खगड़िया : जिसकी लड़ाई हो, उसी की अगुवाई होनी चाहिए. पिछले आठ वर्षो से दियारा के लोग कटाव रोकने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन अब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है. यह बातें सोमवार को समाहरणालय के समक्ष आयोजित कटाव पीड़ितों की सभा को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता सह आप कार्यकर्ता डॉ विवेकानंद ने कही.
लोगों के हित में नहीं हो रहे कार्य
डॉ विवेकानंद ने कहा कि गंगा में कटाव के कारण 27 गांव के लोग विस्थापित होने के कगार पर है. लेकिन राज्य व केंद्र सरकार द्वारा लोगों के हित में कोई कार्य नहीं किया जा रहा है. आप द्वारा कटाव पीड़ितों की सुरक्षा को लेकर संघर्ष की जायेगी. आगामी 17 फरवरी को कमिश्नरी स्तर पर घेरा डालो डेरा डालो कार्यक्रम किया जायेगा.
वहीं लोक गायक सुनील छैला बिहारी ने कहा कि वे स्वयं कटाव का दंश झेल चुके हैं. पीड़ितों की क्या स्थिति होती है, उसे वह महसूस करते हैं. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन व राज्य सरकार से दियारा टोला, रघुनाथपुर, श्रीपुर, शालीग्रामी, छर्रापटी, मल्हीपुर, खरहट व फुलमलिक आदि गांवों के लाखों बीघा उपजाऊ जमीन गंगा नदी के कटाव में समा गया है. मथार, बरखंडी टोला, देवन टोला, सोनवर्षा, एकनियां, लाल टोला, जंगली टोला, टीकारामपुर व जयप्रकाश राज टोला सहित दर्जनों गांव के लोग गंगा के कटाव का दंश झेल रहे हैं.
हजारों की संख्या में थे लोग
दियारा कटाव मुक्ति संघर्ष समिति व दियारा किसान संघ के बैनर तले की गयी महारैली को आप के कार्यकर्ताओं ने समर्थन दिया व हजारों की संख्या में नगर का भ्रमण करते हुए समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन कर आमसभा का आयोजन किया. कार्यक्रम का संयोजक अधिवक्ता कौशल किशोर सिंह ने भी लोगों की समस्याओं को विस्तार से रखा. वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता शिवनंदन यादव ने की. जबकि अन्य वक्ता श्याम नरेश सिंह, जनार्दन यादव, श्यामकिशोर साह आदि ने भी विचार रखे.