तीन वर्षों से बिना वेतन के कार्यरत है शिक्षिका नियोजन ईकाई की गलती की सजा भुगत रही है शिक्षिका प्रतिनिधि, परबत्ताप्रखंड में बीते तीन वर्षों से कार्यरत रहने के बावजूद नियोजित एक शिक्षिका को मानदेय नहीं मिल रहा है. प्रखंड शिक्षक नियोजन वर्ष 2012 में नियोजित इस शिक्षिका को नियोजन ईकाई उस अपराध की सजा दे रही है जो उन्होंने किया ही नहीं है. प्रखंड में वर्ष 2012 में शुरू शिक्षक नियोजन में वर्ष 2013 में इस नियोजित शिक्षिका को नियोजन पत्र दिया गया. निशा कुमारी नामक एक अन्य अभ्यर्थी ने तत्कालीन जिला पदाधिकारी संजय सिंह को आवेदन देकर नियोजन में अनियमितता की शिकायत दर्ज कराया. डीएम ने वरीय उपसमाहर्ता की टीम के साथ स्वयं इस मामले से संबंधित अभिलेखों की जांच किया. जांच के पश्चात नियोजन से संबंधित अभिलेखों को जिले के आधिकारिक वेबसाईट पर डाल दिया गया. इस प्रकाशन से पता चला कि नियोजन में डेढ दर्जन ऐसे शिक्षकों को नियोजन पत्र दिया गया है. जिनका नाम किसी चयन सूची में नहीं है. इसके अलावा कुछ अभ्यर्थियों को गलत रोस्टर पर बहाल कर दिया गया था. जिसमें श्वेतांगिनी सुमन, पंकज कुमार तथा आशीष कुमार का नाम शामिल है. गलत रोस्टर पर बहाल इन शिक्षकों के वेतन के संबंध में जब जिला से मार्गदर्शन मांगा गया तो तत्कालीन डीईओ श्यामबाबू राम ने सभी संदिग्ध नियोजित शिक्षकों को हटाने तथा प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश निर्गत कर दिया. हालांकि प्रखंड शिक्षक नियोजन ईकाई ने 6 जनवरी को बैठक कर इन तीनों शिक्षकों का रोस्टर बिंदु परिवर्तित कर जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को अनुमोदन के लिये भेज दिया. लेकिन जिला से इस संशोधन का अनुमोदन की बजाय उक्त तीनों सीट को रिक्त घोषित कर नियोजन प्रक्रिया आगे बढाने के लिये भेज दिया. वेतन के लिये ये तीनों नियोजित शिक्षक जिला स्तर पर लगातार दौड़ धूप कर थक चुके हैं. बाद में दो शिक्षकों को जिला शिक्षक अपीलीय प्राधिकार से राहत मिली और वेतन मिल गया. अब बिना मानदेय के तीन वर्षों से काम कर रहे सभी नियोजित शिक्षकों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. लाचार होकर अब श्वेतांगिनी सुमन ने भी जिला शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार में मामला दर्ज कराया है. इस मामले की सुनवाई अभी पूरी नहीं हो सकी है.कहते हैं बीइओ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश कुमार यादव ने बताया कि मामला अब प्राधिकार में चल रहा है. आदेश आने पर आगे की कार्यवाई की जायेगी.
तीन वर्षों से बिना वेतन के कार्यरत है शक्षिकिा
तीन वर्षों से बिना वेतन के कार्यरत है शिक्षिका नियोजन ईकाई की गलती की सजा भुगत रही है शिक्षिका प्रतिनिधि, परबत्ताप्रखंड में बीते तीन वर्षों से कार्यरत रहने के बावजूद नियोजित एक शिक्षिका को मानदेय नहीं मिल रहा है. प्रखंड शिक्षक नियोजन वर्ष 2012 में नियोजित इस शिक्षिका को नियोजन ईकाई उस अपराध की सजा […]
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