएमओ सह एडीकेएम डॉ विजय कुमार ने कहा कि आरएसबीवाइ डीसीसी की बैठक बुलाने के लिए शीघ्र ही संचिका बढ़ाये जा रहे हैं.
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