खगड़िया : बाल विकास परियोजना कार्यालय कार्यालय में सरकारी नियम कायदे कोई मायने नहीं रखते हैं. जब मरजी हुआ कार्यालय आये और जब मन हुआ चल दिये की तर्ज पर सीडीपीओ कार्यालय संचालित हो रहा है. इधर, चौथम प्रखंड स्थित सीडीपीओ कार्यालय चपरासी चला रहा है.
इसका खुलासा डीडीसी अब्दुल बहाव अंसारी द्वारा चौथम सीडीपीओ कार्यालय के निरीक्षण के दौरान हुआ है. सूत्रों के अनुसार ऐसी स्थिति अधिकांश दिनाें की है. विभिन्न प्रखंडों में स्थित सीडीपीओ कार्यालय की स्थिति बदतर हो गयी हैं.
महिला पर्यवेक्षिका नहीं करतीं भ्रमण ग्रामीणों की मानें तो चौथम प्रखंड में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल बेहाल है. केंद्रों के निरीक्षण के लिये नियुक्त महिला पर्यवेक्षिका व सीडीपीओ को फुरसत नहीं है.
अधिकांश समय कार्यालय में चपरासी के अलावा किसी भी कर्मी का दर्शन होना मुश्किल है. सबसे खराब स्थिति तो दियारा इलाके में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों की है. यहां पर अधिकारियों को झांकने की फुरसत नहीं है. लिहाजा दियारा सहित दूर-दराज के केंद्र अधिकांश दिनों बंद ही रहते हैं. नियमत: आंगनबाड़ी केंद्रों पर भ्रमण कर प्रतिदिन महिला पर्यवेक्षिका को सीडीपीओ कार्यालय में रिपोर्ट करना है.
कागज पर दौड़ रही आइसीडीएस की गाड़ी पहले से बदनाम बाल विकास परियोजना की स्थिति खगड़िया में कुछ ज्यादा ही खराब है. यूं तो शहरी क्षेत्रों में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति भी कुछ ठीक नहीं कही जा सकती, लेकिन दूर-दराज व दियारा इलाके में स्थित केंद्रों का भगवान ही रखवाला है.
भौगोलिक दृष्टि से दुर्गम माना जाने वाले इस इलाके में बाल विकास परियोजना से जुड़े अधिकारियों को जांच करने की फुरसत नहीं है. सूत्रों की मानें तो मैनेज संस्कृति के सहारे सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है. हालांकि विभागीय अधिकारी किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से इनकार करते हैं, लेकिन धरातल पर की सच्चाई दाल में काला की ओर इशारा कर रही है.
डीडीसी के निरीक्षण के दौरान महिला पर्यवेक्षिका के भ्रमण पंजी में गड़बड़ी कुछ यही कहानी कह रही है. मानसी में कर रही थी भ्रमण दो जगहों का प्रभार संभाल रही सीडीपीओ प्रीति कुमारी कहतीं है कि डीडीसी के निरीक्षण के दौरान वह मानसी में भ्रमण कर रही थीं. साथ ही महिला पर्यवेक्षिका को पल्स पोलियो की देखरेख के लिए क्षेत्र में भेजा गया था.
कोट-चौथम सीडीपीओ कार्यालय के निरीक्षण के दौरान सिर्फ एक अनुसेवक मौजूद पाया गया. बाकी सब कार्यालय से गायब थे. साथ ही पंजी के अवलोकन में कई गड़बड़ी पायी गयी. पूरी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी गयी है. अब्दुल बहाव अंसारी, डीडीसी