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शक्षिक नियोजन की जांच रिपोर्ट फाइलों में गुम

शिक्षक नियोजन की जांच रिपोर्ट फाइलों में गुम तत्कालीन जिलाधिकारी ने गठित की थी जांच कमेटी, बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का हुआ था खुलासा डीएम के गोपनीय प्रभारी द्वारा जांच रिपोर्ट सौंपने की चिठ्ठी भेजने के बाद भी अनजान बना रहा शिक्षा विभाग जांच रिपोर्ट नहीं सौंपे जाने से कार्रवाई पर लगा ब्रेक, मजे से […]

शिक्षक नियोजन की जांच रिपोर्ट फाइलों में गुम तत्कालीन जिलाधिकारी ने गठित की थी जांच कमेटी, बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का हुआ था खुलासा डीएम के गोपनीय प्रभारी द्वारा जांच रिपोर्ट सौंपने की चिठ्ठी भेजने के बाद भी अनजान बना रहा शिक्षा विभाग जांच रिपोर्ट नहीं सौंपे जाने से कार्रवाई पर लगा ब्रेक, मजे से नौकरी करते रहे फर्जी गुरुजी निगरानी जांच शुरू होने से फर्जी गुरुजी सहित गड़बड़ी में शामिल कर्मी की फूल रही सांसें राज्य सूचना आयुक्त ने दो महीने के अंदर डीएम से मांगा जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई का ब्योरा प्रतिनिधि, खगड़ियाजिले में हुए शिक्षक नियोजन की जांच के लिए पहले भी जांच कमेटी गठित हुई थी. जांच रिपोर्ट आयी, लेकिन वह सरकारी फाइलों में दब गयी. लिहाजा अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पायी और फर्जीवाड़ा कर बहाल हुए गुरुजी मजे से नौकरी कर रहे हैं. बताया जाता है कि जांच रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर गोलमाल का खुलासा हुआ था. हालांकि अब निगरानी जांच शुरू होने से ऐसे शिक्षकों पर शिकंजा कसे जाने की पूरी उम्मीद है. पर, सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब पूर्व की जांच रिपोर्ट में शिक्षक नियोजन में बड़े पैमाने पर गोलमाल का खुलासा हुआ था तो उस वक्त क्यों नहीं कार्रवाई की गयी? जांच संबंधी संचिका देने में क्यों हुई आनाकानी वर्ष 2010 में जिला गोपनीय शाखा के विशेष कार्य पदाधिकारी आनंद प्रकाश ने तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र भेज कर शिक्षक नियोजन में अनियमितता की जांच संबंधी संचिका देने के लिए कहा था. पर, शिक्षा विभाग आनाकानी करता रहा. ऐसे में सवाल उठता है कि जांच रिपोर्ट देने में आखिर आनाकानी क्याें की गयी? बता दें कि तत्कालीन जिलाधिकारी ने कमेटी गठित कर जिले भर में हुए शिक्षक नियोजन की जांच का निर्देश दिया था. जिले की 129 पंचायतों में से 120 पंचायतों में शिक्षक नियोजन किया गया. इनमें बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गयी. पर, मैनेज व सेटिंग-गेटिंग की बदौलत फर्जीवाड़ा कर बहाल गुरुजी मजे से नौकरी कर रहे हैं. आधे-अधूरे अभिलेख से गड़बड़ी की आशंका बीते दिनों से खगड़िया में कैंप किये हुए निगरानी की टीम को मिले शिक्षक नियोजन की फाइलों में कई गड़बड़ी सामने आने लगी है. निगरानी टीम को शिक्षा विभाग द्वारा सौंपे गये सैकड़ों अभिलेख अधूरे हैं. इसके कारण शिक्षक नियोजन में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरते जाने की बू आ रही है. बताया जाता है उस वक्त बह रही भ्रष्टाचार की गंगा में कई लोग हाथ धो कर गुरुजी बनने में कामयाब रहे. संदिग्ध संस्थानों की डिग्री से लेकर फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर भी सेटिंग-गेटिंग की बदौलत कई लोग नियोजित होने में कामयाब रहे. सूत्रों की मानें, तो अलौली प्रखंड में एक ही परिवार के सात लोगों ने पिछले दरवाजे से शिक्षक की नौकरी पा ली. इसके अलावा अलौली प्रखंड में संदेहास्पद डिग्री के बल पर करीब चार दर्जन लोगों के शिक्षक की नौकरी प्राप्त किये जाने का खुलासा सूचना के अधिकार से हुआ है. ऐसे में अब निगरानी जांच शुरू होने के बाद ऐसे गुरुजी पर शिकंजा कसे जाने की उम्मीद जतायी जा रही है.

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