किशनगंजः शहर के तेघरिया रेल गमुटी के समीप पोल संख्या 85/4-5 के बीच डाउन लाइन पर बुधवार रात्रि ट्रेन की चपेट में आने से सीआरपीएफ काउंस्टेबल की मौत घटना स्थल पर ही हो गयी. घटना की जानकारी स्थानीय रेल पुलिस को मिलते ही उसने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. गुरुवार को पोस्टमार्टम उपरांत शव सीआरपीएफ अधिकारियों के हवाले कर दिया गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार असोम खटखटिया स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल मुख्यालय से 17 वाहन साजोसामान लाने के उद्देश्य से गत 7 मई को पुणा के लिए रवाना हुआ था.
पूणा से सजोसामान लेकर 17 वाहनों का काफिला 21 मई को खटखटिया के लिए वापसी कर गया. सेना के इस काफिले में अत्याधुनिक हथियारों की बड़ी खेप भी शामिल थी. नतीजतन सीआरपीएफ के कई वरीय पदाधिकारी भी काफिले में शामिल थे. पूणा से किशनगंज तक का सफर सकुशल पूरा करने के बाद गत बुधवार रात्रि काफिला ज्यों ही शहर के आखिरी छोड़ पर पहुंचा एक वाहन में तकनीकी खराबी आ गयी. नतीजतन काफिले के सभी वाहन सड़क किनारे रूक गये. वाहन मरम्मती का कार्य भी प्रारंभ हो गया. इस बीच सीआरपीएफ के 119वीं वाहिनी के काउंस्टेबल संख्या 035130157 महेंद्र दास 34 वर्ष पिता स्व जलेश्वर दास,विष्णुपुर नया गांव, जोगीगोपा, बोगाइगांव निवासी शौच के लिए रेलवे लाइन के किनारे चला गया. परंतु शौच कर लौटने के क्रम में वह पीछे से तेज रफ्तार से आ रही 131348 डाउन नॉर्थ बंगाल एक्सप्रेस की चपेट में आ गया. दुर्घटना के दौरान उसके शरीर के परखच्चे उड़ गये.
ट्रेन के गुजरने के बाद जब महेंद्र के अन्य साथी शौच करने घटना स्थल पर गये तो उन्हें रेलवे लाइन के किनारे एक फौजी का वीभत्स शरीर मिला. उनके द्वारा शोर मचाये जाने पर घटना स्थल पर पहुंचे अन्य सीआरपीएफ जवानों ने मृतक के वर्दी पर लिखे नाम के आधार पर शव की शिनाख्त की. रेल थाना में यूडी कांड संख्या दर्ज कर शव को सीआरपीएफ अधिकारियों के हवाले कर दिया गया. वहीं सीआरपीएफ अधिकारियों ने पूरे राजकीय सम्मान के साथ मृतक के शव को उसके पैतृक निवास को रवाना कर दिया.