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न पानी है, न शौचालय अनदेखी. यात्री विश्राम गृह बना जुआरियों का अड्डा

शहर के ह्रदय स्थली बलुआही तीन मुहानी पर यात्रियों की सुविधाओं के लिए लाखों की लागत से बनाया गया विश्राम गृह आज जुआरियों का अड्डा बना हुआ है. जुआरियों के कारण विश्राम गृह में आराम नहीं कर यात्री बगल के मंदिर में शरण लिये रहते हैं. खगड़िया: शहर के ह्रदय स्थली बलुआही तीन मुहानी पर […]

शहर के ह्रदय स्थली बलुआही तीन मुहानी पर यात्रियों की सुविधाओं के लिए लाखों की लागत से बनाया गया विश्राम गृह आज जुआरियों का अड्डा बना हुआ है. जुआरियों के कारण विश्राम गृह में आराम नहीं कर यात्री बगल के मंदिर में शरण लिये रहते हैं.

खगड़िया: शहर के ह्रदय स्थली बलुआही तीन मुहानी पर यात्रियों की सुविधाओं के लिए लाखों की लागत से बनाया गया विश्राम गृह आज जुआरियों का अड्डा बना हुआ है. यात्री जुआरियों के कारण विश्रामगृह में आराम नहीं कर बगल के मंदिर में शरण लिये रहते हैं. यात्री शेड के अभाव को देख सांसद मद से जिले के लोगों के लिए बलुआही के तीन मुहानी पर यात्री विश्राम गृह का निर्माण किराया गया. 29 लाख की लागत से बनाये गये यात्री विश्राम गृह में किसी प्रकार की सुविधा नहीं है.
यात्रियों के लिए न तो शौचालय बनाया गया है और न ही पानी की व्यवस्था की गयी है. यहीं कारण है कि यात्री विश्राम गृह में यात्री के बदले जुआरी अड्डा जमाये रहते हैं. जानकार लोग बताते हैं कि सांसद क्षेत्र विकास योजना से एनएच 31 किनारे यात्री विश्राम गृह का निर्माण कराया गया था. जिसमें विश्राम गृह के चारों तरफ चारदिवारी व मिट्टी भराई का कार्य मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना से कराया गया था. जिसकी प्राक्कलित राशि 20 लाख रुपये थे. यात्री विश्राम गृह खाली जगहों पर चारदिवारी व मिट्टी भराई कर पार्क की रूप रेखा देनी थी लेकिन अब तक वहां मूलभूत सुविधा भी उपलब्ध नहीं करायी गयी. जानकार ने बताया कि 9 लाख की लागत से पार्क के बीच यात्री विश्राम गृह बनाया गया था.
मंदिर में बैठ कर प्रतीक्षा करते हैं यात्री
विश्राम गृह में जुआरियों के बैठकी के कारण यात्रियों को बगल के मंदिर में शरण लेना पड़ता है. बलुआही बस स्टैंड के समीप यात्रियों के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं है. जबकि जिले के सबसे महत्वपूर्ण स्टैंड है. यहां से देश के विभिन्न भागोंके लिए बस खुलती है. लेकिन यात्री सुविधाओं का ख्याल न तो नगर प्रशासन को है और न ही जिला प्रशासन को है. यात्री पूनम देवी, राधा देवी, लुटन सदा आदि ने बताया कि सड़क खड़ा रहते हैं तो वाहन से भय रहता है. यात्री शेड में जाते हैं तो जुआरियों से भय लगा रहता है इसी लिए वे लोग मंदिर में शरण लेना बेहतर समझते हैं.
यात्रियों को धूप में होती है परेशानी
बस स्टैंड के समीप यात्री शेड नहीं रहने के कारण यात्रियों को धूप के समय सर्वाधिक परेशानी होती है. धूप से बचने के लिए मजबूर होकर चाय की दुकान में शरण लेते हैं जहां उन्हें बैठने के बदले चाय पीना पड़ता है. धूप व वर्षा के समय यात्री को सर्वाधिक परेशानी होती है.
कहते हैं वार्ड पार्षद
वार्ड पार्षद शिवराज यादव ने बताया कि यात्री विश्राम गृह के पास शौचालय व पेयजल की व्यवस्था की व्यवस्था होनी चाहिए थी. जल्द ही इसको लेकर वे नगर परिषद के सशक्त परिषद की बैठक में आवाज बुलंद करेंगे.
कहते हैं नगरसभापति
नगर सभापति मनोहर कुमार यादव ने कहा कि शहर की सौंदर्यकरण को लेकर तीन मुहानी पर यात्री शेड का निर्माण कराया गया था लेकिन पार्क के नाम पर किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी गयी है. नगर परिषद प्रशासन द्वारा यात्री सुविधा को लेकर गंभीर है. जल्द ही बलुआही बस स्टैंड के समीप यात्रियों की सुविधाओं के लिए डीपीआर तैयार किया जाएगा.

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