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अपराधियों की सोची-समझी साजिश

किशनगंज : अपहृत सिद्धांत ने अपने अपहरण की साजिश खुद रचे जाने से साफ इनकार करते हुए उसे अपहरण कर्ताओं की सोची-समझी साजिश करार दिया. अपहृत के पिता राम सोगारथ राय ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनकी अनुपस्थिति के दौरान सिद्धांत ही दुकान चलाता था. उन्होंने कहा कि दुकान का हिसाब-किताब व गल्ले की […]

किशनगंज : अपहृत सिद्धांत ने अपने अपहरण की साजिश खुद रचे जाने से साफ इनकार करते हुए उसे अपहरण कर्ताओं की सोची-समझी साजिश करार दिया. अपहृत के पिता राम सोगारथ राय ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनकी अनुपस्थिति के दौरान सिद्धांत ही दुकान चलाता था. उन्होंने कहा कि दुकान का हिसाब-किताब व गल्ले की चाबी भी सिद्धांत के पास ही रहती थी. इसलिए सिद्धांत द्वारा खुद के अपहरण की साजिश रचने का सवाल ही नहीं पैदा होता है.

उन्होंने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति से भी सिद्धांत भलीभांति परिचित है, जबकि अपहरणकर्ताओं ने उनसे फिरौती के रूप में 20 लाख रुपयों की मांग की थी. उन्होंने कहा कि अगर किशनगंज पुलिस ससमय उचित कार्रवाई कर सिद्धांत को सकुशल बरामद नहीं कर पाती, तो आज सिद्धांत हमारे बीच मौजूद नहीं रहता. अपहरणकर्ताओं की मंशा राशि उगाही के उपरांत उसकी हत्या कर देने की थी. उन्होंने बताया कि हलीम चौक निवासी रोहित दास, खगड़ा निवासी जीवन राम व प्रकाश पाल,

लाइन निवासी मो तारिक उर्फ गुड्डू ने दोस्ती की आड़ में सिद्धांत के पीठ पर खंजर भोंकने का काम किया है. ये लोग साल के आखिरी दिन पार्टी मनाने के उद्देश्य से सिद्धांत को लेकर निकले थे और उसे पश्चिम बंगाल के ग्वालपोखर निवासी सिताबुल, साकिब व जहरुल को सौंप दिया था, जिनका पूर्व से ही आपराधिक इतिहास रहा है.

अपहरणकर्ताओं ने सिद्धांत को बंधक बना लिया था और उसके ही मोबाइल से फिरौती की मांग की थी. परंतु मांग के वक्त संयोगवश अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने में मौजूद रहने के कारण स्थानीय पुलिस फौरन हरकत में आ गयी और अपहरणकर्ताओं की साजिश को नाकाम कर दिया.

इस संबंध में पूछे जाने पर टाउन थानाध्यक्ष आफताब अहमद ने बताया कि सिद्धांत के अपहरण में शामिल फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार प्रयत्न कर रही है. उन्होंने कहा कि अपहृत सिद्धांत का 164 का बयान दर्ज करा लिया गया है तथा गिरफ्तार आरोपियों के एचआइवी जांच के लिए न्यायालय से मंजूरी ली जा रही है.

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