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किऊल के बालू घाट की फिर से होगी बंदोबस्ती

100-100 हेक्टेयर क्षेत्र में बांट कर की जायेगी बंदोबस्ती लखीसराय : बालू की कमी झेल रहे लखीसराय जिला में स्थित किऊल नदी बालू घाट की नये सिरे से बंदोबस्ती की जा रही है. जिसके आधार पर जिला प्रशासन बालू की समस्या जल्द ही समाप्त होने का दावा कर रहा है.लखीसराय जिला में अवस्थित किऊल नदी […]

100-100 हेक्टेयर क्षेत्र में बांट कर की जायेगी बंदोबस्ती

लखीसराय : बालू की कमी झेल रहे लखीसराय जिला में स्थित किऊल नदी बालू घाट की नये सिरे से बंदोबस्ती की जा रही है. जिसके आधार पर जिला प्रशासन बालू की समस्या जल्द ही समाप्त होने का दावा कर रहा है.लखीसराय जिला में अवस्थित किऊल नदी को 16 क्षेत्र में जिला खनन विभाग द्वारा बांटा गया है. सभ क्षेत्र 20 हेक्टेयर का है. उसे भी पांच-पांच हेक्टेयर के चार चार ब्लॉक मे विभाजित किया गया है. इस तरह 320 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले किऊल नदी के बालू घाटों की नये सिरे से ई-टेंडरिंग के माध्यम से नीलामी को लेकर निविदा प्रकाशित कर दिया गया है.
इसके लिए 21 से 27 दिसंबर तक निबंधन कार्य लिया जायेगा. ऑक्शन के लिये 5 जनवरी का समय निर्धारित किया गया है. लखीसराय में 100 हेक्टेयर क्षेत्र में बालू खनन के लिये 10 लाख रुपये सिक्यूरिटी मनी रखा गया है. बिक्री दर का मानक एक हजार तय करके रॉयलिटी एंड ट्रांस्पोटेशन खर्च अलग से रखा गया है.
पूर्व में हुआ टेंडर 21 नवंबर को किया जा चुका है रद्द . सितंबर 2016 में किऊल नदी बालू घाट की नीलामी जमुई और लखीसराय जिला के बालू घाटों की संयुक्त रूप से नीलामी की गयी थी. 48 करोड़ में इसका टेंडर वेस्टलिंग प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को दिया गया था. जो वर्ष 2016-19 के लिये की गयी थी. संवेदक द्वारा पर्यावरण प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराने को लेकर बालू उठाव पर जो रोक लगी वह हट नहीं पायी. बाद में संवेदक द्वारा शर्तो के अनुसार समय पर राशि जमा नहीं करने आदि को लेकर मामला उलझता चला गया. जमुई के
जिलाधिकारी द्वारा 8 नवंबर को ही इस नीलामी को रद्द कर दिया गया जबकि लखीसराय के जिलाधिकारी अमित कुमार ने 21 नवंबर को शेष अवधि की बंदोबस्ती रद्द कर नये सिरे से सर्वेक्षण रिपोर्ट पर टेंडर कराये जाने की सहमति दी. जिला खनिज पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि इस टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते ही बालू का संकट समाप्त हो जायेगा. ई-टेंडर होने के कारण इसका सारा प्रावधान राज्य मुख्यालय से ही किया जाना है.
जब्त बालू की नीलामी भी हुई रद्द
अवैध बालू ढुलाई के विरुद्ध चलाये जा रहे छापामारी अभियान के क्रम में जिला प्रशासन ने अवैध रूप से विभिन्न जगहों पर जमा कर रखे लगभग 40 हजार सीएफटी बालू को जब्त कर निर्माणाधीन पुलिस लाइन में डंप कर रखा गया है. इसमें से 20 हजार सीएफटी बालू की नीलामी टेंडर के माध्यम से 15 नवंबर को गणेश साईं कॉन्ट्रेक्टर एंड सन्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से किया गया था. इसमें अनियमितता का आरोप लगाये जाने पर डीएम अमित कुमार ने इस टेंडर को भी रद्द कर दिया. अब सभी 40 हजार सीएफटी बालू सरकारी निर्माण कार्य में जुड़े तीन विभाग को आवंटित करने का निर्णय लिया गया है. इस तरह बालू के लिये मचे कोहराम के बीच निकली किऊल नदी का टेंडर पुन: एक नयी आस जगाया है.
16 भागों में बांटे गये किऊल नदी के घाट
लखीसराय जिला में पड़ने वाले किऊल नदी के 320 हेक्टेयर क्षेत्र को 16 भागों में बांटा गया है. जिसमें किशनपुर, गढी विशनपुर , वृंदावन, गोड्डीह, घोसी कुंडी, खैरी, महिसोना, खुटुकपार, वंशीपुर, झिनौरा,मलिया डुमराह, शरमा, तेतरहट, नगरदार मलिया,रामपुर, मानो, नोनगढ़ और कुमरदार शामिल है. सभी नामित क्षेत्रों को पांच-पांच हेक्टेयर के चार-चार ब्लॉक में भी बांट कर रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को भेजी गयी थी.

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