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आर्थिक क्षतिपूर्ति अनुदान में हेराफेरी!

गरीबों के लिए खोले गये पोषण पुनर्वास केंद्र में फैले भ्रष्टाचार की आग में सरकारी योजना झुलस रही है. यहां बच्चों का कुपोषण दूर हो या न हो सरकारी प्रावधान के अनुसार क्षतिपूर्ति अनुदान भुगतान में फर्जी हस्ताक्षर कर सरकारी राशि की बंदरबांट कर ली जाती है. अगर गहराई से जांच हो तो इस गोरखधंधे […]

गरीबों के लिए खोले गये पोषण पुनर्वास केंद्र में फैले भ्रष्टाचार की आग में सरकारी योजना झुलस रही है. यहां बच्चों का कुपोषण दूर हो या न हो सरकारी प्रावधान के अनुसार क्षतिपूर्ति अनुदान भुगतान में फर्जी हस्ताक्षर कर सरकारी राशि की बंदरबांट कर ली जाती है. अगर गहराई से जांच हो तो इस गोरखधंधे में लिप्त कर्मियों की कारगुजारी पर से भी परदा हट सकता है. इधर, डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिये हैं.

खगड़िया : गरीब बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिये खोले गये पोषण पुनर्वास केंद्र में फैले भ्रष्टाचार के कारण सरकारी राशि का बंदरबांट का दौर जारी है. ताजा मामला आर्थिक अनुदान वितरण में हेराफेरी से जुड़ा हुआ है. जिसमें भरती होने वाले बच्चों के परिजनों को 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान है.
इसी राशि में गोलमाल के खुलासा बाद डीएम ने पूरे मामले के जांच के आदेश दिये हैं. इधर, डीएम के कड़े रुख को देखते हुए सिविल सर्जन ने टीम गठित कर गहराई से जांच के संकेत दिये हैं. जिसके बाद सरकारी राशि में हेराफेरी की मलाई खाने वाले पोषण पुनर्वास केंद्र के कर्मियों में हड़कंप व्याप्त है. हालांकि केंद्र के अधिकारी किसी भी स्तर पर गड़बड़ी से साफ तौर पर इंकार करते हैं, लेकिन पोषण पुनर्वास केंद्र के दस्तावेज बड़े पैमाने पर सरकारी राशि की हेराफेरी की ओर इशारा कर रहे हैं.
फर्जी हस्ताक्षर कर सरकारी राशि का गोलमाल! :
अलौली निवासी संजय यादव के पुत्र प्रियांशु को जून में कुपोषित होने के बाद पोषण पुनर्वास केंद्र में भरती करवाया गया था. 16 दिनों तक भरती रहने के बाद नियमत : 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से प्रोत्साहन राशि के दर से 800 रुपये की जगह 100 रुपये देकर विदा कर दिया गया. वह तो शुक्र था कि मामला प्रभात खबर के संज्ञान में आया.
इसके बाद आनन-फानन में बाकी की रकम का भुगतान कर गड़बड़ी पर परदा डालने की कोशिश की जा रही है. इसी तरह पोषण पुनर्वास केंद्र के आर्थिक क्षतिपूर्ति अनुदान रजिस्टर में लाभुकों के हस्ताक्षर की जगह व्हाइटनर का प्रयोग कर हेराफेरी को अंजाम दिये जाने की आशंका है.
इसी तरह रजिस्टर के क्रमांक 1107 पर अंकित 07 सितंबर से 24 सितंबर तक भरती कंचन देवी के पुत्र व क्रमांक 1119 पर अंकित 15 सिंतबर से 25 सिंतबर तक भरती पिंकी देवी की पुत्री के प्रोत्साहन राशि के भुगतान में व्हाइटनर का प्रयोग कर फर्जी हस्ताक्षर किये जाने की आशंका है. ऐसे एक दो नहीं, बल्कि दर्जनाें मामले हैं, जिनमें फर्जी हस्ताक्षर के सहारे क्षतिपूर्ति अनुदान में गड़बड़ी को अंजाम देकर सरकारी राशि के बंदरबांट की प्रबल आशंका है.

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