खगड़िया : पूर्वोत्तर राज्य को जोड़ने वाले एनएच 31 के बुढ़ी गंडक पुल की जर्जरता का आलम यह है कि इस पर बड़े वाहन गुजरने पर यह जोरों से हिलने लगता है. पुल का फुटपाथ टूट कर चलने लायक नहीं बचा है. एनएच जाम रहने से अधिकांश दो पहिये वाहन पुल के फूटपाथ होकर गुजरते हैं. खासकर रात्रि में रहीमपुर पंचायत के लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल जाता है.
अंधेरी रात में पैदल चलने वालों के लिए हर वक्त दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. 1962 में निर्मित इस पुल की मरम्मत भी नहीं हो पाई है. जिसके कारण दिन ब दिन पुल जर्जरता की भेंट चढ़ता रहा. नतीजतन आज स्थिति यह है कि पुल कब धाराशायी हो जायेगा कहना कठिन है. एनएच विभाग मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति कर पुल को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है.
युवा शक्ति ने दी आंदोलन की धमकी
इस पुल की मरम्मत के लिए स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता सहित युवा शक्ति ने डीएम से मुलाकात कर इस दिशा में पहल की मांग की है. जिलाधिकारी जय सिंह एवं एनएच विभाग को लिखित आवेदन देकर अगाह किया गया है. लेकिन इस दिशा में ठोस पहल नहीं होने के कारण स्थानीय लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. लिहाजा, जल्द ही पुल की मरम्मति की दिशा में पहल नहीं हुई तो युवा शक्ति के नेतृत्व में आंदोलन की सुगबुगाहट तेज होने के आसार है.
महत्वपूर्ण है बूढ़ी गंडक पुल
बंगाल, असम, मणिपुर, सिक्किम नेपाल आदि राज्यों को जोड़ने का वाला बुढ़ी गंडक पुल अगर टूटता है तो आवागमन का संकट उत्पन्न हो सकता है. इसे टूटने के बाद पूर्वोत्तर राज्य का संपर्क टूट जाएगा. जिससे बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार के राजस्व में भारी गिरावट आ सकती है. इधर राकांपा किसान प्रकोष्ट के जिलाध्यक्ष सुधांशु चौधरी ने बताया कि समय रहते अगर इस पुल की मरम्मति नहीं किया गया तो आन्दोलन किया जाएगा.
कहते हैं एनएच विभाग के पदाधिकारी
एनएच 31 के कार्यपालक अभियंता मुकेश कुमार ने बताया कि बुढ़ी गंडक के पुल के फुटपाथ का जर्जर होने तथा पुल के पश्चिमी तरफ टूटने की बात संज्ञान में आते ही मरम्मति कार्य आरंभ कर दिया गया है. इसके अलावा बुढ़ी गंडक के पुल सड़क की भी मरम्मति की जायेगी.