छत्तरगाछ : प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों पशुपालक कुत्तों की आतंक से काफी भयभीत है. पागल कुत्तों के काटने से दर्जनों पशुओं की मौत हो गयी है़ पशुपालकों के लिए पागल कुत्ता परेशानी का सबब बना हुआ है़ प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते सोमवार शाम को कस्बा कलियागंज पंचायत स्थित फुलबाड़ी गांव में पागल कुत्ते ने कासीम को तैयबपुर बाजार से घर जाने के क्रम में काट कर घायल कर दिया़ जबकि आरफीन की पांच वर्षीय पुत्री को घर में काट लिया़
इसी क्रम में सलीम का एक दुधारू गाय, साकिर तथा मुमताज की बकरियों को भी काट लिया है़ इधर कुछ दिन पूर्व बुढनई पंचायत स्थित गंजाबाड़ी के मो शकील अख्तर की एक बकरी, जहीरूल हक की एक बकरी, अैयुब अली काव एक बछड़ा, इसराई का एक बछड़ा, फैजुद्दीन का एक दुधारू गाय तथा मो अजहर का एक दुधारू गाय की पागल कुत्ते के काटने से मौत हो गयी़ पशु पालकों का कहना है कि मवेशियों को घास चरने के लिए खेत में बांध दिया जाता है़
इसी क्रम में आवारा एवं पागल कुत्ता मवेशियों को काट लेता है तथा कुछ दिन बीतने के बाद धीरे धीरे मवेशी के शरीर पर जहर फैल जाता है और मवेशियों की मौत हो जाती है़
कहते हैं पशु चिकित्सक
पशु चिकित्सक प्रभारी डाॅ विनय कुमार भारती ने इस बाबत बताया कि यदि किसी मवेशी को कुत्ता या लोमड़ी काट ले या मवेशी का खून उस के संपर्क में आ जाये तो मवेशी को फौरन टेटवेक्स सुई लगाना चाहिए़
क्या है समुचित इलाज
रक्षा रब नामक टीका पशु को पहला दिन, तीसरा दिन, 7वां दिन, 15वां दिन, 28वां दिन तथा 90वां दिन में लगाना चाहिए़ जो मवेशी अस्पताला में मुफ्त दिया जाता है़
क्या है लक्षण
यदि किसी भी पशुधन को कुत्ता्र, लोमड़ी ने काट लिया या पशु का खून उनके संपर्क में आ गया तथा उनका समुचित इलाज नहीं हुआ तो धीरे धीरे पशु रैबिज ग्रसित हो जाता है़ पशु को पानी से भय, मुंह से लार चलना, आंख लाल हो जाना, खाना पीना छोड़ देना तथा चिल्लाना आदि लक्षण है़ यह रेबिज नामक बीमारी है़
ऐसे लक्षण मवेशी में जाने से पशुपालक को मवेशी को बचाना चाहिए तथा अन्य मवेशियों को भी इससे दूर रखना चाहिए़ रेफरल अस्पताल छत्तरगाछ के चिकित्सक शब्बीर अहमद ने बताया कि यदि पागल कुत्ता किसी व्यक्ति को काट ले तो ऐंटी रेबिज सुई पहला दिन, तीसरा दिन, सातवों दिन, 14वां दिन, 28वां दिन तथा 90वां दिन लगाना होगा जो अस्पताल में मुफ्त लगाया जाता है़