किशनगंज: समाज में व्याप्त निरक्षरता के अंधकार को मिटाने और साक्षरता से प्रकाशित करने के लिए गुरुवार को स्थानीय रचना भवन के सभागार में एक दिवसीय उन्मुखी कार्यक्रम का आयोजन जिला लोक शिक्षा समिति के सौजन्य से आयोजित किया गया. बतौर मुख्य अतिथि संयुक्त सचिव सह महानिदेशक राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण जगमोहन सिंह राजू, विशिष्ट के अतिथि के रूप में संयुक्त निदेशक जन शिक्षा निदेशालय पटना मुख्य रूप से उपस्थित थे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला परिषद अध्यक्ष कमरूल होदा ने की. कार्यक्रम की शुरुआत छात्रओं के स्वागत गान से हुआ. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के महानिदेशक श्री राजू ने कार्यक्रम के माध्यम से समाज में साक्षरता दर बढ़ाये जाने पर जोर दिया. कार्यक्रम में शामिल पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज जिले के सभी जिला परिषद अध्यक्ष, प्रखंड प्रमुख, मुखिया और प्रेरकों को संकल्प दिलाया गया कि मिल कर साक्षरता मिशन के प्रत्येक बिंदु पर काम कर राष्ट्र का सम्मान बढ़ायें. श्री राजू ने कहा कि साझा कार्यक्रम के लिए साझा कोशिश करनी चाहिए. केंद्र सरकार साक्षर भारत कार्यक्रम की शुरुआत में बिहार सरकार को 117 करोड़ की राशि उपलब्ध करायी थी. कार्यक्रम के तहत अंतर वैयक्तिक अभियान में चिह्नित किये गये पंचायतों को 14 मार्च तक पूर्ण साक्षर करना है. पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग के बगैर यह कार्यक्रम पूरा करना संभव नहीं है. इसलिए सब मिल कर इस अभियान को आगे बढ़ायें.
कागज पर अभियान
कार्यक्रम में ही जिला परिषद अध्यक्ष कमरूल होदा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार की ओर से लोगों को साक्षर बनाने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा दिये जाते हैं, लेकिन उसके बाद भी साक्षरता अभियान दम तोड़ता नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि भले ही आंकड़ों में किशगनंज में साक्षरता के ग्राफ में सुधार दिखाया जा रहा हो किंतु यथार्थ वैसा नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रेरकों को एक वर्ष से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है, जो गंभीर चिंता का विषय है. सुस्ती का आलम यह है कि अभियान के लिए जारी की जा चुकी धनराशि का बमुश्किल एक तिहाई ही अब तक इस्तेमाल हो पाया है.
समन्वय की कमी
कोचाधामन प्रखंड के बाड़ीजान पंचायत के मुखिया मुश्ताक अहमद ने कहा कि जब तक गरीबी रहेगी तब पूर्ण साक्षर करने की बात बेमानी होगी. उन्होंने कहा कि निरक्षरों को साक्षर करने की परिकल्पना तभी साकार होगी जब जिले से गरीबी हटेगी. खासकर जिले में पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय की कमी के कारण इस अभियान पर असर पड़ रहा है.
निरक्षरों को मिले राशि
पोठिया प्रखंड के छत्तरगाछ पंचायत के मुखिया सलमान ने कहा कि निरक्षरों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहन राशि मिलना चाहिए. तभी लोग साक्षरता केंद्र में पढ़ने आयेंगे. यदि प्रलोभन नहीं दिया जायेगा तो गरीब पेट भरने के लिए काम में जायेगा या फिर भूखे पेट केंद्र में पढ़ने आयेंगे. उन्होंने कहा कि साक्षरता कार्यालय व इससे जुड़े पदाधिकारियों की सुविधाओं में कटौती होनी चाहिए. इससे जो बचत होगी वह निरक्षरों के बीच बतौर प्रोत्साहन राशि वितरित की जा सकेगी.
सबों का सहयोग वांछनीय
प्रो मुसब्बीर आलम ने कहा कि किशनगंज में साक्षर भारत अभियान के तहत सभी निरक्षरों को साक्षर करने की परिकल्पना साकार होती नजर आ रही है. लोक शिक्षा समिति के साथ ग्राम पंचायत, प्रखंड समिति और जिला समिति इसे सफल बनाने में अपना सहयोग करें.
कार्यक्रम में सहायक शैक्षिक सलाहकार राष्ट्रीय साक्षरता मिशन नयी दिल्ली डॉ नसीम अहमद, उप निदेशक मानव संसाधन विकास विभाग भारत सरकार प्रदीप भटनागर, निदेशक प्रकाश भुरैटा,जिला पदाधिकारी आदित्य कुमार दास, डीइओ ग्यासुद्दीन, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता प्रेम रंजन, जिला कार्यक्रम समन्वयक अबरार, मिल्ली एजुकेएशन के निदेशक अंजार आलम जिला के सभी केआरपी आदि मौजूद थे.