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बेगूसराय में राजेश की जासूसी करने वाला कौन?

बेगूसराय में राजेश की जासूसी करने वाला कौन? रेल दुर्घटना में घायल राजेश के परिजनों ने रेलवे पर लगाया जासूसी का आरोप प्राथमिकी करके फंसता जा रहा है रेल प्रशासन, रेल अधिकारियों ने साधी चुप्पी जिला प्रशासन द्वारा सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट में भी रेलवे के दावे पर उठे सवाल घटना के वक्त ढाला […]

बेगूसराय में राजेश की जासूसी करने वाला कौन? रेल दुर्घटना में घायल राजेश के परिजनों ने रेलवे पर लगाया जासूसी का आरोप प्राथमिकी करके फंसता जा रहा है रेल प्रशासन, रेल अधिकारियों ने साधी चुप्पी जिला प्रशासन द्वारा सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट में भी रेलवे के दावे पर उठे सवाल घटना के वक्त ढाला खुला हुआ था या बंद, दोनों पक्ष अपने-अपने दावे पर अड़े -बड़ा सवाल बंद ढाला से बाइक सवार चार लोग कैसे कर गये पार? अस्पताल में भरती राजेश आखिर रेलवे ट्रैक जाम आंदोलन में कैसे हो गया शामिल ?पुलिस के अनुसार राजेश अस्पताल में भरती, तो रेलवे ने क्यों करवायी प्राथमिकी ? मुफस्सिल थाना की प्राथमिकी में राजेश नामजद नहीं, तो रेलवे की नजर में दोषी कैसे? घटना की शाम बिना जांच हुए डीआरएम ने कैसे कहा, रेलवे की कोई गलती नहीं ? ———————-ये सरासर गलत बात है. डीआरएम आखिर किसी डॉक्टर को क्यों फोन करेंगे. इस पूरे इलाज से रेलवे का कोई लेना देना नहीं है. इससे ज्यादा कुछ नहीं बोल सकते. एके रजक, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुरये सब ‘ अन ऑफिशियल ‘ बात है. हम आपको नहीं बता सकते. नलिनी रंजन सिंह, चिकित्सक, बेगूसराय मरीज की स्थिति की जानकारी लेने जब डॉ नलिनी रंजन सिंह के पास पहुंचे, तो उन्होंने कहा कि डीआरएम का भी बार-बार फोन आ रहा है. इधर, तीन दिन अलग-अलग आदमी क्लिनिक में आये. राजेश की तसवीर सहित जानकारी लेने के बाद बिना कुछ बताये चले गये. बाद में पता चला कि वह डीआरएम के कहने पर यहां आये थे. सदानंद भगत, घायल राजेश के साढ़ू————-ढाला खुल..ल रहैय हौ बाबू इधर, घटना में घायल कोमल अपने पति पर रेलवे द्वारा हंगामा की प्राथमिकी दर्ज करवाये जाने से काफी गुस्से में नजर आयी. उन्होंने रोते हुए बताया कि ढाला खुल..ल रहैय हौ बाबू.—————प्रतिनिधि, खगड़ियाट्रेन व बाइक की टक्कर के बाद बेगूसराय स्थित निजी क्लिनिक में इलाज करवा रहे घायल राजेश भगत की जासूसी कौन कर रहा है? परिजनों की मानें तो रेलवे प्रशासन राजेश व रिया की जासूसी करवा रहा है. घटना के दिन से लेकर 27 नवंबर तक क्लिनिक में अलग-अलग आदमी आकर राजेश के बारे में पूछताछ कर रहे थे. पूछने पर अपने बारे में कुछ नहीं बताया. बाद में पता चला कि रेलवे के आदमी थे. राजेश के साढ़ू सदानंद भगत ने बताया कि इलाज कर रहीं डॉ नलिनी रंजन सिंह ने कहा कि डीआरएम का भी बार-बार फोन आ रहा है. श्री भगत ने कहा कि आखिर डीआरएम सहित रेलवे क्या चाह रहा है? इस संबंध में डीआरएम से बात करने की कोशिश विफल होने के कारण उनका पक्ष नहीं लिया जा सका. इन सारे घटनाक्रमों के बीच कई सवाल ऐसे हैं जो रेलवे के दावे की पोल खोल रहे हैं. घटना की कहानी, प्रत्यक्षदर्शी की जुबानी मंगलवार को संसारपुर ढाला के समीप हुए हादसे के प्रत्यक्षदर्शी सदानंद भगत ने कहा कि रेलवे प्रशासन सरासर झूठ बोल रहा है. घटना के दिन वह और राजेश अलग-अलग मोटरसाइकिल से जमालपुर से खगड़िया आ रहे थे. घटना के वक्त वह सौ मीटर दूरी पर पीछे रह गये, वरना वह भी हादसे के शिकार होते. हमने देखा कि घटना के वक्त ढाला खुला हुआ था. दुर्घटना के बाद ढाला गिरा कर ट्रैक मैन भाग निकला. इसके बाद राजेश को पुलिस की गाड़ी से सदर अस्पताल फिर रेफर होने के बाद बेगूसराय स्थित डॉ नालिनी रंजन के क्लिनिक में भरती करवाया गया. जहां वह अभी भी इलाजरत है. इधर, रेलवे ने खुद की गलती छिपाने के लिए राजेश पर हंगामा करने का झूठा आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करवा दी है. इसके खिलाफ कोर्ट में रेलवे अधिकारी के खिलाफ जल्द ही मुकदमा करने का एलान करते हुए कहा कि ढाला खुला होने के कारण हादसा हुआ और घर के इकलौते चिराग की जान चली गयी. घायल पिता-पुत्री अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं. हंगामा… नामजद… अलग अलग कैसे मुफस्सिल थाने में दर्ज प्राथमिकी में 15 नामजद व तीन चार सौ अज्ञात के खिलाफ विधि व्यवस्था का मामला दर्ज किया गया है. इसमें राजेश का नाम नहीं है. रेलवे अधिकारी ने घटना के अगले दिन आरपीएफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करवा कर घटना के बाद हो हंगामा व रेलवे ट्रैक जाम का मुख्य आरोपी राजेश को बना दिया, जबकि वह अस्पताल में भरती है. रेलवे का यह कदम लोगों को पच नहीं रहा है. युवा शक्ति के प्रदेश अध्यक्ष नागेन्द्र सिंह त्यागी ने कहा कि पुलिस ने ही अस्पताल राजेश को अस्पताल पहुंचाया, तो उसका नाम भला वह कैसे दे सकती थी. इधर, रेलवे अधिकारी खुद की गरदन बचाने के लिए झूठी प्राथमिकी करवा रहे हैं. आखिर अस्पताल में भरती राजेश रेलवे अधिकारी को हंगामा करते हुए कैसे नजर आ गये? इधर, रेलवे अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है.————–

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