किशनगंजः लोकसभा चुनाव के दौरान विधि व्यवस्था सामान्य बनाए रखने और अपराधियों पर नकेल कसने को लेकर जिला पदाधिकारी आदित्य कुमार दास की अध्यक्षता में पड़ोसी देश नेपाल के झापा जिले के पदाधिकारियों व पश्चिम बंगाल के पदाधिकारियों की बैठक हुई. गुरुवार को रचना भवन के सभागार में हुई बैठक में चुनाव के दौरान सीमा को सील करने का निर्णय लिया गया. साथ ही बैठक में वांछित अपराधियों की सूची नेपाल के पदाधिकारियों को सौंपी गई.
जिला पदाधिकारी श्री दास ने पत्रकारों से बताया कि बैठक साकारात्मक रही. चुनाव के दिन नेपाल सीमा सील रखने के मुद्दे पर नेपाल के प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी सहमति जता दी है. नेपाल की सीमा से सटे 22 स्थानों व पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे 23 स्थानों को सील करने के लिए चिह्नित किया गया है. पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने कहा कि नेपाल की सीमा से सटे किशनगंज जिले के थानों के 44 वांछित अपराधियों की सूची नेपाल पुलिस को सौंपी गयी है. इनमें कोढ़ोबाड़ी थाना के चार, गलगलिया के आठ, पहाड़कट्टा के चार, फतेहपुर के सात, दिघलबैंक थाना के पांच, कुर्लीकोट थाना के चार व किशनगंज थाना के 12 वांछित अपराधियों के नाम शामिल है. नेपाल स्थित झापा जिले के सीडीओ एक मणी ने कहा कि किशनगंज जिला प्रशासन का नेपाल के प्रति हमेशा सहयोगात्मक रवैया रहा है. नेपाल में विगत दिनों हुए संविधान सभा के चुनाव में किशनगंज प्रशासन ने हरसंभव सहयोग नेपाल को दिया था. झापा जिला प्रशासन भी भारत हो रहे लोक सभा चुनाव में हर संभव सहयोग प्रदान करेगा.
नेपाल से आये पदाधिकारियों के दल में झापा जिले के एसपी एम आचार्या, एएसडीओ मोहन प्रसाद बाघले, सीडीओ लाल मणी ओझा, नेपाल अंग फोर्स के एसपी महेश कुमार श्रेष्ठ, आर्म्स फोर्स के एसएसपी गणोश बहादुर, नेपाल कस्टम अधिकारी कृष्णानेव पानी, प्रशासनिक अधिकारी सागर मिश्र एवं भवेन्द्र लामन शामिल थे. जबकि किशनगंज जिले के पदाधिकारियों में डीएम आदित्य कुमार, पूर्णिया व अररिया के जिला पदाधिकारी, एसपी मनोज कुमार के अलावे एडीएम वीरेंद्र मिश्र, डीडीसी संजय कुमार, एसएसबी 12 वीं वाहन के सेनानायक अशोक झा, एसडीपीओ मो कासीम के अलावे पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर के एसडीपीओ और दाजिर्लिंग के एडीएम आदि मौजूद थे.