शर्मनाक. रजिस्ट्रर में ओवर राइटिंग कर किसानों की हो रही हकमारी
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किसान से कमीशन मांग रहे बीडीओ
शर्मनाक. रजिस्ट्रर में ओवर राइटिंग कर किसानों की हो रही हकमारी परबत्ता बीडीओ द्वारा योजना का लाभ देने के एवज में 25 प्रतिशत कमीशन मांगने का मामला डीएम के पास पहुंचा है वहीं डीएम ने वरीय प्रभारी पदाधिकारी को एक सप्ताह में जांच कर रिपोर्ट सौंपने का दिया निर्देश दिया है. खगड़िया : फसल क्षति […]
परबत्ता बीडीओ द्वारा योजना का लाभ देने के एवज में 25 प्रतिशत कमीशन मांगने का मामला डीएम के पास पहुंचा है वहीं डीएम ने वरीय प्रभारी पदाधिकारी को एक सप्ताह में जांच कर रिपोर्ट सौंपने का दिया निर्देश दिया है.
खगड़िया : फसल क्षति का मुआवजा राशि वितरण में कमीशन मांगने का मामला डीएम के पास पहुंच गया. परबत्ता बीडीओ डॉ कुंदन पर कमीशन मांगने के आरोप लगाये गये हैं. परबत्ता के लगार गांव निवासी किसान अश्वनी कुमार ने डीएम जय सिंह को आवेदन देकर बीडीओ द्वारा मुआवजा राशि देने के एवज में 25 प्रतिशत कमीशन मांगने की शिकायत की है. जिसे गंभीरता से लेते हुए डीएम ने परबत्ता वरीय प्रभारी पदाधिकारी वासुदेव कश्यप को जांच का निर्देश दिया है, जो सात दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपेंगे. परबत्ता प्रखंड में फसल क्षति वितरण में पहले भी धांधली की शिकायत पर हुई जांच में परबत्ता बीडीओ की भूमिका पर कई सवाल उठाये गये थे, लेकिन जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
पहले 25 प्रतिशत कमीशन देना होगा : डीएम को शिकायत करने पहुंचे किसान अश्वनी कुमार ने कहा कि परबत्ता बीडीओ डॉ कुंदन कहते हैं कि मुआवजा की राशि लेनी है तो पहले 25 प्रतिशत कमीशन देना होगा. पीड़ित किसान ने बताया कि कमीशन की राशि नहीं देने पर तरह-तरह के बहाने बना कर परबत्ता बीडीओ भुगतान में अड़ंगा डाल रहे हैं. किसान ने कहा कि बीते एक वर्ष से वह कई बार इसकी शिकायत कर चुके हैं. बता दें कि प्रखंड में वर्ष 2015 में किसानों को फसल क्षति के मुआवजा के तौर पर राशि वितरण के लिए तीन करोड़ 95 लाख रुपये सरकार द्वारा भेजा गया था.
लाभुकों को आरटीजीएस के माध्यम से सीधे खाता में राशि के हस्तांतरण करने का आदेश दिया गया था, लेकिन प्रखंड में गत वर्ष प्राकृतिक आपदा के कारण क्षतिग्रस्त हुए फसलों के मुआवजा के रूप में सरकार द्वारा भेजी गयी राशि लगभग एक वर्ष बीतने के बाद भी अभी तक पूर्णरूप से वितरित नहीं हो पायी है.
