खगड़िया : प्राथमिक विद्यालय कात्यायनी स्थान की जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के खुलासा बाद स्कूल के प्रधान शिक्षिका व पूर्व प्रधान शिक्षक पर प्राथमिकी दर्ज कराने के लिये चौथम प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी चार दिनों से घूम रहे हैं. वैसे इस पूरे मामले में शुरू से ही शिक्षा विभाग की कार्यशैली सवालों के घेरे में है. तभी तो 17 सितंबर को जारी डीइओ के आदेश पर अब तक अमल नहीं हो पाया है.
प्राथमिकी के सवाल पर शिक्षा अधिकारी व मानसी थाना पुलिस एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं. चौथम प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रामकुमार सिंह कहते हैं कि चार दिनों पूर्व आवेदन लेकर मानसी थाना जाने पर वहां से लौटा दिया गया. लेकिन मानसी थानाध्यक्ष राजेश रंजन कहते हैं कि चौथम बीईओ बिना आवेदन के ही थाना मंे प्राथमिकी दर्ज कराने आये थे.
उन्हें आवेदन लिख कर देने को कहा गया तो उन्होंने कहा कि अब दूसरे दिन आकर आवेदन दे देंगे. लेकिन चार दिन बीत जाने के बाद भी वह फिर लौट कर नहीं आये हैं. -मामला मैनेज करने के लिये अपनाये कई हथकंडेपूरे घटनाक्रम पर नजर डाले तो पहले डीएम के निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों द्वारा विद्यालय में हो रहे कारनामे सहित शिकायत की झड़ी लगाने,
फिर डीपीओ मध्याह्न भोजन की जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा, बाद में जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा स्कूल के प्रधान शिक्षक व पूर्व प्रधान शिक्षक पर प्राथमिकी के आदेश निर्गत करने, फिर तरह तरह से पूरे मामले में मैनेज करने की कोशिश के बीच अब तक कार्रवाई नहीं होने से शिक्षा विभाग की कार्यशैली की पोल खुल गयी है.
चौथम बीईओ ने यह कह कर चौंका दिया था कि वीआईपी की पैरवी और शिक्षा विभाग के अधिकारी के मौखिक आदेश के कारण प्राथमिकी में देरी हो रही है. सूत्रों की मानें तो प्राथमिकी की जद में आने वाले दोनों शिक्षकों ने बचने के लिये तरह तरह के हथकंडे अपनाये हैं. समाहरणालय पर प्रदर्शन कर चुके हैं स्कूल के बच्चे इससे पूर्व प्राथमिक विद्यालय कात्यायनी स्थान के बच्चों द्वारा समाहरणालय के समक्ष धरना प्रदर्शन कर स्कूल में चल रहे खेल पर से परदा हटाया था.
बताया जाता है कि भ्रमण के क्रम में जिलाधिकारी साकेत कुमार स्वयं इस विद्यालय पहुंचे थे. जहां ग्रामीणों ने इस स्कूल के अलावा इलाके में मौजूद और कई स्कूलों में पठन-पाठन व सरकारी योजनाओं में चल रहे गोलमाल के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कार्रवाई की मांग की. जिसके बाद डीएम के निर्देश पर डीपीओ ने पूरे मामले की स्थलीय जांच की, तो शिकायत सच निकली.
क्या था डीईओ का आदेश 17 सितंबर 2015 को जिला शिक्षा पदाधिकारी ब्रजभूषण सिंह ने जांच रिपोर्ट के आधार पर चौथम प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को प्राथमिक विद्यालय कात्यायनी स्थान के प्रधान शिक्षिका आशा भारती व पूर्व प्रभारी दिवाकर चौधरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर सात दिनों के अंदर प्रतिवेदन उपलब्ध करवाने का स्पष्ट निर्देश दिया था.
इतना ही नहीं ससमय अनुपालन नहीं होने पर बीईओ को भी दोषी मानते हुए आगे की कार्रवाई का जिक्र आदेश में है. आखिरकार पूर्व की तरह इस बार भी पैरवी के बल प्राथमिकी का आदेश दबा दिया गया. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कौन से अधिकारी इस पूरे मामले में आरोपी शिक्षकों को बचाना चाहते हैं? सात दिनों के अंदर अनुपालन प्रतिवेदन नहीं देने के पीछे तरह तरह के बहाने बनाने वाले प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की पूरे मामले में खुद ही फंसते जा रहे हैं.