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पंचायती राज लिख रहा नयी इबारत
किशनगंज : देश की 65 प्रतिशत आबादी आज भी गांवों में ही रहते है.भारत गांवों का देश माना जाता है.सदियों से पंचायत राज की व्यवस्था का उल्लेख भारत में मिलता है़ संविधान के 73वें संशोधन के बाद पंचायत राज व्यवस्था की नींव रखी गयी़ राज्य के विकास के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था की गयी. इस व्यवस्था […]
किशनगंज : देश की 65 प्रतिशत आबादी आज भी गांवों में ही रहते है.भारत गांवों का देश माना जाता है.सदियों से पंचायत राज की व्यवस्था का उल्लेख भारत में मिलता है़ संविधान के 73वें संशोधन के बाद पंचायत राज व्यवस्था की नींव रखी गयी़ राज्य के विकास के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था की गयी. इस व्यवस्था के लागू होने से गांवों में विकास को गति मिली़ स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, पेयजल, कृषि, स्वरोजगार केंद्र जैसी कई सुविधाएं पंचायतों को प्रदान करने का प्रयास किया गया़ किशनगंज जिले में दर्जनभर ऐसे पंचायत है जहां के लोगों को तरक्की की राह पर बढ रहे है.
वहीं कुछ पंचायत ऐसी भी है जिनकी विकास की रफ्तार धीमी है़ प्रभात खबर ने राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस पर ग्राम पंचायतों को स्थिति को नजदीक से जानने की कोशिश की़ पंचायत राज विभाग कई योजना संचालित है. मगर राशि के अभाव में पंचातों का विकास बैलगाड़ी की रफ्तार से हो रही है. जिले की भौगोलिक स्थिति भी पिछड़ेपन का कारण है.सरकार पंचायतों को सशक्त बनाने को लेकर योजना चला रही है. लेकिन पंचायत स्तरीय कर्मी व निर्वाचित जनप्रतिनिधियों में जागरूकता का अभाव विकास को गति देने में फिसड्डी साबित हो रहा है.
पंचायतों में चुने गये मुखिया जो जागरूक व शिक्षित है उन पंचायतों का विकास अन्य पंचायतों से बेहतर दिख रहा है़ जिले में 126 पंचायत स्थित है़ जिसमें 30 प्रतिशत पंचायतों में ही विकास कार्य दिखता है. स्वास्थ्य, पेयजल, शिक्षा में अभी और सुधार की अपेक्षा सरकार व सिस्टम से है़ किशनगंज प्रखंड के बेलवा पंचायत विकास पथ पर अग्रसर है़
पंचायत में संचालित योजनाएं . मनरेगा के तहत पंचायतों में पोखर का निर्माण, बांध निर्माण, मरम्मत, पौधरोपण, सरकारी व सार्वजनिक स्थलों पर मिट्टीकरण, महादलित बस्ती, कब्रिस्तान, शमशान, मंदिर, मस्जिद, सरकारी विद्यालय में मिट्टीकरण कार्य में 60 प्रतिशत एवं 40 प्रतिशत राशि गांव, टोलों की सड़कों का ईंट सोलिंग, पीसीसी आदि कार्य में खर्च का प्रावधान है. पंचायत में वित्त आयोग के तहत 2018-19 में विकास के लिए कुल आवंटित राशि का 90 प्रतिशत मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना पर खर्च़ जिसमें जल नल, गली नाली, पक्कीकरण योजनाएं शामिल है. 14वें वित्त आयोग के तहत कुल आवंटित राशि का 20 प्रतिशत पंचायत भवनों के मरम्मती, चतुबरे का निर्माण, चापाकल, पीसीसी खर्च होना है.
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