लापरवाही . बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाये जा रहे राहत कार्य नाकाफी साबित
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बाढ़ से जिले के 10 लाख लोग प्रभावित
लापरवाही . बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाये जा रहे राहत कार्य नाकाफी साबित हजारों मवेशी बाढ़ में बह गये. बाढ़ से हुए भीषण तबाही जिले में चहुंओर दिखाई दे रही है. बाढ़ प्रभावित गांवों में उदासी छाई हुई है. लोगों की मुस्कान बाढ़ के पानी में चली गई. इस आपदा से हुए नुकसान की भरपाई […]
हजारों मवेशी बाढ़ में बह गये. बाढ़ से हुए भीषण तबाही जिले में चहुंओर दिखाई दे रही है. बाढ़ प्रभावित गांवों में उदासी छाई हुई है. लोगों की मुस्कान बाढ़ के पानी में चली गई. इस आपदा से हुए नुकसान की भरपाई से पहले कपड़ा, खाना, रहना आदि की विकट समस्या बनी हुई है.
किशनगंज : किशनगंज जिले में प्रलयकारी बाढ़ के दस दिन बीत गए लेकिन जिले के लोगो के दिल और दिमाग में आज भी बाढ़ का खाैफ छाया हुआ है. बाढ़ से जिले के दस लाख से अधिक आबादी प्रभावित है. हजारों मवेशी बाढ़ में बह गया. बाढ़ से हुए भीषण तबाही जिले के चहुंओर दिखाई दे रहा है. बाढ़ प्रभावित गांव में उदासी छाई हुई है. लोगों की मुस्कान बाढ़ के पानी में चली गई. इस आपदा से हुए नुकसान की भरपाई से पहले कपड़ा, खाना, रहना आदि विकट समस्या बनी हुई है.
बाढ़ पीड़ित परिवार के चेहरे पर साफ इसकी चिंता दिखाई देने लगी है. बाढ़ ने सालों से संजोए सपनों को कुछ घंटे में ही चकनाचूर कर दिया है. हर जुबान पर एक ही स्वर है कब तक बाढ़ का कहर झेलना होगा ? बाढ़ से क्षति को कैसे पूरा करेंगे? हम 20 साल पीछे चले गए? बाढ़ पीड़ित असमुदीन, मुखलेश, रोजीना खातून ने बताया कि बाढ़ ने हम गरीब को कंगाल बना दिया. आधा दर्जन मवेशी भी बाढ़ के पानी मे बह गया. घर भी ध्वस्त हो गया. दाने दाने को मोहताज हो गए, कभी बीडीओ साहब, कोई समाज के लोग खाना देते हैं. किशनगंज जिले के दौला पंचायत के मंझोक, पोरलाबारी, बगलबारी पंचायत के बस्ता गांव सहित ऐसे दर्जनों गांव के लोगों को सड़क किनारे या फिर सरकारी राहत शिविरो में रहना पर रहा है. किशनगंज प्रखंड में तीन सामुदायिक रसोई चल रहा है. जिंदगी की रफ्तार को बाढ़ ने पिछले दस में विराम लगा दिया.
प्रशासन राहत में जुटी
बाढ़ के बाद शासन और प्रशासन ने जिले को बाढ़ घोषित किया है. बाढ़ पीड़ितों को जिला प्रशासन राहत सामग्री देने में जुटी है. जिला प्रशासन हर संभव प्रयास करती नजर आ रही है. लेकिन बाढ़ की विभीषिका के सामने फीका पर रहा है. प्रशासन के अलावे सामाजिक संस्थाएं भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और मेडिकल कैंप लगाकर सहायता पहुंचा रही है.
जिला मुख्यालय से कई प्रखंड का संपर्क टूटा
दिघलबैंक, बहादुरगंज, कोचाधामन, टेढ़ागाछ प्रखंड का जिला मुख्यालय से सीधा संपर्क टूट गया है. जिले में सैकड़ों सड़के और दर्जनों पुल पुलिया भी ध्वस्त हो गया है. कई जगहों पर स्थानीय लोग जुगाड़ से आवागमन करते दिखे तो जिला प्रशासन भी सड़को के निर्माण युद्धस्तर पर शुरू की है.
जिले में 800 से अधिक गांव प्रभावित
बाढ़ तांडव जिले के 800 से अधिक गांव को प्रभावित किया है. हालांकि जिला प्रशासन प्रभावित गांव और बाढ़ प्रभावित परिवारों का सर्वेक्षण करने में जुट गई है. प्रत्येक पंचायत में बाढ़ प्रभावित परिवार,ध्वस्त मकान,आदि का सर्वे करा रही है.संभवतः जिला प्रशासन को एक दो दिन में बाढ़ से हुए क्षति का ब्यौरा पंचायतवार उपलब्ध हो जाय.बाढ़ प्रभावित परिवार की नजर शासन ओर प्रशासन पर जा टिकी है.
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