डीएम जय सिंह ने शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की क्लास लगायी. समाहरणालय में आयोजित समीक्षा बैठक में डीएम श्री सिंह ने सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने की कटिबद्धता दोहराते हुए कई निर्देश दिये.
खगड़िया : ये क्या है! इस महीने प्रसव 588 लेकिन सिजेरियन मात्र एक. यह आंकड़े सरकारी स्वास्थ्य सुविधा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है. सिविल सर्जन साहब ऐसे काम नहीं चलेगा. इसमें तत्काल सुधार लायें. कुछ इस अंदाज में डीएम जय सिंह ने शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की क्लास लगायी.
समाहरणालय में आयोजित समीक्षा बैठक में डीएम श्री सिंह ने सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने की कटिबद्धता दोहराते हुए कई निर्देश दिये. इस दौरान डीएम ने सदर अस्पताल सहित विभिन्न सरकारी अस्पतालों में व्याप्त लचर व्यवस्था की बारी-बारी से समीक्षा की. उन्होंने चिकित्सकों को सेवा भावना से कार्य करते हुए ईमानदारी पूर्वक अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करने का निर्देश दिया. ताकि आम जनता एवं गरीब- जरूरतमंदों को लाभ मिल सके.
बिचौलिये के चंगुल में सरकारी अस्पताल : बैठक के दौरान जब सिविल सर्जन से सिजेरियन कम होने के बावत जवाब मांगा गया तो वे कन्नी काट गये. बाद में सदर अस्पताल से महिला सर्जन को बुलाया गया. उन्होंने सिजेरियन कम होने के पीछे कई वजहें बताते हुए खुद का बचाव किया. उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल सहित विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में सक्रिय बिचौलिये प्रसव के लिये आने वाली महिलाओं को बरगला कर प्राइवेट क्लीनिक ले जा रहे हैं.
इतना ही नहीं पीएचसी से सिजेरियन वाले प्रसूता को रास्ते से ही बिचौलिये अपने चंगुल में लेकर निजी क्लीनिक में ले जाने में सफल हो रहे हैं. डीएम श्री सिंह ने बिचौलिये को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई का निर्देश सिविल सर्जन को दिया. उन्होंने कहा कि इसमें कोई भी कोताही बरदाश्त नहीं किया जायेगा. बैठक व ड्यूटी से लगातार गायब रहने वाले सदर अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ केके सिंह का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण तलब किया गया है.
आउटडोर में मरीज क्यों कम हैं?
अलौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लगातार मिल रही शिकायतों सहित अन्य गड़बड़ियों पर पीएचसी प्रभारी को कड़ी फटकार लगाते हुए डीएम ने तत्काल सुधार का निर्देश दिया. पीएचसी के आउटडोर में मरीजों की कम संख्या पर बिफरते हुए डीएम ने कहा कि आगामी छह जून को जनता से सीधे संवाद कर अलौली की स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल जाना जायेगा. डीएम ने कहा कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने में कोताही करने वाले अधिकारी हो या कर्मचारी कार्रवाई से बच नहीं पायेंगे. बैठक में डीएम ने इस बात पर आश्चर्य प्रकट किया कि पी.एच.सी. से सर्जरी का कोई केस सदर अस्पताल में रेफर नहीं होता है और यदि होता है भी तो मरीज सरकारी अस्पताल पहॅुचने के बजाय कंहा गायब हो रहे हैं.
सुविधाओं से लैस होंगे सरकारी अस्पताल : डीएम श्री सिंह ने कहा कि सदर अस्पताल सहित सभी पी.एच.सी एवं ए.पी.एच.सी में सभी बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जायेगा. जैसे शुद्ध पेयजल, शौचालय, बिजली सहित नवजात शिशु की देखभाल के लिये केयर सेंटर आदि सुविधा मुहैया करवाये जायेंगे.