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मामला अलौली के मेघौना कस्तूरबा विद्यालय बहाली में हुए फर्जीवाड़ा का

अधिकारियों की मिलीभगत से फाइलों में दब गयी फर्जी बहाली के शिकायत की अर्जी फर्जी विश्वविद्यालय की डिग्री पर नियम कायदे को ताक पर रख कर मेघौना कस्तूरबा विद्यालय बहाली में टूटे सारे नियम शिक्षा विभाग के फर्जी सूची में शामिल मेरठ के शोभित यूनिवर्सिटी की डिग्री पर बहाली में अधिकारी की भूमिका संदिग्ध मेघौना […]

अधिकारियों की मिलीभगत से फाइलों में दब गयी फर्जी बहाली के शिकायत की अर्जी

फर्जी विश्वविद्यालय की डिग्री पर नियम कायदे को ताक पर रख कर मेघौना कस्तूरबा विद्यालय बहाली में टूटे सारे नियम
शिक्षा विभाग के फर्जी सूची में शामिल मेरठ के शोभित यूनिवर्सिटी की डिग्री पर बहाली में अधिकारी की भूमिका संदिग्ध
मेघौना कस्तूरबा विद्यालय में फर्जी बहाली प्रकरण में अधिकारियों की चुप्पी पर चर्चा का बाजार गरम है.
अब तक कई बार जांच कर कार्रवाई के लिए आवेदन दिये गये, लेकिन पैसों के बल पर वह सरकारी फाइलों में खो गया. लिहाजा वर्ष 2007 से फर्जीवाड़ा कर बहाल वार्डेन व शिक्षिका पर कार्रवाई नहीं हो पायी है. शिक्षा विभाग के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनाये हुए है.
खगड़िया : अलौली प्रखंड के मेघौना कस्तूरबा विद्यालय में फर्जी बहाली प्रकरण में अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में है. कई बार आवेदन दिये गये. मुखिया जो कि चयन समिति की प्रमुख होती हैं उन्होंने भी शिक्षा विभाग के अधिकारी को आवेदन देकर फर्जी बहाली प्रकरण में कार्रवाई की मांग की, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी इस ओर उदासीन है. इधर, पूर्व वार्डेन रिंकी देवी ने कहा कि अवैध उगाही के सहारे कार्रवाई की अर्जी गुम कर दी जा रही है.
अधिकारी की चुप्पी के पीछे पैसों का खेल तो नहीं!
मघौना कस्तूरबा विद्यालय में फर्जी बहाली के बारे में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सब पता है, लेकिन अधिकारी कार्रवाई के नाम पर कन्नी काट रहे हैं. ऐसे में अधिकारियों की कार्यशैली दाल में काला की ओर इशारा कर रही है. सब कुछ जानते हुए भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों की चुप्पी से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं.
मुखिया की अर्जी भी विभाग में गुम : मेघौना पंचायत की मुखिया प्रतिमा देवी ने भी बहाली प्रक्रिया को फर्जी बताते हुए डीएम को आवेदन देकर आवश्यक कदम उठाने की मांग की है. इससे पहले भी कई बार आवेदन दिया गया, लेकिन कार्रवाई शून्य रहा. मुखिया प्रतिमा देवी ने कहा है कि वर्ष 2007 में फर्जी शिक्षा समिति, वर्तमान मुखिया को छोड़ 20 वर्ष पूर्व नोमनेट मुखिया के द्वारा बहाली कर ली गयी. जबकि नियमत: ऐसा करना सरकारी प्रावधान का घोर उल्लंघन है. जिसमें वार्डेन पद पर मधुलता कुमारी, पूर्ण काली शिक्षिका मंजु कुमारी , कुमारी मंजु भारती एवं नीता कुमारी को मेरठ के फर्जी शोभित यूनिवर्सिंटी के स्नातक प्रमाण पत्र के आधार पर तैनात रखा गया है.

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