किशनगंज : शतरंज खेल के ग्रैंडमास्टरों का सान्निध्य पाना एक स्मरणीय अनुभव है. जिला शतरंज संघ के वरीय संयुक्त सचिव कमल कर्मकार अपने इस अनुभव को पत्रकारों से साझा कर रहे थे. मौका था पटना में 28 अक्टूबर से आयोजित किये गये खादी इंडिया 55वीं राष्ट्रीय प्रीमियर लीग शतरज प्रतियोगिता का.
वहां अपने देश के 10 ग्रैंड मास्टर अभिजीत कुंते, एमआर ललित बाबू, मुरली कार्तिकेयन, अरविंद चिदंबरम, एल नारायणन, हिमांशु शर्मा, आर आर लक्षमण,देवाशीष दास, जे दीपन चक्रवर्ती एवं स्वप्निल एस दोपादे सम्मिलित थे. कमल ने वहां पहुंच कर उनके खेलों का लुत्फ उठाया तथा उनसे संर्पक भी स्थापित किया. संघ के महासचिव शंकर नारायण दत्ता ने अपने प्रदेश में प्रथम बार आयोजित की गयी इस उच्च स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता से प्राप्त अनुभव को अति मूल्यवान बताया और कहा कि इसका लाभ वे अपने जिले के खिलाड़ी तक पहुंचा पाने में सक्षम रहेंगे.
उन्होंने कहा कि कुछ एक दशक पूर्व अपने देश में पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद के रूप में सिर्फ एक ही ग्रैंडमास्टर हुआ करता था. फिर दिबेंदु बड़ुआ उनके राह पर चल पड़े. उल्लेखनीय है कि शतरंज खेल में ग्रैंडमास्टर बनना सर्वोच्च उपलब्धि होती है. अपने जिले के शतरंज खिलाड़ी प्रत्युष कुमार, चेतन दुग्गड़, अनंत मित्तल, श्रेया दास, दक्ष सिंह, प्राची सिंह सहित कई खिलाड़ी भी इस सपने को संजोकर अपनी अपनी जिंदगियों में आगे बढ़ रहे है.