कहीं कहीं तो जुगाड़ गाड़ी पर जिस तरह से यात्रियों को बैठाया जाता है, वह कभी दुर्घटना का कारण बन सकता है. इस संबंध में फरवरी माह के दूसरे सप्ताह में जिलाधिकारी मनोज कुमार सिंह ने पुलिस कप्तान, जिला परिवहन पदाधिकारी तथा कवैया, टाउन थाना, बड़हिया एवं सूर्यगढ़ा के थानाध्यक्षों के साथ बैठक कर इस पर रोक लगाने की बात कही थी. इसके बाद कुछ दिनों तक सिर्फ खानापूर्ति के लिए जगह-जगह जुगाड़ गाड़ी की धर-पकड़ भी की गयी. 12 जुगाड़ गाड़ी चालकों पर प्राथमिकी भी दर्ज की गयी.
लेकिन बाद में इस दिशा में आगे प्रगति नहीं होने से सड़कों पर पुन: जुगाड़ गाड़ियों का दौड़ना प्रारंभ हो गया. ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को नहीं है. लगभग सभी थानों के सामने से जुगाड़ गाड़ी गुजरती रहती है. फिर भी इस दिशा में कार्रवाई नहीं हो रही है. लोगों का कहना है कि जब तक सरकार की ओर से इसे लेकर नीतिगत फैसला नहीं लिया जाता है. तब तक इस पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता. इसको लेकर पूरे राज्य में एक तरह का आदेश निकाला जाना चाहिए. उस पर अमल किया जाना चाहिए.