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जाति प्रमाण-पत्र बनाने के लिए भटकने को मजबूर हैं महिलाएं

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के आवेदन में लिये जाते हैं प्रमाण पत्र मायके से जाति प्रमाण-पत्र बनाने की बात कह लौटा रहे पदाधिकारी कई महिलाओं के मायके में अब कोई नहीं, ऐसे में वे कहां भटकें एससी/एसटी एवं अनुसूची जाति की महिलाओं को मिलना है योजना का लाभ लखीसरा/सूर्यगढ़ा : ग्राम स्वराज अभियान के तहत सूर्यगढ़ा […]

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के आवेदन में लिये जाते हैं प्रमाण पत्र

मायके से जाति प्रमाण-पत्र बनाने की बात कह लौटा रहे पदाधिकारी

कई महिलाओं के मायके में अब कोई नहीं, ऐसे में वे कहां भटकें

एससी/एसटी एवं अनुसूची जाति की महिलाओं को मिलना है योजना का लाभ

लखीसरा/सूर्यगढ़ा : ग्राम स्वराज अभियान के तहत सूर्यगढ़ा प्रखंड के चार गांव मानुचक, योगपुर, लक्ष्मीपुर व खुद्दीवन को स्मोकलेश भिलेज बनाने की कवायद शुरू की गयी है. विस्तारित प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में इन गांव के अनुसूचित जाति-जनजाति तथा अतिपिछड़ा वर्ग के प्रत्येक परिवार को योजना का लाभ दिया जाना है लेकिन विस्तारित उज्जवला योजना के शुरुआत में ही गरीबों के हक पर बिचौलिया कुंडली मारे बैठा है. कहीं योजना का लाभ दिलाने के नाम पर तो कहीं योजना के लाभ के लिये आवेदन ऑनलाइन में जाति प्रमाण-पत्र बनाने के नाम पर जरूरतमंद लोगों से गरीबों का दोहन हो रहा है. संबंधित पदाधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं जिसके कारण गरीबों की हकमारी हो रही है.

क्या है परेशानी

विस्तारित उज्जवला योजना का क्रियान्वयन पहली अप्रैल 2018 से हो रहा है. इसमें पात्र लाभुकों को जाति प्रमाण-पत्र आवेदन के साथ संलग्न करना आवश्यक है. आवेदक को लाभ पाने के लिये पहले ऑनलाइन आवेदन करना पड़ रहा है जिसके ऑनलाइन आवेदन करने में महिलाओं को जाति-प्रमाण पत्र की आवश्यकता है लेकिन महिलाओं को जाति प्रमाण-पत्र के लिए लगातार आरटीपीएस कार्यालय की चक्कर लगाना पडता है. महिलाओं का कहना है कि उनका जाति प्रमाण-पत्र नहीं बनाया जा रहा,

उन्हें अपने मायके से प्रमाण पत्र बनाने को कहा जाता है. महिलाओं का कहना है कि दलालों के माध्यम आरटीपीएस कार्यालय में महिलाओं का जाति प्रमाण-पत्र निर्गत हो रहा है. इस वजह से महिलाओं को भारी भरकम राशि भी िवभिन्न मद में खर्च करना पड़ता है ़ वे कर्ज लेकर रुप या संबंधित लोगों को देती हैं . लेिकन फिर भी इस बात की गारंटी नहीं है कि उनका काम समय पर हो जायेगा ़ उपर से कर्ज देने वाले भी अपना पैसा मांगने के लिए दरवाजे पर पहुंच जाते हैं ़ उनके उपर दोहरी मार पड़ती है जिसे हर हाल में उन्हें ही झेलना पड़ता है़ सरकार के लाख प्रयास के बाद भी कार्यालय जाने पर उनकी परेशानी कम होती नहीं दिखती है ़

उज्जवला गैस से संबंधित खबर

विदित हो कि गत 20 अप्रैल को उज्जवला दिवस पर ग्राम स्वराज के अंतर्गत देश में 15 हजार स्थानों पर प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायत योजनाओं के तहत जिले के कई गांवों में उज्जवला विस्तारीकरण समारोह का आयोजन कर गरीब निर्धन परिवारों के बीच गैस का कनेक्शन वितरित किया गया था. ताकि महिलाओं के स्वास्थ्य, पर्यावरण, सुरक्षा एवं कुशलता, आर्थिक विकास एवं महिला सशक्तिकरण हो सके. इसी को देख कर प्रधानमंत्री ने सुरक्षा एवं कुशलता, स्वास्थ्य, पर्यावरण को देखते हुए उज्जवला योजना के तहत 8 करोड़ महिलाओं को नि:शुल्क गैस सिलेंडर.चूल्हा देने का फैसला लिया है, जिससे महिला स्वस्थ रह सके. इसके साथ ही खाना बनाने में समय का बचाव के साथ-साथ पर्यावरण का भी बचाव हो सके.

सीओ देंगे विशेष जानकारी

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आलोक में महिलाओं का जाति प्रमाण-पत्र उसके मायके से ही निर्गत किया जायेगा. आरटीपीएस के पदाधिकारी सीओ होते हैं अगर उनका आदेश होगा तभी महिला को ससुराल में जाति प्रमाण-पत्र निर्गत होगा. विशेष जानकारी सीओ ही दे सकते हैं.

धनंजय कुमार, आइटी सहायक

जांच कर होगी कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार महिला का जाति प्रमाण-पत्र मायके में ही बनेगा.अगर गलत तरीके से प्रमाण-पत्र बनाये जाने की शिकायत मिली तो कर्मी के विरुद्ध जांच के बाद दोषी पाये जाने पर कार्रवाई होगी. अभी इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिला है.

प्रेम कुमार, अंचलाधिकारी

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