कमीशन नहीं दोगे तो दौड़ते रह जाओगे : फसल क्षति मुआवजा की ओर टकटकी लगाये किसान गत एक वर्ष से अधिक समय से प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते परेशान हो चुके हैं. कई किसानों ने बताया कि बीडीओ के इशारे पर प्रखंड कर्मियों द्वारा राशि वितरण में जान बूझकर देरी की जा रही है. ताकि परेशान होकर कमीशन पहुंच जाये. आवेदक अंजनी यादव ने बताया कि उनके द्वारा डीएम को दिये आवेदन के आलोक में हुई जांच में कृषि सलाहकार पर फसल क्षति को लेकर पूर्व में दिये गये रिपोर्ट को बदलने का दवाब भी दिया गया था. प्रखंड के किसानों को सीधे खाता में राशि भुगतान के लिए उनके बैंक खाता का नंबर लिया गया था. सभी किसानों के खाते में मुआवजा की राशि भेजने का दावा किया गया
सर्वे रिपोर्ट में हेराफेरी कर किसानों की हकमारी : कुछ किसानों का आरोप है कि कृषि समन्वयक के द्वारा फसल क्षति का आकलन कर जो प्रतिवेदन दिया गया उसमें प्रखंड कार्यालय से बैंक जाने के क्रम में मुआवजे की राशि में अंतर हो गया. लगार निवासी अंजनी यादव ने इस संबंध में जिला पदाधिकारी को आवेदन दिया था. जिसके परिणाम स्वरुप अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा की गयी जांच में यह पता चला कि किसानों द्वारा लगाया जा रहा आरोप सही था तथा कई एडवाइस में ओवर राइटिंग और कटिंग हुई है. वहीं अधिकांश किसान शिकायत करने पर मुआवजा नहीं मिलने के भय से चुप्पी साधे हुए हैं.
रजिस्ट्रर में ओवर राइटिंग … हेराफेरी का खेल : वर्ष 2015 में वर्षा तथा ओला वृष्टि से प्रखंड में व्यापक फसल क्षति हुई थी. इस क्षति का मुआवजा देने के लिए सरकार द्वारा प्रखंड को तीन करोड़ 95 लाख रुपये आवंटित किया गया था. इस राशि के वितरण के लिए कृषि विभाग के कर्मियों द्वारा क्षति का आकलन का सर्वेक्षण किया गया था. सर्वे से लेकर भुगतान तक में कमीशनखोरी की आवाज उठने के बाद पूर्व में डीइओ द्वारा की गयी जांच रिपोर्ट में किसान अंजनी यादव द्वारा लगाये गये आरोप सही माना था. तत्कालीन डीएम के निर्देश पर गोगरी एसडीओ द्वारा किये गये
जांच के दौरान प्रखंड के सभी कर्मियों तथा पदाधिकारी के हस्तलिपि का नमूना लिया गया था. इस क्रम में पता चला कि प्रखंड में जिस लिपिक छोटेलाल पासवान को यह अभिलेख आधिकारिक रुप से दिया गया था वह संपूर्ण रुप से किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा संधारित किया गया था. वहीं आवेदक के अभिश्रव पर कटिंग ओवर राईटिंग कथित तौर पर बीडीओ ने खुद किया था. हालांकि परबत्ता बीडीओ डॉ कुंदन ने सारे आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है.
परबत्ता निवासी एक किसान ने आवेदन देकर कहा है कि फसल क्षति मुआवजा देने के एवज में परबत्ता बीडीओ 25 प्रतिशत कमीशन मांग रहे हैं, जो नहीं देने पर भुगतान नहीं किये जाने की शिकायत की गयी है. आवेदन के आलोक में वरीय प्रभारी पदाधिकारी को सात दिनों के अंदर जांच कर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिये गये हैं. जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
जय सिंह, डीएम.
बैंक खाता में गड़बड़ी के कारण कुछ किसानों को फसल क्षति मुआवजा का भुगतान नहीं हो पाया है. किसानों को मुआवजा देने के एवज में कमीशन मांगने, सर्वे
रिपोर्ट में हेराफेरी सहित सारे आरोप बेबुनियाद हैं. साजिश के तहत अनर्गल आरोप लगाये जा रहे हैं.
डॉ कुंदन, बीडीओ, परबत्ता
फसल क्षति मुआवजा देने से पहले परबत्ता बीडीओ 25 प्रतिशत कमीशन मांग रहे हैं. इस अवैध मांग को पूरा नहीं किये जाने के कारण तरह-तरह के बहाने बना कर मुआवजा का भुगतान नहीं किया जा रहा है. पूरे मामले में डीएम को लिखित शिकायत की गयी है. कमीशन की मांग पूरा नहीं किये जाने के कारण सैकड़ों किसानों को मुआवजा का भुगतान लटका कर रखा गया है. किसानों से कमीशनखोरी के खेल में शामिल परबत्ता बीडीओ डॉ कुंदन व संबंधित प्रखंड कर्मी पर तुरंत कार्रवाई की जरूरत है.
अश्वनी कुमार, पीड़ित किसान.
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