किशनगंज: एक बार फिर दहेज दानवों द्वारा एक नव ब्याहता को आग के हवाले कर देने की खबर से पूरे इलाके में सनसनी फैल गयी है. स्थानीय एमजीएम कॉलेज के बर्न वार्ड में जिंदगी की जंग लड़ रही नव ब्याहता ने जब अपनी आप बीती सुनायी तो उपस्थित लोगों के रोंगटे खड़े हो गये. पीड़िता उषा देवी ने बताया कि गत 18 मई को शहर से सटे पश्चिम बंगाल के चौधरिया, बेलबाड़ी निवासी पिता राजगीर पासवान ने बड़े अरमानों के साथ उसकी शादी प्रखंड क्षेत्र बेलवा मदारी चौक निवासी राम टहल पासवान के छोटे बेटे रूदल पासवान के साथ कर दी थी. शादी के वक्त पिता द्वारा यथा संभव दहेज भी दिया गया था. परंतु वर पक्ष के द्वारा मोटरसाइकिल व पलंग की मांग को उसके पिता पूरा न कर सके थे. परंतु पिता ने बहुत जल्द मोटरसाइकिल व पलंग दे देने का आश्वासन दिया था. इसके बावजूद शादी के दूसरे दिन से ही उसे पलंग व मोटरसाइकिल की मांग को ले ससुराल वालों द्वारा शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा. ससुराल वालों द्वारा बातबात पर ताने देना, छोटी छोटी गल्तियों पर शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाना उसकी नियती बन गयी थी. शुरुआती दिनों में तो उसने सब कुछ चुपचाप सहन कर लिया परंतु बाद के दिनों में विरोध कर स्वर बुलंद किये जाने पर ससुराल वालों द्वारा उसकी जम कर पिटाई की जाने लगी. मारपीट के दरम्यान जब वह गंभीर रूप से घायल हो जाती थी तो ससुराल पक्ष के लोग उसका इलाज न करा कर उसे उसके हाल पर छोड़ देते थे. लाचार व बेवस उषा तब इलाज कराने अपने मायके चली आती थी. परंतु प्रत्येक बार उषा के माता-पिता ने उसे लोक लिहाजा की दुहाई देकर वापस ससुराल भेज दिया. यहां तक जब उषा ने अपने खिलाफ हो रही ज्यादती की शिकायत जब स्थानीय थाने में करनी चाही तो परिजनों ने उसे ऐसा करने से भी रोक दिया.
पिछले दिनों जब प्रताड़ना की शिकार उषा अपने मायके में थी तो इस दरम्यान उसके नाम इंदिरा आवास की राशि सरकार द्वारा निर्गत की गयी. 50 हजार नगद राशि का लोभ उषा के ससुराल वाले संभाल न सके और उसे जबरन मायके से ससुराल ले गये तथा राशि निक ासी के बाद फिर से उसे धक्के देकर घर से बाहर निकाल दिया तथा इस दरम्यान ससुराल वालों ने उषा के गहने भी छीन लिये. कुछ दिनों तक मायके में रहने के बाद गत रविवार को उषा के पति व सास अचानक उसके मायके पहुंचे व उसे जबरन अपने साथ बेलवा ले गये. जहां एक बार फिर से उसे मोटरसाइकिल व पलंग के लिए प्रताड़ित किया जाना लगा. शुक्रवार रात्रि जब उषा ने अपने पति रूदल, ससुरल रामटहल, भैसुर विजय, सास सीता देवी सहित देनों गोतनी के प्रताड़ना का विरोध किया तो इन लोगों ने किरासन तेल छिड़क कर उसे आग के हवाले कर दिया. आग की लपटों से चारों ओर से घिरी उषा की चीख को सुन आस पड़ोस के लोग घटना स्थल की ओर दौड़े और उसके शरीर पर लगे आग को किसी तरह बुझा कर उसे इलाज हेतु स्थानीय सदर अस्पताल में भर्ती कराया. परंतु 80 प्रतिशत से अधिक जल चुकी उषा का इलाज सदर अस्पताल में संभव न होने के कारण उसे एमजीएम कॉलेज रेफर कर दिया गया. जहां वह जिंदगी की जंग लड़ रही है. वहीं अपने बेटी के घायल हो जाने की खबर को सुन एमजीएम कॉलेज पहुंचे उषा के माता पिता व अन्य परिजनों ने रूंआसे गले से घटना में शामिल ससुराल वालों की जल्द गिरफ्तारी के साथ साथ उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिये जाने की मांग स्थानीय प्रशासन से की है.