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डीपीओ का आदेश नहीं मानते बीइओ

परबत्ता के विद्यालय में कार्यरत चार शिक्षकों के टीइटी प्रमाण पत्र फर्जी होने की आशंका बाद वेतन निकासी पर रोक लगायी गयी थी. इसके बाद भी फर्जीवाड़ा कर वेतन निकासी की गयी. मामले में डीपीओ स्थापना द्वारा आदेश के बाद भी प्रखंड के प्रभारी बीइओ प्राथमिकी दर्ज करने में आनाकानी कर रहे हैं. खगड़िया : […]

परबत्ता के विद्यालय में कार्यरत चार शिक्षकों के टीइटी प्रमाण पत्र फर्जी होने की आशंका बाद वेतन निकासी पर रोक लगायी गयी थी. इसके बाद भी फर्जीवाड़ा कर वेतन निकासी की गयी. मामले में डीपीओ स्थापना द्वारा आदेश के बाद भी प्रखंड के प्रभारी बीइओ प्राथमिकी दर्ज करने में आनाकानी कर रहे हैं.

खगड़िया : परबत्ता में चार शिक्षकों के वेतन निकासी पर रोक के बावजूद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर के सहारे वेतन निकासी कर ली गयी. इसके बाद डीपीओ स्थापना सुरेश प्रसाद साहू ने परबत्ता के प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को फर्जी वेतन निकासी करने वाले चारों शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया. डीपीओ के आदेश के महीनों बीतने के बावजूद परबत्ता के बीइओ ने प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर कर वेतन निकासी करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई में क्यों आनाकानी की जा रही है.
इन शिक्षकों के टीइटी प्रमाण पत्र फर्जी होने की आशंका बाद सर्टिफिकेट सत्यापन में टालमटोल क्यों हो रहा है. जब फर्जी शिक्षकों के वेतन के एडवाइस पर बीइओ व कार्यालय लिपिक के फर्जी हस्ताक्षर होने का खुलासा हो गया है, तो फिर अब तक प्राथमिकी क्यों नहीं की गयी है. ऐसे कई सवाल हैं जो परबत्ता के प्रभारी बीइओ की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहे हैं. इधर, आरोप के घेरे में आयी चारों शिक्षकाें ने सभी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है.
क्या है पूरा मामला
डीपीओ स्थापना सुरेश साहू ने परबत्ता के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को भेजे गये पत्र में कहा है कि प्राथमिक विद्यालय शर्मा टोला तेहाय, परबत्ता की शिक्षिका रेखा कुमारी, शिक्षक रणवीर कुमार, प्राथमिक विद्यालय नयाटोला कोलवारा की शिक्षिका कुमारी रंजना, प्राथमिक विद्यालय तेहाय पूर्वी, परबत्ता की शिक्षिका
अर्चना कुमारी के टीइटी प्रमाण पत्र संदिग्ध होने के कारण वेतन पर रोक लगायी गयी थी, लेकिन उक्त शिक्षक/शिक्षिकाएं द्वारा अपने प्रमाण पत्रों की सत्यता के संबंध में किसी प्रकार का आवेदन डीपीओ स्थापना कार्यालय में समर्पित नहीं किया गया. चारों शिक्षक/शिक्षिकाओं ने फर्जी ढंग से परबत्ता बीइओ व डीपीओ स्थापना के कार्यालय लिपिक का एडवाइस पर फर्जी हस्ताक्षर कर वेतन निकाल लिया. डीपीओ स्थापना ने अपने पत्र में कहा है कि फर्जी वेतन निकासी के मामले के खुलासे बाद उपरोक्त चारों शिक्षकों पर प्राथमिकी के आदेश के बाद भी परबत्ता बीइओ द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. डीपीओ स्थापना ने इन चारों शिक्षकों को विद्यालय में उपस्थिति बनाने से रोकते हुए प्राथमिकी दर्ज कर सूचित करने का सख्त निर्देश दिया है.
इसकी प्रतिलिपि बैंक के शाखा प्रबंधक, संबंधित नियोजन इकाई, विद्यालय के प्रधान, डीइओ को देकर सूचना दे दी गयी है.
मामला संदिग्ध प्रमाण पत्र वाले परबत्ता के चार शिक्षकों के वेतन की फर्जी निकासी का
चारों शिक्षकों के टीइटी प्रमाण पत्र फर्जी होने की आशंका के बाद डीपीओ स्थापना ने वेतन निकासी पर लगायी थी रोक
मामला संदिग्ध प्रमाण पत्र वाले परबत्ता के चार शिक्षकों के वेतन की फर्जी निकासी का
चारों शिक्षकों के टीइटी प्रमाण पत्र फर्जी होने की आशंका के बाद डीपीओ स्थापना ने वेतन निकासी पर लगायी थी रोक
शिक्षक विद्यालय का नाम वेतन निकासी की रकम
रेखा कुमारी प्रावि शर्मा टोला तेहाय, परबत्ता 80173 रुपये
रणवीर कुमार प्रावि शर्मा टोला तेहाय, परबत्ता 80173 रुपये
कुमारी रंजना प्रावि नयाटोला कोलवारा, परबत्ता 80173 रुपये
अर्चना कुमारी प्रावि तेहाय पूर्वी, परबत्ता 80173 रुपये
परबत्ता में कार्यरत चार शिक्षकों के टीइटी प्रमाण पत्र फर्जी होने की आशंका को देखते हुए सर्टिफिकेट सत्यापित होने तक वेतन भुगतान पर रोक लगायी गयी थी, लेकिन फर्जी एडवाइस व बीइओ व कार्यालय लिपिक के फर्जी हस्ताक्षर के आधार पर चारों शिक्षकों द्वारा कुल 3,20,692 रुपये की वेतन निकासी कर ली गयी. इसका खुलासा होने पर परबत्ता बीइओ को चारों शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया, लेकिन अब तक इसका अनुपालन नहीं किया गया है.
सुरेश प्रसाद साहू, डीपीओ स्थापना.

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