खगड़िया : अब खगड़िया का डंका अरुणाचल प्रदेश में भी बजेगा. जीविका से जुड़ी महिलाओं ने सामुदाय आधारित व्यापार मॉडल के तहत जो कर दिखाया है, उसका अनुसरण अब दूसरे राज्य भी करने लगे हैं. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत यह मॉडल अब अरुणाचल प्रदेश सरकार भी लागू करने जा रही है. इसी उद्देश्य से अरुणाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तीन सदस्यीय टीम खगड़िया दौरा पर पहुंची. जहां टीम के सदस्य इस बिहारी मॉडल की बारिकियों से रुबरु हुए. साथ ही सामुदाय आधारित बिजनेस करने वाली जीविका समूह की महिलाओं से भी इसके क्रियान्वयन के गुर सीखे.
एनसीडीइएक्स से करार कर इस मॉडल के तहत होने वाले व्यापार के माध्यम से खगड़िया उत्पादक कंपनी की महिलाओं ने करीब सवा करोड़ रुपये के मक्के का व्यापार कर एक रिकार्ड बनाया है. इससे महिलाओं के आर्थिक उत्थान के साथ-साथ सामाजिक ढांचा भी सुदृढ़ हुआ है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल सामुदाय आधारित व्यापार मॉडल का अनुसरण दूसरे राज्य भी करने लगे हैं. जीविका के माध्यम से संचालित इस मॉडल के तहत खगड़िया में इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं ने 1.25 करोड़ रुपये के मक्का का व्यापार किया है. इस व्यापार में जीविका से जुड़ी 800 महिलाएं आर्थिक उत्थान के साथ-साथ समाज को सबल बनाने में जुटी हुई हैं.
बिहारी मॉडल का देश भर में बज रहा डंका : ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब महिलाओं को पूंजी व आत्मबल देकर ई-कामर्स के जमाने से कदमताल मिला कर आर्थिक उत्थान के सपने को साकार करने में यह मॉडल काफी लाभदायक साबित हो रहा है. इधर, पूरे देश भर में बिहार के इस मॉडल का डंका बज रहा है. जीविका के कम्यूनिकेशन मैनेजर राजीव कुमार ने बताया कि खगड़िया में सामुदाय आधारित व्यापार से समूह की 800 महिलाएं जुड़ी हुई हैं.
जो खेती से लेकर खरीदारी व फसल की बिक्री कर आर्थिक उत्थान का सपना साकार कर रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल इस मिशन को जीविका के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है. जिसके काफी अच्छे परिणाम सामने आये हैं. जिसका डंका देश भर में बजने के साथ-साथ दूसरे राज्य सरकारें भी इसके अनुसरण करने को आगे आ रही है. उन्होंने बताया कि इस मॉडल के तहत चलने वाले उत्पादक समूह महिलाएं ही चलाती हैं.
इसी के तहत वर्तमान वर्ष में मक्का की खेती की गयी. पहले इसके लिये ढांचागत विकास किया जाता है. फिर महिलाएं ही खेती करती हैं. इससे होने वाले फसल की बिक्री भी महिलाओं की समूह के माध्यम से ही होता है. साथ ही फसल की बिक्री की रकम भी आटीजीएस के माध्यम से महिलाओं के खाते में तीन दिन के अंदर भेज दिया जाता है. एनसीडीइएक्स से करार कर होने वाले सामुदाय आधारित बिजनेस में होने वाले फायदे का हिस्सा भी महिलाओं को दिया जाता है.
महिलाएं ही निबटाती हैं सारा काम : इस मॉडल के लिये बनाये गये बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर में शोभा देवी, अमृता देवी, तारा देवी, सरिता देवी शामिल हैं. जीविका समूह की महिलाओं के माध्यम से चलने वाले उत्पादक कंपनी महिलाएं ही संचालित करती हैं. इससे जुड़ कर सफलता के परचम लहराने वाली चौथम की उषा देवी, ममता, अनीता, जानकी देवी, मीरा देवी, अंजू देवी, प्रमिला देवी आदि महिलाओं ने बताया कि इस मॉडल से ग्रामीण इलाकों में आर्थिक समृद्धि आयी है. अब बिना किसी झंझट के महिलाएं ना सिर्फ खेती कर रही हैं बल्कि फसल की बिक्री कर आर्थिक उत्थान कर समाज को सबल बना रही हैं.
खगड़िया में चल रहे सामुदायिक आधारित व्यापार मॉडल की देश भर में हो रही तारीफ
अरुणालय प्रदेश से आये टीम के सदस्यों ने जिला जीविका समूह की महिलाओं से सीखे गुर
जीविका महिला कृषि उत्पादक कंपनी के तहत होने वाले व्यापार से संवर रहे ग्रामीण इलाके
अरुणाचल प्रदेश में भी बिहार की तर्ज पर ग्रामीण आजीविका मिशन मॉडल होगा लागू
जीविका समूह के साथ अरुणाचल प्रदेश की टीम के सदस्य.
समुदाय आधारित व्यापार का बिहारी मॉडल की देशभर में तारीफ हो रही है. अब तो अरुणाचल प्रदेश में भी बिहारी मॉडल के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका मिशन चलाया जायेगा. इसी सिलसिले में अरुणालय प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तीन सदस्यीय टीम खगड़िया पहुंची. जो जीविका समूह की महिलाओं से इसके बारे में जानकारी इकट्ठा करने के अलावा इस मॉडल की बारिकियों से रुबरु हुए.
अवधेश कुमार, डीपीएम, जीविका खगड़िया.